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श्रमिक कार्ड को लेकर राजनीति शुरू, कांग्रेस-बीजेपी में बयानबाजी तेज

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Published : Aug 8, 2020, 9:56 PM IST

कॉमन सर्विस सेंटर में श्रमिक कार्ड बनने को लेकर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस इसे अपने आंदोलन की जीत बता रही है तो वहीं बीजेपी के नेता इसे सरकार की उपलब्धि बता रहे हैं.

श्रमिक कार्ड
श्रमिक कार्ड

डोईवालाः कॉमन सर्विस सेंटर में श्रमिक कार्ड बनने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. एक तरफ श्रमिक इसका फायदा ले रहे हैं तो दूसरी तरफ इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस का कहना है कि ये उनके आंदोलन की जीत है तो वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी इसे सरकार की उपलब्धि बता रही है और सरकार को श्रमिक हितैषी बता रहे हैं.

कांग्रेसी नेता मोहित उनियाल ने कहा कि श्रमिकों को पहले श्रमिक कार्ड बनवाने के लिए देहरादून के चक्कर काटने पड़ते थे और दलालों पर निर्भर रहना पड़ता था. लेकिन उनके आंदोलन की वजह से श्रमिकों के लिए उनकी कोशिश मुमकिन हो पाई है.

वहीं, बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि कोरोना काल के चलते इस प्रक्रिया में कुछ विलंब हुआ है और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर कॉमन सर्विस सेंटर में श्रमिक कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई है. कांग्रेस के नेता बेवजह श्रेय ले रहे हैं और उन्हें मीडिया में रहने की आदत पड़ गई है. इसलिए सरकार की उपलब्धि को कांग्रेस अपनी उपलब्धि बताने में लगे हैं.

पढ़ेंः कोरोना वारियर्स की मृत्यु पर मिलेगी 10 लाख की राहत राशि, नियम तोड़ने पर अब ज्यादा जुर्माना

बता दें कि लंबे समय से जनता श्रमिक कार्ड नजदीकी केंद्रों में बनाने की मांग कर रही थी. उसी के आवाज में कांग्रेस के नेताओं ने भी श्रमिक कार्ड डोईवाला तहसील या अन्य नजदीकी स्थानों पर ऐसे केंद्र बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन और आंदोलन किए. विभागीय अधिकारियों से मिलकर नजदीकी सेटरों में श्रमिक कार्ड बनाने की मांग उठाई. लेकिन सरकार द्वारा अब उत्तराखंड में सभी कॉमन सर्विस सेंटर में श्रमिक कार्ड बनाने के निर्देश कर दिए हैं.

डोईवालाः कॉमन सर्विस सेंटर में श्रमिक कार्ड बनने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. एक तरफ श्रमिक इसका फायदा ले रहे हैं तो दूसरी तरफ इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस का कहना है कि ये उनके आंदोलन की जीत है तो वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी इसे सरकार की उपलब्धि बता रही है और सरकार को श्रमिक हितैषी बता रहे हैं.

कांग्रेसी नेता मोहित उनियाल ने कहा कि श्रमिकों को पहले श्रमिक कार्ड बनवाने के लिए देहरादून के चक्कर काटने पड़ते थे और दलालों पर निर्भर रहना पड़ता था. लेकिन उनके आंदोलन की वजह से श्रमिकों के लिए उनकी कोशिश मुमकिन हो पाई है.

वहीं, बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि कोरोना काल के चलते इस प्रक्रिया में कुछ विलंब हुआ है और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर कॉमन सर्विस सेंटर में श्रमिक कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई है. कांग्रेस के नेता बेवजह श्रेय ले रहे हैं और उन्हें मीडिया में रहने की आदत पड़ गई है. इसलिए सरकार की उपलब्धि को कांग्रेस अपनी उपलब्धि बताने में लगे हैं.

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बता दें कि लंबे समय से जनता श्रमिक कार्ड नजदीकी केंद्रों में बनाने की मांग कर रही थी. उसी के आवाज में कांग्रेस के नेताओं ने भी श्रमिक कार्ड डोईवाला तहसील या अन्य नजदीकी स्थानों पर ऐसे केंद्र बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन और आंदोलन किए. विभागीय अधिकारियों से मिलकर नजदीकी सेटरों में श्रमिक कार्ड बनाने की मांग उठाई. लेकिन सरकार द्वारा अब उत्तराखंड में सभी कॉमन सर्विस सेंटर में श्रमिक कार्ड बनाने के निर्देश कर दिए हैं.

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