देहरादून: अपने बयानों और कारनामों को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहने वाले बीजेपी के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन एक फिर सुर्खियों में हैं. कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का कहना है कि उत्तराखंड में क्षेत्रवाद फैलाया जा रहा है. उनके इस बयान के बाद से ही पहाड़ की सियासत गरमा गई है. .
क्षेत्रवाद फैलाया जाने वाले बयान के बाद कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के नेताओं के निशाने पर आ गए हैं. प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियों के नेता पूर्व विधायक के इस बयान पर पलटवार कर रहे हैं. बीजेपी के ही विधायक दलीप सिंह रावत ने कहा कि कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को राज्य की जनता का वो प्यार नजर नहीं आ रहा है, जिसकी वजह से वो 4 बार विधायक बने. प्रदेश के नेता कभी भी क्षेत्रवाद को बढ़ावा नहीं देते हैं. लिहाजा इस तरह की बयानबाजी से नेताओं को बचना चाहिए.
वहीं, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बयान पर कांग्रेस नेता गरिमा दसौनी ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने शर्मनाक बयान दिया है. प्रदेश की जनता उन्हें सर आंखों पर बैठाकर इतना प्यार दिया है. लेकिन आज उन्हें कुमाऊं और गढ़वाल के बीच की खाई दिखाई देने लगी है.
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गरिमा दसौनी ने कहा कि कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के इस बयान से साफ पता चलता है कि वो उत्तराखंड और उत्तराखंडियों को कभी दिल से अपना ही नहीं सके. कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने अपने बयानों से हमेशा उत्तराखंड को शर्मसार किया है. कुंवर प्रणव उत्तराखंड की कार्यशैली और संस्कृति से कभी मेल ही नहीं खाते हैं.
ये दिया था बयानः 23 दिसंबर को पूर्व विधायक चैंपियन ने देहरादून में मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी के सहारनपुर से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी से टिकट की मांग की बात कही और अपनी जीत का दावा किया. पूर्व विधायक ने कहा उनका जो राजनीतिक तजुर्बा है, वह उत्तराखंड के काम नहीं आ पा रहा है. क्योंकि उत्तराखंड में पहाड़ और मैदान वाद ज्यादा बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. ऐसे में वह कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं. अगर पार्टी उन्हें सहारनपुर से लोकसभा चुनाव का टिकट देती है तो वह अपनी जीत का दावा तो करते हैं. साथ ही उनकी जीत से उत्तराखंड और सहारनपुर दोनों ही जगह पर विकास के काम तेजी से हो पाएंगे.