देहरादून: उत्तराखंड में लॉकडाउन क्या दोबारा से लगने जा रहा है? यह सवाल हर प्रदेशवासी के मन में है. दिल्ली सहित देश के तमाम राज्यों में जिस तरह से क्षेत्र और बाहर से आने वाले लोगों के लिए पाबंदियां लगाई जा रही हैं, उसके बाद ये सवाल लाजमी भी है. इस बारे में ईटीवी भारत के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री रावत ने अपना पक्ष रखा है.
दीपावली के बाद से उत्तराखंड के तमाम जिलों में और खासकर देहरादून-हरिद्वार में लगातार जिस तरह से कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ी है, उसके बाद सरकार ने राज्य की सीमाओं पर टेस्टिंग बढ़ा दी है. इतना ही नहीं, जनपदों में भी अब रैपिड और रैंडम टेस्ट करवाने अनिवार्य कर दिए हैं. दिल्ली से आने वाले लोगों के लिये तो ये टेस्ट बेहद जरूरी है.
पढ़ें- शादी के घर में मौत से पसरा मातम, पल भर में छिनी खुशियां
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से जब यह सवाल पूछा गया कि क्या दूसरे राज्यों की तरह उत्तराखंड भी लॉकडाउन पर दोबारा से विचार कर रहा है, तो मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल हमारे यहां आंकड़े को देखते हुये घबराने की कोई बात नहीं है लेकिन राज्यहित में जो भी फैसला लिया जाएगा वह सभी पहलुओं को देखकर लिया जाएगा. सीएम ने कहा कि हम पहले भी इस तरह के फैसले ले चुके हैं. सभी पहलुओं को और विभागों से संपर्क करके बातचीत की जाएगी.
पढ़ें- यूट्यूब पर 'जै भोले' गीत मचा रहा धमाल
इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि उन्होंने तमाम जनपदों के पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश किए हैं कि अब लोगों पर सख्ती बरतते हुए उनका चालान काटा जाए. मुख्यमंत्री का कहना है कि लोग कई जगहों पर बहुत लापरवाही बरत रहे हैं, लिहाजा ऐसे लोगों पर सख्ती करना बेहद जरूरी है.
पढ़ें-तुंगनाथ मार्ग पर बन रहा सरोवर, पर्यटन के साथ देगा रोजगार
इतना तय है कि अगर राज्य में हालात चिंताजनक बने तो सरकार साप्ताहिक बंदी के साथ-साथ शाम से बाहर निकलने वाले लोगों पर कुछ विचार जरूर कर सकती है. हालांकि, हरिद्वार जिले में कोरोना की दूसरी लहर की दस्तक के साथ प्रशासन गुरुवार से बाजारों में साप्ताहिक बंदी फिर से लागू करने जा रहा है. वहीं, सरकार भी लोगों से यही अपील कर रही है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और घर से जब भी बाहर निकले तो मास्क पहनकर निकलें.