देहरादूनः उत्तराखंड राज्य को आपदा के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है. ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग समय-समय पर प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करता है. इसी कड़ी में राजधानी दून में आपदा प्रबंधन की ओर से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें सामुदायिक रेडियो को बढ़ावा देने पर विचार किया गया.
दो दिवसीय इस कार्यशाला के जरिए राज्य और केंद्र सरकार की भूमिका भी सुनिश्चित की गई है. जिससे प्रदेश में हर संवेदनशील क्षेत्रों में सामुदायिक रेडियो लगाई जा सकें. साथ ही देश के विभिन्न संस्थानों से पहुंचे विशेषज्ञों ने इस पहल का स्वागत करते हुए कार्यशाला में अपने विचार रखे.
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इस दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि अतिसंवेदनशील इलाकों में सामुदायिक रेडियो लगाए जाने चाहिए. जिसमें स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जाए. साथ ही इस योजना के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान संबंधित विभाग द्वारा प्रदान की जाएगी. ऐसे में आपदा की स्थिति में कम्युनिटी रेडियो के जरिए दुर्गम क्षेत्रों के लोगों को जागरूक किया जा सकेगा.
विशेषज्ञों के मुताबिक, उत्तराखंड मे भारी वर्षा, लैंडस्लाइड, फ्लैश फ्लड होना आम है. ऐसे में काफी लोगों को जान-माल का नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में आखिर कैसे जान-माल की रक्षा की जाए? इसके लिए कम्युनिटी रेडियो के माध्यम से लोगों को दुर्गम क्षेत्रों में जागरूक किया जा सकता है. साथ ही सामुदायिक रेडियो के जरिए आपदा जैसी घटनाओं की जानकारी समय और जल्दी मिल सकेगी. इतना ही नहीं आपदा की दशा में प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य भी आसानी से किए जा सकेंगे.