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'चाइल्ड फ्रेंडली थाने' के शुभारंभ में फंसा पेंच, निर्माण कार्य देरी की वजह

देहरादून में बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पहल पर डालनवाला कोतवाली में बच्चों के लिए तैयार किए गए 'चाइल्ड फ्रेंडली थाने' के शुभारंभ में पेंच फंस गया है.

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चाइल्ड फ्रेंडली थाने
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Published : Nov 11, 2020, 1:12 PM IST

Updated : Nov 11, 2020, 6:09 PM IST

देहरादून: बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पहल पर डालनवाला कोतवाली में बच्चों के लिए तैयार किए गए 'चाइल्ड फ्रेंडली थाने' का शुभारंभ टल गया है. यह प्रदेश का पहला 'चाइल्ड फ्रेंडली थाना' है. आपको बता दें कि, चाइल्ड फ्रेंडली थाने को तैयार करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर किसी आपराधिक गतिविधि में कोई बच्चा लिप्त पाया जाता है, तो उसे पुलिस स्टेशन पहुंचने पर किसी तरह का भय महसूस न हो. बल्कि थाने लाए जाने पर भी उसे एक प्ले स्कूल जैसा ही माहौल मिल सके. बता दें कि, सितंबर 2019 को बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी की ओर से बच्चों के लिए पुलिस स्टेशन में बाल मित्र थाना तैयार करने का आह्वान किया गया था.

निरीक्षण में मिलीं खामियां

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने डालनवाला कोतवाली में बच्चों के लिए तैयार किए जा रहे चाइल्ड फ्रेंडली थाने का निरीक्षण किया. इस दौरान आयोग के निर्देशों के अनुसार कार्य न होने पर उन्होंने गहरी नाराजगी जताई.

'चाइल्ड फ्रेंडली थाने' के शुभारंभ में फंसा पेंच.

चाइल्ड फ्रेंडली थाने में बालक और बालिकाओं के लिए दो अलग सेगमेंट तैयार किए जाने थे. जिसमें नीले रंग का सेगमेंट बालकों के लिए तैयार होना था. वहीं, बालिकाओं के लिए गुलाबी रंग के अलग सेगमेंट की व्यवस्था होनी थी. लेकिन निरीक्षण के दौरान बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष को कोई सेगमेंट नजर नहीं आया. जिसे देखकर आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने गहरी नाराजगी जताई.

ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि अब नए सिरे से डालनवाला कोतवाली में चाइल्ड फ्रेंडली थाने को तैयार किया जाएगा. जहां पहले चाइल्ड फ्रेंडली थाना कोतवाली के प्रथम तल पर बच्चों के लिए यह थाना तैयार किया जा रहा था. वहीं अब कोतवाली के ग्राउंड फ्लोर में बच्चों के लिए चाइल्ड फ्रेंडली थाना तैयार किया जाएगा. ऐसे में अब 20 नवंबर की जगह नवंबर माह के अंत में चाइल्ड फ्रेंडली थाने का उद्घाटन हो सकेगा.

पढ़ें: बिहार ने दुनिया को लोकतंत्र का पहला पाठ पढ़ाया है : पीएम मोदी

प्रदेश के इस पहले चाइल्ड फ्रेंडली थाने को तैयार करने में जो भी खर्च आया है उसमें विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने भी सहयोग किया है. वहीं, आने वाले समय में प्रदेश के अन्य जनपदों में भी बच्चों के लिए चाइल्ड फ्रेंडली थाने बनाए जाएंगे.

चाइल्ड फ्रेंडली थाने में बच्चों के लिए यह होंगी सुविधाएं

  • किसी आपराधिक गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर बच्चों का मेडिकल और स्वास्थ्य प्रशिक्षण इसी थाने में किया जाएगा.
  • यहां पुलिसकर्मी पुलिस की वर्दी के बजाय बच्चों के सामने सादी वर्दी में मौजूद रहेंगे.
  • चाइल्ड फ्रेंडली थाने में स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट मौजूद रहेगी.
  • बच्चों के लिए नि:शुल्क किताबें और खाने की व्यवस्था रहेगी.

देहरादून: बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पहल पर डालनवाला कोतवाली में बच्चों के लिए तैयार किए गए 'चाइल्ड फ्रेंडली थाने' का शुभारंभ टल गया है. यह प्रदेश का पहला 'चाइल्ड फ्रेंडली थाना' है. आपको बता दें कि, चाइल्ड फ्रेंडली थाने को तैयार करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर किसी आपराधिक गतिविधि में कोई बच्चा लिप्त पाया जाता है, तो उसे पुलिस स्टेशन पहुंचने पर किसी तरह का भय महसूस न हो. बल्कि थाने लाए जाने पर भी उसे एक प्ले स्कूल जैसा ही माहौल मिल सके. बता दें कि, सितंबर 2019 को बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी की ओर से बच्चों के लिए पुलिस स्टेशन में बाल मित्र थाना तैयार करने का आह्वान किया गया था.

निरीक्षण में मिलीं खामियां

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने डालनवाला कोतवाली में बच्चों के लिए तैयार किए जा रहे चाइल्ड फ्रेंडली थाने का निरीक्षण किया. इस दौरान आयोग के निर्देशों के अनुसार कार्य न होने पर उन्होंने गहरी नाराजगी जताई.

'चाइल्ड फ्रेंडली थाने' के शुभारंभ में फंसा पेंच.

चाइल्ड फ्रेंडली थाने में बालक और बालिकाओं के लिए दो अलग सेगमेंट तैयार किए जाने थे. जिसमें नीले रंग का सेगमेंट बालकों के लिए तैयार होना था. वहीं, बालिकाओं के लिए गुलाबी रंग के अलग सेगमेंट की व्यवस्था होनी थी. लेकिन निरीक्षण के दौरान बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष को कोई सेगमेंट नजर नहीं आया. जिसे देखकर आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने गहरी नाराजगी जताई.

ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि अब नए सिरे से डालनवाला कोतवाली में चाइल्ड फ्रेंडली थाने को तैयार किया जाएगा. जहां पहले चाइल्ड फ्रेंडली थाना कोतवाली के प्रथम तल पर बच्चों के लिए यह थाना तैयार किया जा रहा था. वहीं अब कोतवाली के ग्राउंड फ्लोर में बच्चों के लिए चाइल्ड फ्रेंडली थाना तैयार किया जाएगा. ऐसे में अब 20 नवंबर की जगह नवंबर माह के अंत में चाइल्ड फ्रेंडली थाने का उद्घाटन हो सकेगा.

पढ़ें: बिहार ने दुनिया को लोकतंत्र का पहला पाठ पढ़ाया है : पीएम मोदी

प्रदेश के इस पहले चाइल्ड फ्रेंडली थाने को तैयार करने में जो भी खर्च आया है उसमें विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने भी सहयोग किया है. वहीं, आने वाले समय में प्रदेश के अन्य जनपदों में भी बच्चों के लिए चाइल्ड फ्रेंडली थाने बनाए जाएंगे.

चाइल्ड फ्रेंडली थाने में बच्चों के लिए यह होंगी सुविधाएं

  • किसी आपराधिक गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर बच्चों का मेडिकल और स्वास्थ्य प्रशिक्षण इसी थाने में किया जाएगा.
  • यहां पुलिसकर्मी पुलिस की वर्दी के बजाय बच्चों के सामने सादी वर्दी में मौजूद रहेंगे.
  • चाइल्ड फ्रेंडली थाने में स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट मौजूद रहेगी.
  • बच्चों के लिए नि:शुल्क किताबें और खाने की व्यवस्था रहेगी.
Last Updated : Nov 11, 2020, 6:09 PM IST
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