देहरादून: देश में कोरोना की रफ्तार एक बार फिर तेज हो गई है. पिछले 24 घंटे में कोरोना से संक्रमण के 17 हजार से अधिक नए मामले सामने आए हैं. वहीं, उत्तराखंड में एक हफ्ते पहले तक कोरोना मरीजों की संख्या नियंत्रण में थी. लेकिन पिछले तीन-चार दिन में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती नजर आ रही है. वहीं, 12 से 17 साल के युवा भी वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं.
मौसम में बदलाव के कारण बढ़े कोरोना केस: प्रदेश में 22 जून को कोरोना के 50 मामले सामने आये थे. 23 जून को 52 मामले सामने आये. इस तरह उत्तराखंड में कुल एक्टिव मामले 187 हो गए हैं. अगर हम तीन-चार दिन पहले की बात करें तो प्रतिदिन 10 से 20 मरीजों का आकड़ा सामने आ रहा था. देहरादून सीएमओ डॉ मनोज उप्रेती ने बताया कि कोरोना कभी खत्म नहीं हुआ था. इस समय मौसम में बदलाव के कारण कोरोना के मामले बढ़े हैं.
डॉ उप्रेती ने कहा कि पहले मौसम गर्म था. अब बारिश के बाद तापमान गिरने से सर्दी जुकाम के मामले बढ़े हैं. ऐसे में जिनकी भी जांच हो रही है, वह पॉजिटिव आ रहे हैं. इसलिए पिछले तीन-चार दिनों में कोविड-19 के मामलों की पूरे उत्तराखंड में बढ़ोत्तरी हुई है. 22 जून को 50 मामले थे तो 23 जून को 52 मामले कोरोना के आये हैं. इस तरह से देहरादून में आने वाले दिल्ली और अन्य राज्यों से कोरोना मरीजों की संख्या अधिक रहती है.
वैक्सीन लगवाने से बच रहे बच्चे: सीएमओ का कहना है कि 12 से 17 साल के बच्चे भी वैक्सीन को लगवाने में लापरवाही दिखा रहे हैं. देहरादून की बात करें तो 18 साल से 60 साल से अधिक उम्र के लोगों में करीब सभी लोगों ने दोनों डोज के साथ बूस्टर भी लगवा ली है. लेकिन 12 से 17 साल के बच्चों में वैक्सीन लगवाने का आंकड़ा बहुत कम है. देहरादून में 12 से 14 साल के दोनों डोज बच्चों के लगाने का कुल लक्ष्य 72,421 है. लेकिन अब तक पहली डोज 64,261 और दूसरी डोज सिर्फ 37,028 बच्चों ने लगवाई है. प्रतिशत की बात करें तो पहली डोज 88.73 प्रतिशत और दूसरी डोज 51.13 प्रतिशत ही है.
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कोरोना के प्रति लोग हुए लापरवाह: वहीं, 15 से 17 साल के बच्चों को दोनों डोज लगने का लक्ष्य 1,16,030 है. इसमें पहली डोज 88.08 प्रतिशत और दूसरी डोज 67.76 लगी है. सीएमओ ने वैक्सीन कम लगने का कारण बताया कि कोविड के मामलों में पिछले दिनों में कमी आई थी. उस कमी को देखते हुए लोग लापरवाह हो गए. साथ ही साथ यह भी देखा गया कि जो कोविड में ओमिक्रोन वेरिएंट था वो काफी हल्का था. वह अभी भी बना हुआ है, खत्म नहीं हुआ है. लोग इससे लापरवाह हो गए और मास्क का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया है.
सीएमओ डॉ मनोज उप्रेती ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान के दौरान सर्वे मिला है कि लोग काफी लापरवाह हैं. कुछ लोग तो ऐसे हैं जिन्होंने सिर्फ पहली डोज ही लगवाई है, दूसरी नहीं लगवाई है. 12 से 17 साल के बच्चों को टीकाकरण के लिए आगे आना चाहिए. स्वास्थ्य विभाग की कोशिश रही है कि स्कूलों में जाकर बच्चों को वैक्सीन लगाई गई है. लेकिन स्कूलों की छुट्टियां होने के कारण बच्चों को वैक्सीन नहीं लग पा रही है. डॉ उप्रेती ने कहा कि वो स्कूलों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं और आगे जैसे भी स्कूल खुलते हैं, तो वैक्सीन का काम दोबारा से शुरू किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि लोगों को वैक्सीन लगने से चारधाम यात्रा में काफी फायदा मिला है. चारधाम यात्रा में काफी संख्या में यात्री उत्तराखंड में आए हैं. इस दौरान किसी भी तरह का कोई मामला सामने नहीं आया. इसका मतलब है कि वैक्सीन का काफी फायदा मिला है. हालांकि, उत्तराखंड में अभी रोजाना मिलने वाले कोरोना के मामले 100 से नीचे हैं लेकिन अगर यह संख्या 100 से पार चली जाती है तो चिंता का कारण बन सकता है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.