ETV Bharat / state

AAP में शामिल हुए कर्नल अजय कोठियाल, दिनेश मोहनिया ने दिलाई सदस्यता - ajay kothiyal and Arvind kejriwal

केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य और यूथ फाउंडेशन के जरिए पहचान बनाने वाले कर्नल (रिटायर्ड) अजय कोठियाल ने आम आदमी पार्टी का दामन थामा है.

AAP में शामिल हुए कर्नल अजय कोठियाल
AAP में शामिल हुए कर्नल अजय कोठियाल
author img

By

Published : Apr 19, 2021, 4:27 PM IST

Updated : Apr 19, 2021, 7:04 PM IST

देहरादून: केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य और यूथ फाउंडेशन के जरिए पहचान बनाने वाले कर्नल (रिटायर्ड) अजय कोठियाल सियासी मैदान में उतर गए हैं. आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने कर्नल अजय कोठियाल को पार्टी की सदस्यता दिलाई है. उत्तराखंड में सियासी जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी अब कर्नल अजय कोठियाल को उत्तराखंड में सीएम चेहरा घोषित कर सकती है.

AAP में शामिल हुए कर्नल अजय कोठियाल

प्रदेश में तीसरा विकल्प बनने की राह पर चल रही आम आदमी पार्टी ने अजय कोठियाल को पार्टी में शामिल कर बीजेपी और कांग्रेस समेत अन्य क्षेत्रीय दलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं. कर्नल अजय कोठियाल प्रदेश में जाना-पहचाना नाम हैं. केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. वो नेहरू पर्वतारोहण संस्थान निम के मुखिया भी रह चुके है. कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने उन्हें एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर म्यांमार भेजा था.

जानिए कौन हैं अजय कोठियाल

कर्नल अजय कोठियाल मूल रूप से टिहरी गढ़वाल के चौंफा गांव के रहने वाले हैं. उनका जन्म 26 फरवरी 1969 को हुआ. 7 दिसंबर 1992 को सेना में गढ़वाल राइफल्स की चौथी बटालियन में बतौर सेकेंड लेफ्टिनेंट सैन्य जीवन की शुरूआत की. अजय कोठियाल ने सेना में रहते हुए कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं. जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रोजाना मस्जिद में भेष बदल कर जाते थे. उन्होंने सात आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया. मुठभेड़ में आतंकियों की गोली आज भी उनके शरीर में मौजूद है. इस वीरता के लिए उन्हें शौर्य चक्र मिला. दो बार एवरेस्ट पर फतह करने के लिए कीर्ति चक्र मिला. उनके उल्लेखनीय सेवा रिकॉर्ड को देखते हुए विशिष्ट सेवा मेडल भी मिला. जबकि, नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग के प्राचार्य भी रह चुके हैं.

21 विधानसभा में अच्छी पकड़

प्रदेश की 21 विधानसभा सीटों पर उनकी मजबूत पकड़ है. लोकसभा चुनाव 2019 में भी बीजेपी और कांग्रेस ने उनसे संपर्क किया था. उस समय चर्चाएं थीं कि वो लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन उन्होंन चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. कर्नल अजय कोठियाल यूथ फाउंडेशन भी चलाते हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को सेना में भर्ती होने से जुड़ी ट्रेनिंग देता है. इन कार्यों की वजह से कर्नल अजय कोठियाल उत्तराखंड के आम लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी मजबूत पकड़ है.

पुनर्निर्माण कार्यों से चर्चाओं में आए कर्नल कोठियाल

उत्तराखंड में साल 2013 में आई आपदा के बाद कर्नल कोठियाल चर्चाओं में आए. विपरीत परिस्थितियों में केदारनाथ के पुनर्निर्माण को लेकर जो तल्लीनता उन्होंने दिखाई, उसके बाद उनके नाम की चर्चा आम लोगों के बीच भी सुनाई देने लगी. कर्नल कोठियाल भारतीय सेना का हिस्सा रहे हैं. अपने अदम्य साहस को लेकर उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं. अजय कोठियाल को उत्तराखंड रत्न के रूप में भी सम्मानित किया गया है. सेना से जुड़े होने और ईमानदार छवि के साथ ही सैन्य बाहुल्य प्रदेश में उनके चेहरे पर चुनाव लड़ने से आम आदमी पार्टी को फायदा हो सकता है.

देहरादून: केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य और यूथ फाउंडेशन के जरिए पहचान बनाने वाले कर्नल (रिटायर्ड) अजय कोठियाल सियासी मैदान में उतर गए हैं. आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने कर्नल अजय कोठियाल को पार्टी की सदस्यता दिलाई है. उत्तराखंड में सियासी जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी अब कर्नल अजय कोठियाल को उत्तराखंड में सीएम चेहरा घोषित कर सकती है.

AAP में शामिल हुए कर्नल अजय कोठियाल

प्रदेश में तीसरा विकल्प बनने की राह पर चल रही आम आदमी पार्टी ने अजय कोठियाल को पार्टी में शामिल कर बीजेपी और कांग्रेस समेत अन्य क्षेत्रीय दलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं. कर्नल अजय कोठियाल प्रदेश में जाना-पहचाना नाम हैं. केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. वो नेहरू पर्वतारोहण संस्थान निम के मुखिया भी रह चुके है. कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने उन्हें एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर म्यांमार भेजा था.

जानिए कौन हैं अजय कोठियाल

कर्नल अजय कोठियाल मूल रूप से टिहरी गढ़वाल के चौंफा गांव के रहने वाले हैं. उनका जन्म 26 फरवरी 1969 को हुआ. 7 दिसंबर 1992 को सेना में गढ़वाल राइफल्स की चौथी बटालियन में बतौर सेकेंड लेफ्टिनेंट सैन्य जीवन की शुरूआत की. अजय कोठियाल ने सेना में रहते हुए कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं. जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रोजाना मस्जिद में भेष बदल कर जाते थे. उन्होंने सात आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया. मुठभेड़ में आतंकियों की गोली आज भी उनके शरीर में मौजूद है. इस वीरता के लिए उन्हें शौर्य चक्र मिला. दो बार एवरेस्ट पर फतह करने के लिए कीर्ति चक्र मिला. उनके उल्लेखनीय सेवा रिकॉर्ड को देखते हुए विशिष्ट सेवा मेडल भी मिला. जबकि, नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग के प्राचार्य भी रह चुके हैं.

21 विधानसभा में अच्छी पकड़

प्रदेश की 21 विधानसभा सीटों पर उनकी मजबूत पकड़ है. लोकसभा चुनाव 2019 में भी बीजेपी और कांग्रेस ने उनसे संपर्क किया था. उस समय चर्चाएं थीं कि वो लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन उन्होंन चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. कर्नल अजय कोठियाल यूथ फाउंडेशन भी चलाते हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को सेना में भर्ती होने से जुड़ी ट्रेनिंग देता है. इन कार्यों की वजह से कर्नल अजय कोठियाल उत्तराखंड के आम लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी मजबूत पकड़ है.

पुनर्निर्माण कार्यों से चर्चाओं में आए कर्नल कोठियाल

उत्तराखंड में साल 2013 में आई आपदा के बाद कर्नल कोठियाल चर्चाओं में आए. विपरीत परिस्थितियों में केदारनाथ के पुनर्निर्माण को लेकर जो तल्लीनता उन्होंने दिखाई, उसके बाद उनके नाम की चर्चा आम लोगों के बीच भी सुनाई देने लगी. कर्नल कोठियाल भारतीय सेना का हिस्सा रहे हैं. अपने अदम्य साहस को लेकर उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं. अजय कोठियाल को उत्तराखंड रत्न के रूप में भी सम्मानित किया गया है. सेना से जुड़े होने और ईमानदार छवि के साथ ही सैन्य बाहुल्य प्रदेश में उनके चेहरे पर चुनाव लड़ने से आम आदमी पार्टी को फायदा हो सकता है.

Last Updated : Apr 19, 2021, 7:04 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.