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विभागों की समीक्षा में जुटे सीएम त्रिवेंद्र, इस विकास कार्यों को लेकर वन विभाग की हुई तारीफ - Departmental Minister Harak Singh Rawat

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत इन दिनों सभी विभागों की समीक्षा कर रहे हैं. इसी क्रम में सीएम ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के वन, कौशल विकास और श्रम विभाग की समीक्षा की.

सीएम डैश बोर्ड के तहत CM त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हरक सिंह रावत के विभागों की समीक्षा की.
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Published : Aug 7, 2019, 12:23 PM IST

देहरादून: सीएम डैश बोर्ड के तहत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को मंत्री हरक सिंह रावत के वन, कौशल-विकास और श्रम विभाग की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान सीएम ने आउटकम से जुड़े विभागों की समीक्षा की. वहीं बैठक के बाद विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि अभी तक के कार्यकाल में उम्मीद के मुताबिक काम नहीं हुआ है, लेकिन अब विभाग बेहतर काम करेगा. जिसका असर अगले कुछ महीनों में देखने को मिलेगा.

बता दें कि उत्तराखंड में भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार बनते ही सरकार ने अपने कार्यप्रणाली में अमूलचूल परिवर्तन किए थे. सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने सभी विभागों को धरातल पर विकास करने के सख्त निर्देश दिए थे. जिसके लिए सीएम ने डैश बोर्ड की स्थापना की थी. जिसके तहत हर विभाग की आउटकम बेस्ड समीक्षा सीएम द्वारा सुनिश्चित की गई. जिसके चलते मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत इन दिनों सभी विभागों की समीक्षा कर रहे हैं. इसी क्रम में सीएम ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के वन, कौशल विकास और श्रम विभाग की समीक्षा की. वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बताया कि उनका मकसद है कि विभाग केवल बजट खत्म करके अपनी इतिश्री ना करें बल्कि धरातल पर उसका असर भी दिखना चाहिए.

सीएम डैश बोर्ड के तहत CM त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हरक सिंह रावत के विभागों की समीक्षा की.

विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि वन विभाग के तहत वृक्षारोपण और जल सवंर्धन को लेकर चर्चा हुई. जिसमें विभाग द्वारा बेहतर कार्य किया गया है. उन्होंने कहा कि वन विभाग ने जायका और कैंपा के माध्यम से रिप्षना और कोसी नदी पर अच्छा काम किया है. वहीं अब पौड़ी की खोई नदी पर भी जल संवर्धन और वृक्षारोपण किया जाएगा. जिसके लिए जायका से 25 करोड़ लिए जाएंगे, साथ ही बाकि राशि कैंपा और राज्य सरकार खर्च करेगी.

साथ ही वन मंत्री ने कहा वन्य जीव संघर्ष के तहत राहत राशि का बैकलोक अगले तीन माह में पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा. जिसके चलते वन्य जीवों से हुए इंसानी नुकसान का जितना भी मुआवजा पेंडिंग है उसे जल्द दिया जाएगा. वहीं कौशल विकास को लेकर मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि पिछले साल कौशल विकास के लिए 50 करोड़ की राशि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और 12 करोड़ राज्य कौशल विकास के जरिए विभाग को मिली थी. जिसमें से 8 से 10 करोड़ ही राज्य में खर्च हो पाया था. जो विभाग के लक्ष्य से बहुत पीछे था.

ये भी पढ़े: सुषमा स्वराज का उत्तराखंड से था पुराना रिश्ता, हरिद्वार के लिए किए थे कई बड़े काम

साथ ही बताया कि इस साल विभाग 33 हजार नौजवानों को प्रशिक्षित करेगा. जिसके लिए एनजीओ और संस्थाओं को चयनित किया जा चुका है. साथ ही अगले एक महीने में पूरे राज्य में कई कौशल विकास केंद्र खोले जाएंगे.

देहरादून: सीएम डैश बोर्ड के तहत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को मंत्री हरक सिंह रावत के वन, कौशल-विकास और श्रम विभाग की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान सीएम ने आउटकम से जुड़े विभागों की समीक्षा की. वहीं बैठक के बाद विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि अभी तक के कार्यकाल में उम्मीद के मुताबिक काम नहीं हुआ है, लेकिन अब विभाग बेहतर काम करेगा. जिसका असर अगले कुछ महीनों में देखने को मिलेगा.

बता दें कि उत्तराखंड में भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार बनते ही सरकार ने अपने कार्यप्रणाली में अमूलचूल परिवर्तन किए थे. सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने सभी विभागों को धरातल पर विकास करने के सख्त निर्देश दिए थे. जिसके लिए सीएम ने डैश बोर्ड की स्थापना की थी. जिसके तहत हर विभाग की आउटकम बेस्ड समीक्षा सीएम द्वारा सुनिश्चित की गई. जिसके चलते मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत इन दिनों सभी विभागों की समीक्षा कर रहे हैं. इसी क्रम में सीएम ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के वन, कौशल विकास और श्रम विभाग की समीक्षा की. वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बताया कि उनका मकसद है कि विभाग केवल बजट खत्म करके अपनी इतिश्री ना करें बल्कि धरातल पर उसका असर भी दिखना चाहिए.

सीएम डैश बोर्ड के तहत CM त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हरक सिंह रावत के विभागों की समीक्षा की.

विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि वन विभाग के तहत वृक्षारोपण और जल सवंर्धन को लेकर चर्चा हुई. जिसमें विभाग द्वारा बेहतर कार्य किया गया है. उन्होंने कहा कि वन विभाग ने जायका और कैंपा के माध्यम से रिप्षना और कोसी नदी पर अच्छा काम किया है. वहीं अब पौड़ी की खोई नदी पर भी जल संवर्धन और वृक्षारोपण किया जाएगा. जिसके लिए जायका से 25 करोड़ लिए जाएंगे, साथ ही बाकि राशि कैंपा और राज्य सरकार खर्च करेगी.

साथ ही वन मंत्री ने कहा वन्य जीव संघर्ष के तहत राहत राशि का बैकलोक अगले तीन माह में पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा. जिसके चलते वन्य जीवों से हुए इंसानी नुकसान का जितना भी मुआवजा पेंडिंग है उसे जल्द दिया जाएगा. वहीं कौशल विकास को लेकर मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि पिछले साल कौशल विकास के लिए 50 करोड़ की राशि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और 12 करोड़ राज्य कौशल विकास के जरिए विभाग को मिली थी. जिसमें से 8 से 10 करोड़ ही राज्य में खर्च हो पाया था. जो विभाग के लक्ष्य से बहुत पीछे था.

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साथ ही बताया कि इस साल विभाग 33 हजार नौजवानों को प्रशिक्षित करेगा. जिसके लिए एनजीओ और संस्थाओं को चयनित किया जा चुका है. साथ ही अगले एक महीने में पूरे राज्य में कई कौशल विकास केंद्र खोले जाएंगे.

Intro:summary- वन, श्रम एवं कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक। Note- इस ख़बर के वीसुअल मजबूरी वश मेल से भेजे गए है, क्या मजबूरी थी ये भी मेल में लिखा गया है। mojo से बाइट भेजी गई है। एंकर- उत्तराखंड में सीएम देश बोर्ड के तहत आज सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत की मौजूदगी में वन, कौशल एवं शर्म विभाग की समीक्षा की। बैठक में सीएम ने आउटकम बेस्ड विभाग समीक्षा की तो वहीं बैठक के बाद विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि अब तक के कार्यकाल में उम्मीद के मुताबिक काम नही हुआ है लेकिन अब विभाग बेहतर काम करेगा जिसका असर अगले कुछ महीनों में दिखेगा।


Body:वीओ- उत्तराखंड में भाजपा की त्रिवेन्द्र सरकार बनते ही सरकार ने अपने कार्यप्रणाली में अमूलचूल परिवर्तन किए थे। सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने सभी विभागों को साफ तौर से निर्देश दिए कि केवल कागजो में विकास ना हो वो धरातल पर भी दिखे जिसके लिए सीएम डैश बोर्ड का स्थापना की गई जिसके तहत हर विभाग की आउटकम बेस्ड समीक्षा सीएम ने खुद शुनिश्चित की गई। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत इन दिनों सभी विभागों की समीक्षा कर रहे हैं इसी के चलते आज उन्होंने ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के सभी विभाग जिनमें वन, कौशल विकास और शर्म विभाग की समीक्षा की। सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि उनका मकसद है कि विभाग केवल बजट खत्म कर के अपनी इतिश्री ना करें धरातल पर उसका असर भी दिखना चाहिए। बाइट- त्रिवेन्द्र रावत, मुख्यमंत्री उत्तराखंड वहीं समीक्षा बैठक पर विभागीय मंत्री ने विस्तार से बताते हुए कहा कि वन विभाग के तहत विरक्षारोपण और जल सवंर्धन को लेकर चर्चा हुई जिसमें विभाग द्वारा बेहतर कार्य किया गया है। वह मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि वन विभाग ने जायका और कैम्पा के माध्यम से रिष्पना और कोसी नदी पर अच्छा काम किया गया और अब पौड़ी की खोई नदी पर जल संवर्धन और वृक्षारोपण को लेकर काम किया जाएगा जिसके लिए 25 करोड़ जायका से और उतनी ही राशि कैम्पा से और बाकी राशि राज्य सरकार खर्च करेगी। इसके अलावा वन मंत्री ने कहा वन्य जीव संघर्ष के तहत राहत राशि का बैकलोक अगले तीन माह में पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा, यानी वन्य जीवों से हुए इंसानी नुकसान को लेकर जो भी मुआवजा पेंडिंग है वो जल्द खत्म कर दिया जाएगा। बाइट- हरक सिंह रावत, वन मंत्री कौशल विकास को लेकर मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि कौशल विकास में पिछले वर्ष विभाग की स्थिति काफी निराशा जनक रही है। मंत्री ने बताया कि पिछले साल कौशल विकास के लिए 50 करोड़ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत और 12 करोड़ राज्य कौशल विकास में हामरे पास धन की व्यवस्था थी लेकिन मुश्किल से 8 से 10 करोड़ ही राज्य में खर्च कर पाए जो बहुत कम था और लक्ष्य से बहुत पीछे था लेकिन कौशल विकास मंन्त्री हरक सिंह रावत ने दावा किया कि इस बार विभाग मार्च तक 33 हजार नोजवानो को प्रशिक्षित कर देगा और इसके लिए सभी एनजीओ, संस्थाओं को चयनित किया जा चुका है और अगले एक महीने में हमारे पूरे राज्य में सभी कौशल विकास केंद्र खुल जाएंगे। वहीं त्रिवेन्द्र सरकार के अब तक के कार्यकाल में कौशल विकास के तहत कितने रोजगार मिल पाएं हैं ये आंकड़ा जब मंन्त्री हरक सिंह रावत ने कहा कि अब तक केवल प्रशिक्षण तक ही कौशल विकास का काम सीमित था और रोजगार कितनो को मिला है इसको लेकर किसी तरह से कोई मोनेटरिंग नही की जा रही थी लेकिन अब विभाग द्वारा ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि बेरोजगारों को प्रशिक्षित भी किया जाए और फिर उनके रोजगार को लेकर मोनेटरिंग भी शुनिश्चित की जाएगी। बाइट- हरक सिंह रावत, श्रम एवं कौशल विकास मंत्री उत्तराखंड


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