देहरादून: राज्य स्थापना दिवस पर ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गैरसैंण को लेकर अब तक जो काम कोई सरकार नहीं कर पाई, उसे त्रिवेंद्र सरकार करने वाली है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इशारों ही इशारों में यह जाहिर भी कर दिया कि आने वाले समय में उनकी सरकार गैरसैंण को ही स्थायी राजधानी घोषित करेगी. ईटीवी भारत से खास बातचीत में मुख्यमंत्री ने कुछ ऐसी बातें कहीं जो इस खबर पर मुहर लगाती है.
त्रिवेंद्र सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया है और अब स्थायी राजधानी घोषित करने की बारी है. उत्तराखंड की स्थायी राजधानी गैरसैंण को बनाए जाने के लिए फिलहाल अवस्थापना सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत फिलहाल गैरसैंण में आधारभूत सुविधाओं के साथ-साथ रेल, वायु मार्ग और सड़क मार्ग की कनेक्टिविटी जोड़ने के लिए प्रयास में जुटे हैं. इसके अलावा स्थायी राजधानी के लिए जरूरी तमाम संस्थान और बाजार स्थापित करने के प्रयास हो रहे हैं. यह सब यूं ही नहीं हो रहा है, बल्कि इसके पीछे की वजह स्थायी राजधानी का वह मुद्दा है. जिस पर त्रिवेंद्र सरकार काम कर रही है.
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी बातों ही बातों में इस बात की तरफ इशारा कर दिया है कि उत्तराखंड की स्थायी राजधानी गैरसैंण को ही घोषित करने की तैयारी हो रही है. ईटीवी भारत ने जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से स्थायी राजधानी को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ कर दिया कि वीरान जगह पर स्थायी राजधानी नहीं हो सकती. इसलिए गैरसैंण में अवस्थापना विकास किया जा रहा है.
यहां कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है और बेहतर व्यवस्थाओं को बढ़ाने के लिए बड़े इन्वेस्टमेंट लाने का भी प्रयास हो रहा है. हालांकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत साफ तौर पर गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाए जाने को लेकर तो कुछ नहीं बोले. लेकिन उनके प्लान भविष्य की स्थायी राजधानी की तरफ ही इशारा करते दिखाई दिए.