देहरादून: 2017 विधानसभा चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में सैन्य धाम बनाने की घोषणा की थी. पीएम मोदी का यह सपना जल्द ही साकार होने जा रहा है. उत्तराखंड चारधाम के लिए विश्व विख्यात है, लेकिन अब देवभूमि की नई पहचान सैन्य धाम के रूप में भी होगी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहीदों के परिजनों को अब 15 लाख रुपए देने की घोषणा की.
पिछले 4 सालों से त्रिवेंद्र सरकार प्रधानमंत्री के इस सपने को साकार करने में दिन-रात लगी हुई थी. इसी का नतीजा है कि आज शनिवार 23 जनवरी 2021 को पराक्रम दिवस के मौके पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देश के पहले सैन्य धाम का शिलान्यास किया है. भारत का पहला सैन्य धाम राजधानी देहरादून के पुरकुल में बनने जा रहा है.
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कारगिल दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी राज्य में चार धामों के बाद एक और सैन्यधाम बनाने की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री ने ऐलान किया था कि यह धाम पूरी तरह से डिजिटल होगा और इसमें साल 1947 के बाद देश की रक्षा के लिए कुर्बानी देने वाले हर सैनिक का नाम दर्ज किया जाएगा. सैन्यधाम में एक क्लिक पर हर सैनिक का पूरा बायोडाटा उपलब्ध हो सकेगा. आज सैन्यधाम का सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शिलान्यास किया है.
शहीदों के परिजनों के लिये बड़ी घोषणा
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहीदों को लेकर बड़ी घोषणा की है. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घोषणा की है कि शहीदों के परिवार को अब 15 लाख रुपए दिए जाएंगे. इससे पहले शहीदों के घरवालों को 10 लाख रुपए दिए जाते थे.
10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख हुआ अनुदान
इस अवसर पर सीएम ने घोषणा की कि विभिन्न युद्धों व सीमान्त झडपों तथा आन्तरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों व अर्द्ध सैनिक बलों की विधवाओं/आश्रितों को एकमुश्त 10 लाख रूपये के अनुदान को बढ़ाकर 15 लाख रूपये किया जायेगा. इस अवसर पर उन्होंने उपनल के मुख्यालय का शिलान्यास भी किया. नेताजी श्री सुभाषचन्द्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. सुभाष चन्द्र बोस के जन्म दिवस को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाये जाने पर उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया.