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दिल्ली रूट की 400 बसों में लगेंगी CNG किट, इतने करोड़ रुपए बचेंगे

कोरोना लॉकडाउन में हुए नुकसान के बाद अब उत्तराखंड परिवहन निगम अपनी आय को बढ़ाने और खर्च को कम करने के लिए सीएनजी किट का इस्तेमाल करने जा रहा है. पहले चरण में दिल्ली रूट की 400 बसों को आगामी एक से डेढ़ साल के भीतर सीएनजी में बदल दिया जाएगा.

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बसों में लगेंगी सीएनजी किट
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Published : Jan 20, 2021, 12:16 PM IST

देहरादून: कोरोना लॉकडाउन के बाद से ही उत्तराखंड परिवहन निगम आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इसके बाद अब उत्तराखंड परिवहन निगम अपनी आय को बढ़ाने और खर्च को कम करने के लिए सीएनजी किट का इस्तेमाल करने जा रहा है. पहले चरण में दिल्ली रूट की 400 बसों को आगामी एक से डेढ़ साल के भीतर सीएनजी में बदल दिया जाएगा. इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. लिहाजा आगामी परिवहन निगम की बोर्ड बैठक में इसका अंतिम फैसला लिया जाएगा.

वर्तमान समय में रोडवेज के पास 1300 से अधिक बसें हैं. इनमें से करीब 60 फीसदी बसों का संचालन दिल्ली रूट पर होता है. लिहाजा, परिवहन निगम फिलहाल दिल्ली रूट पर चलने वाली 400 बसों में सीएनजी किट लगाने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है. क्योंकि, दिल्ली रूट पर चलने वाली बसों से परिवहन निगम को अच्छी कमाई होती है. हालांकि, रोडवेज ने पहले ट्रायल के रूप में 11 सीएनजी बसों संचालन शुरू किया था. इससे दिल्ली आने जाने में करीब 3000 रुपये की बचत हो रही है. इसके साथ ही वाहन प्रदूषण भी कम होगा.

इसे देखते हुए अब परिवहन निगम फिलहाल पहले चरण में 400 बसों में सीएनजी किट लगाने जा रहा है. यही नहीं, दिल्ली में सीएनजी वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है. ऐसे में अगर दिल्ली सरकार ने डीजल वाहन बंद कर दिए तो उत्तराखंड परिवहन की डीजल गाड़ियों को दिल्ली में प्रवेश नहीं मिलेगा. लिहाजा परिवहन निगम पहले ही आगामी संकट से निपटने की तैयारियों में जुट गया है. इससे दिल्ली जाने वाली बसों का संचालन भविष्य में जारी रहेगा. इसके साथ ही अगर सीएनजी बसें दिल्ली रूट पर संचालित की जाती हैं तो हर साल करीब 40 करोड़ रुपये बचाये जा सकेंगे.

रोडवेज के महाप्रबंधक संचालक दीपक जैन ने बताया कि रोडवेज आर्थिक संकट से जूझ रही है. ऐसे में परिवहन निगम का फोकस है कि किस तरह से इनकम को बढ़ाया जाए. इसे देखते हुए 400 बसों को सीएनजी में बदलने की योजना पर काम चल रहा है. इस प्रस्ताव को आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा और अंतिम निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि सीएनजी बसों में प्रति किलोमीटर पर 6 रुपये की बचत हो रही है. यहीं नहीं सीएनजी का रेट दिल्ली में 42 रुपये प्रति लीटर है तो वहीं डीजल का रेट 72 रुपये प्रति लीटर है. ऐसे में अगर 400 बसों को सीएनजी में बदला जाता है तो सालाना 40 करोड़ रुपये की बचत होगी.


हर साल परिवहन निगम को लाखों का हो रहा है नुकसान...

- वित्तीय वर्ष 2010-11 में परिवहन निगम की कुल आय 235 करोड़ 70 लाख 34 हजार रुपये थी. 264 करोड़ 6 लाख 25 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 28 करोड़ 35 लाख 91 हजार रुपये का घाटा हुआ था.

- वित्तीय वर्ष 2011-12 में परिवहन निगम की कुल आय 253 करोड़ 83 लाख 63 हजार रुपये थी. 280 करोड़ 59 लाख 64 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 26 करोड़ 76 लाख 01 हजार रुपये का घाटा हुआ था.

- वित्तीय वर्ष 2012-13 में परिवहन निगम की कुल आय 311 करोड़ 01 लाख 57 हजार रुपये थी. 336 करोड़ 36 लाख 40 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 25 करोड़ 35 लाख 83 हजार रुपये का घाटा हुआ था.

- वित्तीय वर्ष 2013-14 में परिवहन निगम की कुल आय 364 करोड़ 64 लाख 05 हजार रुपये थी. 402 करोड़ 63 लाख 25 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 37 करोड़ 99 लाख 20 हजार रुपये का घाटा हुआ था.


- वित्तीय वर्ष 2014-15 में परिवहन निगम की कुल आय 404 करोड़ 80 लाख 26 हजार रुपये थी. 439 करोड़ 73 लाख 91 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 34 करोड़ 93 लाख 65 हजार रुपये का घाटा हुआ था.


- वित्तीय वर्ष 2015-16 में परिवहन निगम की कुल आय 431 करोड़ 46 लाख 26 हजार रुपये थी. 442 करोड़ 03 लाख 90 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 10 करोड़ 57 लाख 64 हजार रुपये का घाटा हुआ था.


- वित्तीय वर्ष 2016-17 में परिवहन निगम की कुल आय 462 करोड़ 50 लाख 17 हजार रुपये थी. 481 करोड़ 85 लाख 40 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 19 करोड़ 35 लाख 23 हजार रुपये का घाटा हुआ था.

- वित्तीय वर्ष 2017-18 में परिवहन निगम की कुल आय 514 करोड़ 03 लाख 30 हजार रुपये थी. 537 करोड़ 04 लाख 98 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 23 करोड़ 01 लाख 68 हजार रुपये का घाटा हुआ था.

- वित्तीय वर्ष 2018-19 में परिवहन निगम की कुल आय 515 करोड़ 66 लाख 72 हजार रुपये थी. 560 करोड़ 23 लाख 50 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 44 करोड़ 56 लाख 79 हजार रुपये का घाटा हुआ था.

पढ़ें: आज उत्तराखंड पहुंचेगी 92 हजार कोविशील्ड वैक्सीन की अतिरिक्त डोज

- वित्तीय वर्ष 2019-20 में नवंबर महीने तक परिवहन निगम की कुल आय 368 करोड़ 84 लाख 55 हजार रुपये थी, जबकि 388 करोड़ 97 लाख 30 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 20 करोड़ 12 लाख 75 हजार रुपये का घाटा हुआ था.


वहीं, वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव को लेकर लागू लॉकडाउन की वजह से बसों का संचालन बंद था. जिसके चलते इस वित्तीय वर्ष करीब 175 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है.

देहरादून: कोरोना लॉकडाउन के बाद से ही उत्तराखंड परिवहन निगम आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इसके बाद अब उत्तराखंड परिवहन निगम अपनी आय को बढ़ाने और खर्च को कम करने के लिए सीएनजी किट का इस्तेमाल करने जा रहा है. पहले चरण में दिल्ली रूट की 400 बसों को आगामी एक से डेढ़ साल के भीतर सीएनजी में बदल दिया जाएगा. इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. लिहाजा आगामी परिवहन निगम की बोर्ड बैठक में इसका अंतिम फैसला लिया जाएगा.

वर्तमान समय में रोडवेज के पास 1300 से अधिक बसें हैं. इनमें से करीब 60 फीसदी बसों का संचालन दिल्ली रूट पर होता है. लिहाजा, परिवहन निगम फिलहाल दिल्ली रूट पर चलने वाली 400 बसों में सीएनजी किट लगाने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है. क्योंकि, दिल्ली रूट पर चलने वाली बसों से परिवहन निगम को अच्छी कमाई होती है. हालांकि, रोडवेज ने पहले ट्रायल के रूप में 11 सीएनजी बसों संचालन शुरू किया था. इससे दिल्ली आने जाने में करीब 3000 रुपये की बचत हो रही है. इसके साथ ही वाहन प्रदूषण भी कम होगा.

इसे देखते हुए अब परिवहन निगम फिलहाल पहले चरण में 400 बसों में सीएनजी किट लगाने जा रहा है. यही नहीं, दिल्ली में सीएनजी वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है. ऐसे में अगर दिल्ली सरकार ने डीजल वाहन बंद कर दिए तो उत्तराखंड परिवहन की डीजल गाड़ियों को दिल्ली में प्रवेश नहीं मिलेगा. लिहाजा परिवहन निगम पहले ही आगामी संकट से निपटने की तैयारियों में जुट गया है. इससे दिल्ली जाने वाली बसों का संचालन भविष्य में जारी रहेगा. इसके साथ ही अगर सीएनजी बसें दिल्ली रूट पर संचालित की जाती हैं तो हर साल करीब 40 करोड़ रुपये बचाये जा सकेंगे.

रोडवेज के महाप्रबंधक संचालक दीपक जैन ने बताया कि रोडवेज आर्थिक संकट से जूझ रही है. ऐसे में परिवहन निगम का फोकस है कि किस तरह से इनकम को बढ़ाया जाए. इसे देखते हुए 400 बसों को सीएनजी में बदलने की योजना पर काम चल रहा है. इस प्रस्ताव को आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा और अंतिम निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि सीएनजी बसों में प्रति किलोमीटर पर 6 रुपये की बचत हो रही है. यहीं नहीं सीएनजी का रेट दिल्ली में 42 रुपये प्रति लीटर है तो वहीं डीजल का रेट 72 रुपये प्रति लीटर है. ऐसे में अगर 400 बसों को सीएनजी में बदला जाता है तो सालाना 40 करोड़ रुपये की बचत होगी.


हर साल परिवहन निगम को लाखों का हो रहा है नुकसान...

- वित्तीय वर्ष 2010-11 में परिवहन निगम की कुल आय 235 करोड़ 70 लाख 34 हजार रुपये थी. 264 करोड़ 6 लाख 25 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 28 करोड़ 35 लाख 91 हजार रुपये का घाटा हुआ था.

- वित्तीय वर्ष 2011-12 में परिवहन निगम की कुल आय 253 करोड़ 83 लाख 63 हजार रुपये थी. 280 करोड़ 59 लाख 64 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 26 करोड़ 76 लाख 01 हजार रुपये का घाटा हुआ था.

- वित्तीय वर्ष 2012-13 में परिवहन निगम की कुल आय 311 करोड़ 01 लाख 57 हजार रुपये थी. 336 करोड़ 36 लाख 40 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 25 करोड़ 35 लाख 83 हजार रुपये का घाटा हुआ था.

- वित्तीय वर्ष 2013-14 में परिवहन निगम की कुल आय 364 करोड़ 64 लाख 05 हजार रुपये थी. 402 करोड़ 63 लाख 25 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 37 करोड़ 99 लाख 20 हजार रुपये का घाटा हुआ था.


- वित्तीय वर्ष 2014-15 में परिवहन निगम की कुल आय 404 करोड़ 80 लाख 26 हजार रुपये थी. 439 करोड़ 73 लाख 91 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 34 करोड़ 93 लाख 65 हजार रुपये का घाटा हुआ था.


- वित्तीय वर्ष 2015-16 में परिवहन निगम की कुल आय 431 करोड़ 46 लाख 26 हजार रुपये थी. 442 करोड़ 03 लाख 90 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 10 करोड़ 57 लाख 64 हजार रुपये का घाटा हुआ था.


- वित्तीय वर्ष 2016-17 में परिवहन निगम की कुल आय 462 करोड़ 50 लाख 17 हजार रुपये थी. 481 करोड़ 85 लाख 40 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 19 करोड़ 35 लाख 23 हजार रुपये का घाटा हुआ था.

- वित्तीय वर्ष 2017-18 में परिवहन निगम की कुल आय 514 करोड़ 03 लाख 30 हजार रुपये थी. 537 करोड़ 04 लाख 98 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 23 करोड़ 01 लाख 68 हजार रुपये का घाटा हुआ था.

- वित्तीय वर्ष 2018-19 में परिवहन निगम की कुल आय 515 करोड़ 66 लाख 72 हजार रुपये थी. 560 करोड़ 23 लाख 50 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 44 करोड़ 56 लाख 79 हजार रुपये का घाटा हुआ था.

पढ़ें: आज उत्तराखंड पहुंचेगी 92 हजार कोविशील्ड वैक्सीन की अतिरिक्त डोज

- वित्तीय वर्ष 2019-20 में नवंबर महीने तक परिवहन निगम की कुल आय 368 करोड़ 84 लाख 55 हजार रुपये थी, जबकि 388 करोड़ 97 लाख 30 हजार रुपये का व्यय हुआ था. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में परिवहन निगम को 20 करोड़ 12 लाख 75 हजार रुपये का घाटा हुआ था.


वहीं, वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव को लेकर लागू लॉकडाउन की वजह से बसों का संचालन बंद था. जिसके चलते इस वित्तीय वर्ष करीब 175 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है.

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