देहरादून: नगर निगम के परिसीमन का दायरा बढ़ने के बाद राजधानी में 60 से 100 वार्ड हो गए हैं. नगर निगम ने 32 नए वार्डो को व्यवसायिक करने की तैयारी कर ली है. जिसके लिए नगर निगम द्वारा नए वार्डो को आपत्ति दर्ज कराने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था.
नगर निगम के नए वार्डो में व्यवसायिक भवनों पर हाउस टैक्स लगाने को लेकर स्थानीय लोगों ने आपत्तियां दर्ज करना शुरू कर दिया है. जिसके चलते नए वार्डो के लोगों ने मेयर से मिलकर अपनी समस्याओं को बताया.
नए वार्ड के लोगों का कहना है कि नगर निगम चुनाव से पहले सीमा विस्तार में शामिल क्षेत्रों में हाउस टैक्स छूट की घोषणा सीएम ने की थी, उसके बावजूद व्यवसायिक भवनों पर टैक्स लगाना सही नहीं है. नए वार्डो में आज तक नगर निगम द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं.
नगर निगम में मोहकमपुर, चकतुनवाला, मियांवाला, हर्रावाला, बालावाला, नकरौंदा और नत्थूवाला के लोगों ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य हेमा पुरोहित की अध्यक्षता में नगर निगम में आपत्ति दर्ज कराई.
वहीं लोगों का कहना है कि हाउस टैक्स में छूट देने के बावजूद टैक्स लगाया जा रहा है. दूसरी तरफ आवारा पशुओं ने फसल को नुकसान पहुंचाया है और नए वार्डों में सीवर लाइन का काम भी नहीं किया गया. साथ ही पेयजल की भी समस्या है. सड़कों के काम भी नहीं हुए. ऐसे में हाउस टैक्स लगाना ठीक नहीं है.
हेमा पुरोहित ने बताया कि नए वार्ड में कमर्शियल टैक्स को लेकर सभी गांववालों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. नगर निगम ने टैक्स की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसमें सभी ग्रामीणों को आपत्ति है क्योंकि जो नए वार्ड बने थे, उसमें सीएम की घोषणा के अनुसार 10 सालों तक टैक्स नहीं लिया जाएगा, फिर अब टैक्स की कार्रवाई क्यों की जा रही है?
यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड की पारंपरिक ऐपण कला पर आधुनिकता हावी, घट रहा क्रेज
वहीं नए वार्डो में काफी काम अधूरा पड़ा हुआ है. नगर निगम को पहले सुविधा देनी चाहिए, उसके बाद टैक्स की कार्रवाई करनी चाहिए. साथ ही नए वार्डो में आवारा पशु घूम रहे हैं. इनकी नगर निगम द्वारा कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है. इसके अलावा सीवर लाइन के साथ गली मोहल्लों में स्ट्रीट लाइट की भी व्यवस्था नहीं है.