देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में आज ऑल वेदर रोड परियोजना की समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना राष्ट्रीय एवं सामरिक महत्व की महत्वपूर्ण परियोजना है. ऐसे में इसके क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयों का प्राथमिकता के आधार पर समयबद्धता के साथ निराकरण किया जाए. सीएम ने कहा कि चार धाम ऑल वेदर रोड योजना राज्य सरकार के साथ ही भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है.
बता दें कि उत्तराखंड में 889 किलोमीटर की ऑल वेदर रोड करीब 11,700 करोड़ रुपए की परियोजना है. जो उत्तराखंड के लिए बेहद खास है और चार धाम मार्ग को सरल करने समेत सीमांत क्षेत्रों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है. ऐसे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने कहा कि सड़क निर्माण में आ रही कठिनाइयों को नियमित रूप से सभी सम्बन्धित विभाग नियमित रूप से समीक्षा कर उनका निराकरण करें. ऐसे में इस सम्बन्ध में भारत सरकार के स्तर से जो स्वीकृतियां ली जानी है, उस पर फौरन औपचारिकता पूरी की जाए.
सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा इस योजना में पूरा सहयोग दिया जा रहा है. इसके लिए धनराशि की भी कोई कमी नहीं है. ऐसे में उन्होंने उर्जा विभाग को सड़क निर्माण में बाधक विद्युत लाइनों को तत्काल शिफ्ट करने और कार्यदायी संस्थाओं को सभी आवश्यक सहयोग एवं सुविधाएं भी दिए जाने के निर्देश दिए हैं. वहीं, पेयजल विभाग को पेयजल लाइन शिफ्ट करने और सड़क निर्माण में बाधक वृ़क्षों के कटान की स्वीकृति के लिए भी शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं.
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इस मौके पर सीएम ने कहा कि भागीरथी इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत सड़क निर्माण के लिए 15 दिन के अंदर इन्वायरमेंट इम्पेक्ट एसेसमेंट की व्यवस्था की जाए. जिससे इस क्षेत्र में बनने वाली सड़क निर्माण में भी तेजी आ सके. साथ ही चारधाम सड़क मार्ग पर किए जाने वाले वृक्षारोपण की योजना की जल्द तैयार की जाए.
वहीं, सीएम ने सड़कों के आस-पास स्थापित किये जाने वाले पेट्रोल पंप, विश्राम स्थलों, इको पार्कों के लिए भी स्थान चिन्हित किये जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने अतिरिक्त भूमि पर महिला स्वयं सहायता समूहो के लिए कियोस्क बनाये जाने की भी बात कही. सीएम ने भूमि अधिग्रहण का मुवाअजा प्राप्त करने वाला कोई भी व्यक्ति छूटने न पाये इसका भी ध्यान रखने को कहा है.
इस समीक्षा बैठक में ऑल वेदर रोड निर्माण के लिये कार्यदायी संस्थाओं में लोक निर्माण विभाग द्वारा ऋषिकेश-रुद्रप्रयाग (140किमी.) एनएचआईडीसीएल और बीआरओ के रुद्रप्रयाग-माणा (160 किमी.), बीआरओ एवं पीआईयू ऋषिकेश-धरासू (144 किमी.), एनएचआईडीसीएल एवं बीआरओ धरासू-गंगोत्री (124 किमी.), एनएचआईडीसीएल एवं पीडब्ल्यूडी धरासू-यमुनोत्री (95किमी.), पीडब्ल्यूडी रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड (76 किमी.), पीडब्ल्यूडी टनकपुर-पिथौरागढ़ (150 किमी.) में सात पैकेजों पर चल रहे निर्माण कार्यों पर विस्तार से चर्चा की गई. इस बैठक में बताया गया कि 672 किमी के 40 स्वीकृत कार्यों पर निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है. वहीं, अन्य अवशेष सड़कों के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रक्रिया गतिमान है.