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8 दिसंबर से शुरू हो रही उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, कांग्रेस ने धामी सरकार से पूछे ये 5 सवाल - ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023

Karan Mahara asked questions to the government ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट शुरू होने से पहले उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार से 5 सवाल पूछे हैं. उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार के दौरान भी हुए निवेश पर सवाल खड़े किए हैं.

karan mahra
करना माहरा
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 5, 2023, 5:12 PM IST

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर कांग्रेस के धामी सरकार से 5 सवाल

देहरादूनः उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 8 और 9 दिसंबर को वैश्विक निवेशक सम्मेलन- 2023 (ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट) होने जा रहा है, जिसकी तैयारियां जोरों पर चल रही है. इसमें सरकार ने ढाई लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य रखा है. लेकिन इन्वेस्टर्स समिट शुरू होने से पहले ही कांग्रेस ने समिट को लेकर सरकार से पांच सवाल पूछे हैं.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने ग्लोबल मैकेंजी कंपनी और उत्तराखंड सरकार के बीच की साझेदारी पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने ग्लोबल मैकेंजी कंपनी के साथ निवेश बढ़ाने का करार किया था. इसके लिए कंपनी को करोड़ों रुपए का भुगतान भी किया गया. उन्होंने सवाल उठाया कि मैकेंजी ग्रुप को उत्तराखंड क्यों लाया गया? इस कंपनी को ढाई लाख रुपए के हिसाब से प्रतिदिन भुगतान किया जा रहा है. भाजपा सरकार को ये बताना चाहिए कि साढ़े चार महीने में कंपनी की क्या उपलब्धियां रही?

दूसरा सवाल उठाते हुए करन माहरा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने विकास की नींव रखते हुए दो सिडकुल की स्थापना की थी. उनमें कितना इन्वेस्टमेंट आया और कितनी बड़ी कंपनियां प्रदेश से वाइंड अप करके चली गई? उन्होंने तीसरा सवाल उठाते हुए कहा कि जो कंपनियां पहले से ही उत्तराखंड में काम कर रही हैं, उन कंपनियों से लंदन में जाकर करार करने की क्या आवश्यकता पड़ी? जबकि इस कंपनी का मुख्यालय गाजियाबाद में स्थित है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर सीएम धामी ने ली बैठक, सभी तैयारियां समय से पूरी करने का आदेश

माहरा ने चौथा सवाल करते हुए कहा कि 2018 में त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था. उसमें भी सरकार ने कई लाख करोड़ के निवेश की बात कही थी. 7 लाख युवाओं को रोजगार दिए जाने के होर्डिंग्स भी जगह-जगह लगाए थे. निवेश और युवाओं को रोजगार दिए जाने पर सरकार ने अभी तक श्वेत पत्र जारी नहीं किया.

उन्होंने पांचवां सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सरकार प्रदेश को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति मुहैया करा रही है. उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि उत्तराखंड में बीते साढ़े तीन महीनों में करीब 400 सड़कें लगातार बंद रही. ऐसी स्थिति में यदि इन आंकड़ों पर सरकार गौर करे तो यह समझ में आ जाएगा कि इन्वेस्टर्स समिट का क्या होने वाला है.

ईवीएम पर संदेह: वहीं, तीन राज्यों में हुई कांग्रेस की हार पर उत्तराखंड पीसीसी चीफ करन माहरा ने प्रतिक्रिया दी. हालांकि हार के लिए उन्होंने सीधे तौर पर ईवीएम को जिम्मेदार तो नहीं ठहराया है लेकिन संदेह खड़ा किया है.

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर कांग्रेस के धामी सरकार से 5 सवाल

देहरादूनः उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 8 और 9 दिसंबर को वैश्विक निवेशक सम्मेलन- 2023 (ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट) होने जा रहा है, जिसकी तैयारियां जोरों पर चल रही है. इसमें सरकार ने ढाई लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य रखा है. लेकिन इन्वेस्टर्स समिट शुरू होने से पहले ही कांग्रेस ने समिट को लेकर सरकार से पांच सवाल पूछे हैं.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने ग्लोबल मैकेंजी कंपनी और उत्तराखंड सरकार के बीच की साझेदारी पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने ग्लोबल मैकेंजी कंपनी के साथ निवेश बढ़ाने का करार किया था. इसके लिए कंपनी को करोड़ों रुपए का भुगतान भी किया गया. उन्होंने सवाल उठाया कि मैकेंजी ग्रुप को उत्तराखंड क्यों लाया गया? इस कंपनी को ढाई लाख रुपए के हिसाब से प्रतिदिन भुगतान किया जा रहा है. भाजपा सरकार को ये बताना चाहिए कि साढ़े चार महीने में कंपनी की क्या उपलब्धियां रही?

दूसरा सवाल उठाते हुए करन माहरा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने विकास की नींव रखते हुए दो सिडकुल की स्थापना की थी. उनमें कितना इन्वेस्टमेंट आया और कितनी बड़ी कंपनियां प्रदेश से वाइंड अप करके चली गई? उन्होंने तीसरा सवाल उठाते हुए कहा कि जो कंपनियां पहले से ही उत्तराखंड में काम कर रही हैं, उन कंपनियों से लंदन में जाकर करार करने की क्या आवश्यकता पड़ी? जबकि इस कंपनी का मुख्यालय गाजियाबाद में स्थित है.
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माहरा ने चौथा सवाल करते हुए कहा कि 2018 में त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था. उसमें भी सरकार ने कई लाख करोड़ के निवेश की बात कही थी. 7 लाख युवाओं को रोजगार दिए जाने के होर्डिंग्स भी जगह-जगह लगाए थे. निवेश और युवाओं को रोजगार दिए जाने पर सरकार ने अभी तक श्वेत पत्र जारी नहीं किया.

उन्होंने पांचवां सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सरकार प्रदेश को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति मुहैया करा रही है. उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि उत्तराखंड में बीते साढ़े तीन महीनों में करीब 400 सड़कें लगातार बंद रही. ऐसी स्थिति में यदि इन आंकड़ों पर सरकार गौर करे तो यह समझ में आ जाएगा कि इन्वेस्टर्स समिट का क्या होने वाला है.

ईवीएम पर संदेह: वहीं, तीन राज्यों में हुई कांग्रेस की हार पर उत्तराखंड पीसीसी चीफ करन माहरा ने प्रतिक्रिया दी. हालांकि हार के लिए उन्होंने सीधे तौर पर ईवीएम को जिम्मेदार तो नहीं ठहराया है लेकिन संदेह खड़ा किया है.

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