देहरादून: उत्तराखंड में भर्ती घोटाले को लेकर कांग्रेस ने धामी सरकार पर सीबीआई जांच का दबाव बनाया हुआ है. हरीश रावत इस मामले में मुखर हैं. दूसरी ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी दबाव में आने की बजाय पलटवार कर रहे हैं. सीएम धामी ने हरीश रावत के कार्यकाल में हुए गड़बड़ घोटालों का खुलासा करने के लिए उनके कार्यकाल के मामलों को उठा दिया है. सोमवार को ही 2015-16 में हुई दारोगा भर्ती घोटाले के संदिग्ध 20 दारोगाओं को सस्पेंड कर दिया गया है.
पटवारी भर्ती पेपर लीक के बहाने कांग्रेस ने किया वार: पटवारी भर्ती पेपर लीक ने धामी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था. विपक्ष जोरशोर से मामले को लेकर सरकार को घेरने में लगा था. धामी सरकार ने आनन फानन में एसआईटी जांच की घोषणा कर दी थी. लेकिन विपक्ष एसटीएफ से जांच कराने की मांग पर अड़ा हुआ है.
हरीश रावत ने कहा लीक एक्सपर्ट सरकार: राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पटवारी भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में राज्य सरकार पर हमला बोला. हरीश रावत ने धामी सरकार को लीक एक्सपर्ट बताया. उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षा को लीक सरकार के संरक्षण में किया जा रहा है, क्योंकि जब यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले में हाकम सिंह का नाम आया था, उस समय भी कांग्रेस ने हाकम सिंह को संरक्षण देने वाले लोगों पर भी कार्रवाई करने की बात कही थी. लेकिन सरकार ने उसे अनसुना कर दिया और आज उसी का परिणाम पटवारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होना है.
सीएम धामी ने ली बढ़त: विपक्ष खासकर हरीश रावत को घेरने के लिए सीएम धामी ने दारोगा भर्ती घोटाले पर एक्शन तेज कर दिया है. दारोगा भर्ती घोटाले के संदिग्ध 20 दारोगाओं को सस्पेंड करके सीएम धामी ने बढ़त ले ली है. आने वाले दिनों में और दारोगाओं पर भी गाज गिरनी तय है. यह दारोगा राज्य के अलग-अलग जनपदों में अपनी सेवाएं दे रहे थे. सभी पुलिस अधीक्षकों को इन दारोगा को सस्पेंड करने का निर्देश जारी कर दिये गये हैं. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, हरीश रावत को पूरी तरीके से घेर पाएंगे. या हरीश रावत अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए राजनीति के इस चक्रव्यूह को भेदकर बाहर निकल आएंगे.
क्या है दोनों के महासंग्राम का कारण: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और हरीश रावत के बीच महासंग्राम का कोई एक कारण नहीं है. कई मामलों पर दोनों में शीत युद्ध चल रहा है. पिछले दिनों नैनीताल हाईकोर्ट ने नैनीताल जिले के हल्द्वानी स्थित वनभूलपुर से रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया. इस पर राज्य सरकार ने तुरंत एक्शन लेना शुरू किया. इस बहाने हरीश रावत ने सरकार की खूब घेराबंदी की थी. हरीश रावत ने कहा था- हल्द्वानी कुमाऊं और प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है. यहां का सामाजिक सौहार्द हमेशा उच्च स्तर का रहा है. यदि 50 हजार से ज्यादा लोगों को हटाया जाएगा, तो यह लोग कहां जाएंगे. दरअसल यहां कांग्रेस का बड़ा वोट बैंक है. कांग्रेस हर हाल में उनके साथ खड़ा रहना चाहती थी.
हरीश रावत ने सीएम धामी को दी थी सलाह: हरीश रावत ने कहा कि कुछ लोग आज भले ही चुप हों, जब स्थितियां बिगड़ेंगी तो वह लोग भी सरकार के विवेक पर अंगुली उठाएंगे. हरीश रावत ने कहा कि वह न्यायिक निर्णय पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, मगर राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर आप (धामी) एक अभिभावक का कर्तव्य निभा सकते हैं. उन्होंने सीएम को रेलवे से बातचीत करने, गोला नदी के किनारे-किनारे रिवरफ्रंट डेवलप कर कुछ अतिरिक्त भूमि निकालकर रेलवे की जरूरत की पूर्ति करने की सलाह दी थी. हालांकि सीएम धामी को हरीश रावत की ये सलाह कुछ खास पसंद नहीं आई थी. सीएम ने कहा था कि जैसा कोर्ट कहेगा वैसा ही करा जाएगा. बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में वनभूलपुरा के प्रभावितों को एक महीने की राहत दे दी थी.
मुस्लिम यूनिवर्सिटी वाले मामले पर बिदकते हैं हरीश रावत: हिमाचल में कांग्रेस की जीत की खुशी के साथ उत्तराखंड में हार की टीस पूर्व सीएम हरीश रावत की जुबान पर अक्सर आ ही जाती है. हरीश रावत ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी मामले को अदालत में ले जाने की चेतावनी तक दे डाली थी. हरीश रावत ने कहा कि सघन प्रचार के जरिये मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक झूठ को सुनियोजित तरीके से फैलाया गया.
हरीश रावत कर चुके हैं इनाम की घोषणा: हरीश ने कहा कि उन्होंने इसके लिए 50 हजार रुपये तक देने की घोषणा की थी, लेकिन अब वह इस राशि को बढ़ाते हुए पांच लाख रुपये कर रहे हैं. यदि अभी भी कोई व्यक्ति ऐसी किसी प्रकाशित खबर की कटिंग ले आए तो वह आज ही राज्य की जनता से माफी मांगते हुए हमेशा के लिए राजनीति छोड़ देंगे. दरअसल मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर हरीश रावत के कथित बयान को बीजेपी ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में खूब लहराया था. ऐसा माना जा रहा है कि इस मुद्दे ने कांग्रेस को काफी डैमेज किया और हरीश रावत की उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी.
मैकेंजी ग्लोबल के बहाने सरकार की आलोचना: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने धामी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अमेरिका से मैकेंजी ग्लोबल कंपनी को यहां सलाहकार के रूप में ला रही है, जिस पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाएंगे. लेकिन उसका फायदा मिलेगा या नहीं कहा नहीं जा सकता है. दरअसल, उत्तराखंड में सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार ने वित्तीय प्रबंधन को लेकर अमेरिका की मैकेंजी ग्लोबल कंपनी को बड़ा काम दिया है. यह कंपनी उत्तराखंड की जीडीपी को दोगुना करने के लिए सरकार को सलाह देगी जिस पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जाएंगे.
हरीश रावत का यतीश्वरानंद पर निशाना: हरीश रावत के निशाने पर बीजेपी सरकार में पूर्व मंत्री रहे और सीएम धामी के करीबी माने जाने वाले यतीश्वरानंद भी हैं. हरीश रावत ने यतीश्वरानंद की घेराबंदी करते हुए सीएम धामी को सलाह दी कि मुख्यमंत्री की छवि पूरी तरह से साफ होनी चाहिए. इसलिए हरिद्वार में कुछ लोग जो बालू यानी खनन के खेल में शामिल हैं, ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री को खुद से दूर रखना चाहिए. हरीश रावत का सीधा इशारा स्वामी यतीश्वरानंद पर था. सीएम धामी ने इस पर कभी सीधे रिएक्ट तो नहीं किया, लेकिन उनके मन में हरीश रावत की बिन मांगी सलाह जरूर घर कर गई होगी.
जब सीएम धामी ने कहा- जनता हरीश रावत को घर बैठाएगी: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के समय खुद को पूरी तरह मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट कर लिया था. उनके उस समय के बयान कि मुख्यमंत्री बनूंगा नहीं तो घर बैठ जाऊंगा पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुटकी ली थी. उन्होंने कहा था कि 10 मार्च को हरीश रावत की इच्छा पूरी हो जाएगी. प्रदेश की जनता उन्हें घर बैठाएगी. उधर प्रदेश भाजपा ने भी कांग्रेस पर कटाक्ष किया था कि वह खयाली पुलाव खाने को तैयार बैठी है. पार्टी ने कहा कि चुनाव में हरीश रावत जनता की नहीं बल्कि कुर्सी की लड़ाई लड़ रहे थे.
2015-16 की दारोगा भर्ती से हरीश रावत को घेरा: हरीश रावत के तमाम बयानों का सीएम धामी की सरकार ने एक जोरदार पंच से दिया है. सोमवार को धामी सरकार ने 2015-16 के दारोगा भर्ती घोटाले में 20 संदिग्ध दारोगाओं को सस्पेंड कर दिया है. अभी और सस्पेंशन होने की संभावना है. ये भर्तियां हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुई थी. इससे धामी सरकार ने ये मैसेज दिया कि हरीश रावत या यों कहें कांग्रेस के जमाने में भी नकल और पेपर लीक समेत भर्तियों में घपले होते रहते थे.
यूकेएसएसएससी के पूर्व अध्यक्ष आरबीएस रावत जेल भेजे जा चुके हैं: धामी सरकार ने यूकेएसएसएससी के पूर्व अध्यक्ष आरबीएस रावत को गिरफ्तार किया था. आरबीएस रावत को भी पेपर लीक मामले में ही गिरफ्तार किया गया था. ये प्रकरण हरीश रावत के कार्यकाल का था. आरबीएस रावत हरीश रावत सरकार के समय यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष थे.
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इस शीत युद्ध का अंत कब: दोनों की जुबानी जंग में चाबुक तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों में है. अब वो हरीश रावत के बयानों का एक-एक कर बदला लेते नजर आ रहे हैं. आगे देखने वाली बात ये होगी कि हरीश रावत सीएम धामी पर दबाव की राजनीति करना रोककर सॉफ्ट होते हैं या फिर एक्शन की परवाह किए बिना रिएक्शन देते रहते हैं.