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निकाय और लोकसभा चुनाव को लेकर BJP के खिलाफ एकजुट होने लगा विपक्ष, कल देहरादून में सर्वदलीय धरना - देहरादून लेटेस्ट न्यूज

उत्तराखंड में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए कांग्रेस अब अन्य विपक्षी दलों से हाथ मिलने में भी गुरेज नहीं कर रही है. यही कारण है कि कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर बीजेपी को घेरने में लगी हुई है. नई रणनीति के तहत कांग्रेस कल 23 मई को देहरादून के गांधी पार्क में सरकार की नीतियों के खिलाफ सर्वदलीय धरना देने जा रही है.

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Published : May 22, 2023, 5:27 PM IST

BJP के खिलाफ एकजुट होने लगा विपक्ष

देहरादून: आगामी नगर निकाय और 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए विपक्षी दलों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. उत्तराखंड में अब कांग्रेस अकेले नहीं, बल्कि अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर बीजेपी को घेरने का काम करेगी. इसी को लेकर कल उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में विपक्षी दलों की सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, जिसमें सीपीआई, सीपीआईएम, भाकपा माले और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के नेता शामिल हुए थे, जिन्होंने आज 22 मई को संयुक्त प्रेस वार्ता कर बीजेपी पर निशाना साधा.

इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि अब बीजेपी सरकार की नीतियों के खिलाफ 20 से 25 दिन में सर्वदलीय प्रेस वार्ता करके ज्वलंत मुद्दों को उठाया जाएगा. इसके अलावा एक्शन प्लान समिति का भी गठन होगा, जो प्राथमिकता के आधार पर रूपरेखा और रणनीति तैयार करेगी.
पढ़ें- अतिक्रमण पर सीएम धामी ने ली हाई लेवल मीटिंग, शहरी क्षेत्रों से भी हटेंगे अवैध कब्जे, दी ये चेतावनी

उन्होंने कहा कि आज देश की एकता और अखंडता को खतरा उत्पन्न हो गया है और इस बात की भी शर्मिंदगी है कि हम बेटियों के लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं. पद्मश्री से सम्मानित महिला खिलाड़ी जंतर मंतर में आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है.

माहरा ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में सरकार वीआईपी का नाम उजागर नहीं कर रही है. तुष्टीकरण और ध्रुवीकरण के एजेंडे को छुपाने के लिए धामी सरकार अतिक्रमण हटाने के नाम पर प्रदेश भर में गरीब जनता को बेघर कर रही है. माहरा का कहना है कि भाजपा बेरोजगारी, महंगाई, गिरती अर्थव्यवस्था और महिलाओं पर बढ़ रहे उत्पीड़न जैसे विषयों पर बात नहीं करना चाहती है. ऐसे में भाजपा के पास मंदिर, मस्जिद, मजारों, मदरसों और लैंड जिहाद की बात करने के सिवाय कुछ नहीं है.
पढ़ें- शेर सिंह राणा का आरोप BJP ने राजपूतों का इस्तेमाल किया, कांग्रेस को 2024 के लिए दी नसीहत, हाथ मिलाने के दिए संकेत

इधर सीपीआईएमएल के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने भी कहा कि वन अधिकार कानून 2006 के स्पष्ट प्रावधानों के तहत लोगों को अपने परंपरागत वनों, नदियों रेत बजरी और उनके 2005 से पहले के अधिकार में रही जमीनों पर हक है, लेकिन उत्तराखंड में इस कानून और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को दरकिनार कर लोगों को उजाड़ा जा रहा है, जो कानूनन अपराध है.

वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेशनल काउंसिल सदस्य समर भंडारी का कहना है कि सभी मुद्दों के साथ-साथ भाजपा सरकार सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना करते हुए उत्तराखंड जैसे शांतिप्रिय और सामाजिक सौहार्द वाले राज्य में डर नफरत और गुंडागर्दी का माहौल बनाना चाहती है.

बता दें कि कल गांधी पार्क में कांग्रेस पार्टी समेत प्रदेश की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों द्वारा सर्वदलीय धरना आयोजित किया जा रहा है. विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं का कहना है कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार महंगाई, बेरोजगारी, विकास और कानून व्यवस्था पर बात करने को तैयार नहीं है. इसके विरोध में कल प्रदर्शन किया जाएगा.

BJP के खिलाफ एकजुट होने लगा विपक्ष

देहरादून: आगामी नगर निकाय और 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए विपक्षी दलों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. उत्तराखंड में अब कांग्रेस अकेले नहीं, बल्कि अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर बीजेपी को घेरने का काम करेगी. इसी को लेकर कल उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में विपक्षी दलों की सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, जिसमें सीपीआई, सीपीआईएम, भाकपा माले और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के नेता शामिल हुए थे, जिन्होंने आज 22 मई को संयुक्त प्रेस वार्ता कर बीजेपी पर निशाना साधा.

इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि अब बीजेपी सरकार की नीतियों के खिलाफ 20 से 25 दिन में सर्वदलीय प्रेस वार्ता करके ज्वलंत मुद्दों को उठाया जाएगा. इसके अलावा एक्शन प्लान समिति का भी गठन होगा, जो प्राथमिकता के आधार पर रूपरेखा और रणनीति तैयार करेगी.
पढ़ें- अतिक्रमण पर सीएम धामी ने ली हाई लेवल मीटिंग, शहरी क्षेत्रों से भी हटेंगे अवैध कब्जे, दी ये चेतावनी

उन्होंने कहा कि आज देश की एकता और अखंडता को खतरा उत्पन्न हो गया है और इस बात की भी शर्मिंदगी है कि हम बेटियों के लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं. पद्मश्री से सम्मानित महिला खिलाड़ी जंतर मंतर में आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है.

माहरा ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में सरकार वीआईपी का नाम उजागर नहीं कर रही है. तुष्टीकरण और ध्रुवीकरण के एजेंडे को छुपाने के लिए धामी सरकार अतिक्रमण हटाने के नाम पर प्रदेश भर में गरीब जनता को बेघर कर रही है. माहरा का कहना है कि भाजपा बेरोजगारी, महंगाई, गिरती अर्थव्यवस्था और महिलाओं पर बढ़ रहे उत्पीड़न जैसे विषयों पर बात नहीं करना चाहती है. ऐसे में भाजपा के पास मंदिर, मस्जिद, मजारों, मदरसों और लैंड जिहाद की बात करने के सिवाय कुछ नहीं है.
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इधर सीपीआईएमएल के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने भी कहा कि वन अधिकार कानून 2006 के स्पष्ट प्रावधानों के तहत लोगों को अपने परंपरागत वनों, नदियों रेत बजरी और उनके 2005 से पहले के अधिकार में रही जमीनों पर हक है, लेकिन उत्तराखंड में इस कानून और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को दरकिनार कर लोगों को उजाड़ा जा रहा है, जो कानूनन अपराध है.

वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेशनल काउंसिल सदस्य समर भंडारी का कहना है कि सभी मुद्दों के साथ-साथ भाजपा सरकार सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना करते हुए उत्तराखंड जैसे शांतिप्रिय और सामाजिक सौहार्द वाले राज्य में डर नफरत और गुंडागर्दी का माहौल बनाना चाहती है.

बता दें कि कल गांधी पार्क में कांग्रेस पार्टी समेत प्रदेश की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों द्वारा सर्वदलीय धरना आयोजित किया जा रहा है. विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं का कहना है कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार महंगाई, बेरोजगारी, विकास और कानून व्यवस्था पर बात करने को तैयार नहीं है. इसके विरोध में कल प्रदर्शन किया जाएगा.

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