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सीएम त्रिवेंद्र ने डॉप्लर वेदर रडार स्टेशन का किया वर्चुअली उद्घाटन - उत्तराखंड डॉप्लर वेदर रडार स्टेशन

उत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भारत मौसम विज्ञान विभाग के 146वें स्थापना दिवस समारोह पर मुक्तेश्वर (नैनीताल) में डॉप्लर वैदर रडार स्टेशन का वर्चुअली उद्घाटन किया.

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सीएम त्रिवेंद्र ने डॉप्लर वेदर रडार स्टेशन का किया वर्चुअली उद्घाटन
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Published : Jan 15, 2021, 7:14 PM IST

देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में भारत मौसम विज्ञान विभाग के 146वें स्थापना दिवस समारोह में वर्चुअली प्रतिभाग किया. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मुक्तेश्वर (नैनीताल) में डॉप्लर वैदर रडार स्टेशन का वर्चुअली उद्घाटन किया. केंद्रीय मौसम विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का आभार व्यक्त करते हुए सीएम ने डॉप्लर मौसम रडार मुक्तेश्वर के उद्घाटन की हार्दिक बधाई दी. राज्य में केदारनाथ आपदा के बाद खास तौर पर केंद्र सरकार के इस प्रोजेक्ट को लेकर प्रयास तेज हुए हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग के 146वें स्थापना दिवस समारोह के मौके पर राज्य में डॉप्लर रडार को लेकर अच्छी खबर आई.

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सीएम त्रिवेंद्र ने डॉप्लर वेदर रडार स्टेशन का किया वर्चुअली उद्घाटन

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, प्रदेश में लगने वाले 3 डॉप्लर मौसम रडारों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. राज्य सरकार ने मुक्तेश्वर में रडार स्थापना हेतु भूमि, मूल-भूत सुविधाएँ जैसे सड़क, बिजली, पानी उपलब्ध कराने एवं जगह को विकसित करने में पूर्ण सहयोग दिया है. रडार की स्थापना के लिए भी राज्य सरकार ने सुरकंडा में भूमि आवंटित एवं विकसित की और बिजली इत्यादि की भी व्यवस्था की है.

ये भी पढ़ें: सतपाल महाराज के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे DM और SP, मुख्य सचिव ने मांगा स्पष्टीकरण

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने डिस्प्ले स्क्रीन लगाने हेतु आवश्यक सुविधाओं के साथ 5 स्थान उपलब्ध करा दिए हैं. उत्तराखंड में मौसम संबंधित आपदाओं जैसे भारी वर्षा, बादल फटना, भूस्खलन, बाढ़ एवं भारी बर्फबारी से हर साल जान-माल की भारी हानि होती है. उत्तराखंड में मानसून ऋतु में औसतन 1177 मि.मी. वर्षा होती है, जबकि यह हिमाचल प्रदेश में 763 मि.मी., हरियाणा में 444 मि.मी. तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में721 मि.मी. है. इन तथ्यों के मद्देनजर, राज्य सरकार प्रारंभ से ही मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना एवं विस्तार में सहयोग करती रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मौसम विज्ञान केंद्र हेतु वर्ष 2010 में देहरादून में भूमि आवंटित की गई,जहां पर वर्तमान में मौसम विज्ञान केंद्र कार्यरत है. भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा इंटीग्रेटेड हिमालयन मीटीयोरोलोजी प्रोग्राम के अंतर्गत राज्य में सतही वेधशालाओं, ऊपरी वायु उपकरणों एवं रडार की स्थापना की जा रही है. उत्तराखंड सरकार ने इसमें सहयोग करते हुए 107 स्वचालित मौसम स्टेशन, 54 स्वचालित वर्षामापी एवं 25 सतही फील्ड वैधशालाओं की स्थापना भारत मौसम विज्ञान विभाग के तकनीकी सहयोग से की है.

यह नेटवर्क राज्य के सभी ब्लाकों, महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों, शहरों एवं धार्मिक स्थलों तक फैला हुआ है. इन स्टेशनों के मौसम संबंधित आंकडें भारत मौसम विज्ञान विभाग को प्राप्त हो रहे हैं, जो मौसम की निगरानी एवं पूर्वानुमान हेतु महत्वपूर्ण हैं. केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने मुक्तेश्वर (नैनीताल) एवं कुफरी (शिमला) में डॉप्लर वैदर रडार स्टेशन के उद्घाटन पर बधाई देते हुए कहा कि किसानों एवं तीर्थयात्रियों को इससे अत्यधिक लाभ पहुंचेगा. उन्होंने रडारों की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक क्षेत्र में प्रदान किए जा रहे सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया.

देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में भारत मौसम विज्ञान विभाग के 146वें स्थापना दिवस समारोह में वर्चुअली प्रतिभाग किया. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मुक्तेश्वर (नैनीताल) में डॉप्लर वैदर रडार स्टेशन का वर्चुअली उद्घाटन किया. केंद्रीय मौसम विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का आभार व्यक्त करते हुए सीएम ने डॉप्लर मौसम रडार मुक्तेश्वर के उद्घाटन की हार्दिक बधाई दी. राज्य में केदारनाथ आपदा के बाद खास तौर पर केंद्र सरकार के इस प्रोजेक्ट को लेकर प्रयास तेज हुए हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग के 146वें स्थापना दिवस समारोह के मौके पर राज्य में डॉप्लर रडार को लेकर अच्छी खबर आई.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, प्रदेश में लगने वाले 3 डॉप्लर मौसम रडारों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. राज्य सरकार ने मुक्तेश्वर में रडार स्थापना हेतु भूमि, मूल-भूत सुविधाएँ जैसे सड़क, बिजली, पानी उपलब्ध कराने एवं जगह को विकसित करने में पूर्ण सहयोग दिया है. रडार की स्थापना के लिए भी राज्य सरकार ने सुरकंडा में भूमि आवंटित एवं विकसित की और बिजली इत्यादि की भी व्यवस्था की है.

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भारत मौसम विज्ञान विभाग ने डिस्प्ले स्क्रीन लगाने हेतु आवश्यक सुविधाओं के साथ 5 स्थान उपलब्ध करा दिए हैं. उत्तराखंड में मौसम संबंधित आपदाओं जैसे भारी वर्षा, बादल फटना, भूस्खलन, बाढ़ एवं भारी बर्फबारी से हर साल जान-माल की भारी हानि होती है. उत्तराखंड में मानसून ऋतु में औसतन 1177 मि.मी. वर्षा होती है, जबकि यह हिमाचल प्रदेश में 763 मि.मी., हरियाणा में 444 मि.मी. तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में721 मि.मी. है. इन तथ्यों के मद्देनजर, राज्य सरकार प्रारंभ से ही मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना एवं विस्तार में सहयोग करती रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मौसम विज्ञान केंद्र हेतु वर्ष 2010 में देहरादून में भूमि आवंटित की गई,जहां पर वर्तमान में मौसम विज्ञान केंद्र कार्यरत है. भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा इंटीग्रेटेड हिमालयन मीटीयोरोलोजी प्रोग्राम के अंतर्गत राज्य में सतही वेधशालाओं, ऊपरी वायु उपकरणों एवं रडार की स्थापना की जा रही है. उत्तराखंड सरकार ने इसमें सहयोग करते हुए 107 स्वचालित मौसम स्टेशन, 54 स्वचालित वर्षामापी एवं 25 सतही फील्ड वैधशालाओं की स्थापना भारत मौसम विज्ञान विभाग के तकनीकी सहयोग से की है.

यह नेटवर्क राज्य के सभी ब्लाकों, महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों, शहरों एवं धार्मिक स्थलों तक फैला हुआ है. इन स्टेशनों के मौसम संबंधित आंकडें भारत मौसम विज्ञान विभाग को प्राप्त हो रहे हैं, जो मौसम की निगरानी एवं पूर्वानुमान हेतु महत्वपूर्ण हैं. केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने मुक्तेश्वर (नैनीताल) एवं कुफरी (शिमला) में डॉप्लर वैदर रडार स्टेशन के उद्घाटन पर बधाई देते हुए कहा कि किसानों एवं तीर्थयात्रियों को इससे अत्यधिक लाभ पहुंचेगा. उन्होंने रडारों की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक क्षेत्र में प्रदान किए जा रहे सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया.

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