देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के संदेश को आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में अपना हथियार बनाने जा रही है. एक तरफ आम आदमी पार्टी प्रदेश में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर तलाश में जुटी है तो दूसरी तरफ स्थानीय चेहरे को ही मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है. आम आदमी पार्टी की आने वाले दिनों में क्या है रणनीति और क्यों वह प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल के संदेश को उत्तराखंड में भुनाने जा रही है, जानिए इस खास रिपोर्ट में...
राज्य में विधानसभा चुनाव को अभी करीब एक साल का वक्त है. मैदान में हमेशा की तरह मुख्य रूप से कांग्रेस-भाजपा ही दिखाई दे रहे हैं, मगर इन परिस्थियों के बीच एक तीसरा दल भी है जो उत्तराखंड के लिए तो नया है लेकिन प्रदेश में किसी बड़े फेरबदल की इच्छा के साथ मैदान में दमखम दिखा रही है. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी प्रदेश की सभी 70 सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रही है. हर युद्ध की तरह इसमें भी मोहरे सेट किए जा रहे हैं. सिपहसलारों को भी जिम्मेदारियां दी जा रही हैं इस लड़ाई का नेतृत्व कौन करेगा इस पर अभी आम आदमी पार्टी खुलकर कुछ नहीं कह पा रही है. हालांकि चर्चाएं हैं कि आम आदमी पार्टी कर्नल अजय कोठियाल पर दांव खेलने सकती है. यानी राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए सीएम के चेहरे के तौर पर अजय कोठियाल को जल्द प्रोजेक्ट किया जा सकता है. यह अभी महज कयास हैं लेकिन यह कयास बेवजह भी नहीं हैं.
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दरअसल, राज्य में जिस तरह के चेहरे को आम आदमी पार्टी ढूंढ रही है उसमें अजय कोठियाल बिल्कुल सटीक बैठते हैं. वैसे भी राजनीतिक रूप से भाजपा या कांग्रेस में सत्तासीन कोई बड़ा चेहरा आम आदमी पार्टी पर दांव लगाने को तैयार नही दिख रहा है. लिहाजा अब कर्नल अजय कोठियाल आम आदमी पार्टी की मजबूरी भी हैं. आम आदमी पार्टी के नेता इन चर्चाओं से जुड़े सवाल पर ऐसी संभावनाओं को नकार भी नहीं रहे हैं. आम आदमी पार्टी के नेता अमेन्द्र बिष्ट कहते हैं कि यूं तो यह निर्णय शीर्ष नेतृत्व का है लेकिन कर्नल अजय कोठियाल कि प्रदेश में सक्रियता और ख्याति को देखकर इस बात को नकारा भी नहीं जा सकता कि वे पार्टी के सीएम कैंडिडेट हो सकते हैं.
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किसी राजनीतिक दल के नेता का ऐसा बयान यह जाहिर करने के लिए काफी है कि अजय कोठियाल की निश्चित रूप से आम आदमी पार्टी से तमाम समीकरणों पर बातचीत हो चुकी है. जल्द ही वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी का दामन भी थाम सकते हैं. इन तमाम चर्चाओं के बीच यह जानना भी जरूरी है कि आखिर का कर्नल अजय कोठियाल कौन हैं? और क्यों आम आदमी पार्टी उन पर इतना बड़ा दांव खेल रही है.
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केदारनाथ में पुनर्निर्माण के कार्यों से चर्चाओं में आए कर्नल अजय कोठियाल
उत्तराखंड में साल 2013 में आई आपदा के बाद कर्नल कोठियाल चर्चाओं में आए. विपरीत परिस्थितियों में केदारनाथ के पुनर्निर्माण को लेकर जो तल्लीनता उन्होंने दिखाई उसके बाद उनके नाम की चर्चा आम लोगों के बीच भी सुनाई देने लगी. कर्नल कोठियाल भारतीय सेना का हिस्सा रहे हैं. अपने अदम्य साहस को लेकर उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं. अजय कोठियाल को उत्तराखंड रत्न के रूप में भी सम्मानित किया गया है. सेना से जुड़े होने और ईमानदार छवि के साथ ही सैन्य बाहुल्य प्रदेश में उनके चेहरे पर चुनाव लड़ने से आम आदमी पार्टी को फायदा हो सकता है. यही नहीं अजय कोठियाल यूथ फाउंडेशन भी चलाते हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को सेना में भर्ती होने से जुड़ी ट्रेनिंग देता है. इस तरह कर्नल अजय कोठियाल गांव-गांव तक आम लोगों के बीच काफी पॉपुलर भी हैंं.
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भाजपा और कांग्रेस भी कर्नल अजय कोठियाल को पार्टी में शामिल कराने की कर चुकी है कोशिश
कर्नल कोठियाल के नाम को यूं तो प्रदेश में अधिकतर जिलों में लोग जानते हैं लेकिन खासतौर पर चमोली रुद्रप्रयाग टिहरी उत्तरकाशी, पौड़ी यानी गढ़वाल के पहाड़ी जिलों में उनकी ज्यादा पकड़ हैं. लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भाजपा और कांग्रेस भी उनसे संपर्क कर चुकी हैं. जब की पौड़ी लोकसभा सीट से उनके चुनाव लड़ने की भी काफी चर्चाएं रही हालांकि वह बाद में चुनाव नहीं लड़े. अक्सर कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस में उनके शामिल होने और चुनाव लड़ने को लेकर सुर्खियां बनी रहती हैं. मगर इस बार सुर्खियां आम आदमी पार्टी को लेकर हैं. वह भी मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में.
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प्रदेश में करीब 21 विधानसभा सीटों पर है कर्नल कोठियाल की पकड़
कर्नल कोठियाल गढ़वाल के पहाड़ी जिलों में पूरी तरह से सक्रिय हैं. यहां पर उनकी एक बड़ी टीम भी लगातार काम करती रही है. इस तरह इन विधानसभाओं के समीकरण देखें तो करीब 21 विधानसभा सीटों पर कर्नल कोठियाल की ज्यादा या कम संख्या के रूप में पकड़ दिखाई देती है. आम आदमी पार्टी शायद इसी को देखते हुए उनके चेहरे पर फैसला कर सकती है. खबर है कि चार धाम में कपाट खुलने के साथ ही राज्य में आम आदमी पार्टी एक नए रूप में दिखाई देगी. नए चेहरे के साथ कुछ बड़े और आक्रामक रुख के साथ कार्यक्रम को भी देखा जाएगा.
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आप देगी राजनीति में वोकल फॉर लोकल का संदेश
आम आदमी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में राज्य के लोगों को वोकल फॉर लोकल का संदेश देगी. ये वही संदेश है जो 2020 के प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य की आर्थिकी को लेकर स्थानीय को प्राथमिकता देने को लेकर दी थी, लेकिन आम आदमी पार्टी के इस संदेश में अंतर बस यह होगा कि पार्टी उत्पादों की जगह स्थानीय नेताओं के चेहरों पर वोट देने की अपील करेगी. साफ है कि आम आदमी पार्टी चेहरा घोषित करने के बाद राज्य में त्रिवेंद्र और तीरथ सिंह रावत के चेहरे के आधार पर लोगों से वोट देने की अपील करेगी, ताकि प्रदेश के लोग मोदी फैक्टर को छोड़ नए मुद्दों और वादों के साथ आम आदमी पार्टी से जुड़े.