देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फूलदेई त्योहार अपने आवास पर बच्चों के साथ मनाया. चैत्र मास की सक्रांति को मनाया जाने वाला फूलदेई त्योहार का उत्तराखंड में खास महत्व है. इसका संबंध प्रकृति से है.
-
उत्तराखंड के लोकपर्व फुलारी पर नन्ही बच्चियां जब देहरी पर फूल डालती हैं और सभी के कल्याण की कामना करती हैं, तो यह सर्वे भवंतु सुखिनः की हमारी महान सांस्कृतिक परंपरा को दर्शाता है। फूलदेई प्रकृति से जुड़ा पर्व भी है, इसलिए इस अवसर पर वृक्षारोपण अवश्य करें।#फूलदेई pic.twitter.com/8faQCqQAkx
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) March 14, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">उत्तराखंड के लोकपर्व फुलारी पर नन्ही बच्चियां जब देहरी पर फूल डालती हैं और सभी के कल्याण की कामना करती हैं, तो यह सर्वे भवंतु सुखिनः की हमारी महान सांस्कृतिक परंपरा को दर्शाता है। फूलदेई प्रकृति से जुड़ा पर्व भी है, इसलिए इस अवसर पर वृक्षारोपण अवश्य करें।#फूलदेई pic.twitter.com/8faQCqQAkx
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) March 14, 2020उत्तराखंड के लोकपर्व फुलारी पर नन्ही बच्चियां जब देहरी पर फूल डालती हैं और सभी के कल्याण की कामना करती हैं, तो यह सर्वे भवंतु सुखिनः की हमारी महान सांस्कृतिक परंपरा को दर्शाता है। फूलदेई प्रकृति से जुड़ा पर्व भी है, इसलिए इस अवसर पर वृक्षारोपण अवश्य करें।#फूलदेई pic.twitter.com/8faQCqQAkx
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) March 14, 2020
बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड का सांस्कृतिक पर्व फूलदेई बच्चों के साथ मनाए. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि प्रकृति संरक्षण, हमारी संस्कृति में है.
यह बड़ी खुशी की बात है कि हमारे बच्चों में अपनी संस्कृति और परम्पराओं से गहरा लगाव बना हुआ है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि हमें अपनी प्राचीन संस्कृति को संजोकर रखने की जरूरत है. प्रकृति के इस त्योहार को संजोए रखने के लिये सबको मिलकर प्रयास करने होंगे. फूलदेई का त्योहार सुख शांति की कामना का प्रतीक है.
ये भी पढ़ें: देवभूमि में फूलदेई पर्व की धूम, त्योहार मनाने के पीछे की ये है रोचक कहानी
उन्होंने प्रदेशवासियों को फूलदेई पर्व की शुभकामनाएं एवं बधाई दी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने सीएम आवास आए बच्चों को उपहार भेंट किए और पौधारोपण भी किया.