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कृषि विधेयक: CM ने मोदी सरकार का रखा पक्ष, कहा- एक राष्ट्र एक बाजार की संकल्पना होगी मजबूत

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Published : Sep 24, 2020, 7:35 PM IST

Updated : Sep 24, 2020, 8:03 PM IST

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्र के कृषि विधेयक को लेकर मोदी सरकार का पक्ष रखा. सीएम त्रिवेंद्र ने पीएम मोदी के किसानों को लेकर किए गए अब तक के कामों का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार किसानों के हितों के लिए काम कर रही है, लेकिन कुछ लोग किसानों को बरगलाने का काम कर रहे हैं.

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सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज मीडिया से रूबरू होते हुए केंद्र के कृषि विधेयकों को लेकर अपनी बात कही. सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार किसानों की सबसे बड़ी हितैषी सरकार है. संसद में सरकार द्वारा पारित कराए गए कृषि विधेयकों से किसानों की दशा और दिशा में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे. इन विधेयकों में ऐसी व्यवस्थाएं की गई हैं, जिससे किसान स्वयं अपनी उपज को अच्छी कीमतों पर मंडी में या मंडी के बाहर कहीं भी बेच सकेगा. इसमें बिचैलियों की भूमिका खत्म कर दी गई है, यानि जो मुनाफा किसान से बिचैलिये उठाते थे, वो पैसा अब सीधा किसान की जेब में जाएगा. इन कृषि विधेयकों से एक राष्ट्र एक बाजार की संकल्पना को मजबूती मिल रही है. किसान अब सीधे बाजार से जुड़ सकेंगे.

एक राष्ट्र एक बाजार की संकल्पना होगी मजबूत- CM.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग किसानों को बरगलाने और उकसाने का काम कर रहे हैं. उनसे झूठ बोला जा रहा है. परंतु किसानों को स्वयं इन कृषि सुधारों को समझना चाहिए. उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि प्रधानमंत्री जी की सोच सदैव किसानों के कल्याण के लिए रही है. इसी सोच के साथ ये सुधार किए गए हैं.

मोदी सरकार ने किसानों को सीधे तौर पर फायदा पहुंचाया- सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी हमेशा से किसानों के हितैषी रहे हैं. वे जब गुजारत के सीएम थे तो उन्होंने वहां किसानों के लिए 7 घंटे नियमित और निश्चित बिजली की व्यवस्था की. उन्होंने कृषि महोत्सवों की शुरूआत की. प्रधानमंत्री बनने के बाद भी किसान हमेशा उनकी प्राथमिकताओं में रहे. उनकी सरकार में गांव, गरीब और किसानों का सबसे पहले ख्याल रखा गया है. साल 2009 में यूपीए की सरकार में कृषि मंत्रालय का बजट केवल 12 हजार करोड़ रुपए था जो आज कई गुना बढ़ाकर 1 लाख 34 हजार करोड़ किया गया है. पहले कभी भी केंद्र सरकार एक साल में 75 हजार करोड़ रुपए किसानों के हित में खर्च नहीं कर पाई थी, लेकिन मोदी सरकार ने यह मुमकिन कर दिया. पीएम किसान योजना से अब तक 92 हजार करोड़ रुपए सीधे डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं.

मोदी सरकार ने स्वामीनाथन रिपोर्ट के सुझावों को लागू किया- सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि अवसंरचना के लिए 1 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की है. इसमें मत्स्य पालन के लिए 20 हजार करोड़, पशुपालन के लिए 15 हजार करोड़, हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 1 हजार करोड़ रुपए का पैकेज स्वीकृत किया है. यूपीए के समय किसानों को 8 लाख करोड़ का कर्ज मिलता था. आज 15 लाख करोड़ का ऋण सालाना दिया जा रहा है. यूपीए के समय स्वामीनाथन आयोग ने कृषि कल्याण के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे, लेकिन उस समय इन्हें लागू नहीं किया गया. आज मोदी सरकार ने न सिर्फ स्वामीनाथन रिपोर्ट के सुझावों को लागू किया बल्कि उसमें और अधिक प्रावधान जोड़कर किसानों का हित तलाशा है.

पढ़ें- नेगेटिव रिपोर्ट के बाद विष्णु धाम पहुंचीं उमा भारती, बदरी विशाल से की ये कामना

इसी प्रकार मोदी सरकार में विभिन्न फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य काफी बढ़ाया गया है. साल 2015-16 में धान का एमएसपी ₹1410 प्रति कुंतल था, जो आज ₹1925 प्रति कुंतल हो गया है. गेहूं की एमएसपी में ₹50 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई है. पहले ₹1925 प्रति कुंतल थी, अब ₹1975 प्रति कुंतल हो गई. चने की एमसएसपी में ₹225 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई. पहले ₹4875 प्रति कुंतल थी. अब ₹5100 प्रति कुंतल हो गई. जौं की एमएसपी में ₹75 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई है. पहले ₹1525 प्रति कुंतल थी. अब ₹1600 प्रति कुंतल हो गई है. मसूर की एमएसपी में ₹300 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई है. पहले ₹4800 प्रति कुंतल थी, अब ₹5100 प्रति कुंतल हो गई. सरसों की एमएसपी में ₹225 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई है. पहले ₹4425 प्रति कुंतल थी, अब ₹4650 प्रति कुंतल हो गई.

देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज मीडिया से रूबरू होते हुए केंद्र के कृषि विधेयकों को लेकर अपनी बात कही. सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार किसानों की सबसे बड़ी हितैषी सरकार है. संसद में सरकार द्वारा पारित कराए गए कृषि विधेयकों से किसानों की दशा और दिशा में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे. इन विधेयकों में ऐसी व्यवस्थाएं की गई हैं, जिससे किसान स्वयं अपनी उपज को अच्छी कीमतों पर मंडी में या मंडी के बाहर कहीं भी बेच सकेगा. इसमें बिचैलियों की भूमिका खत्म कर दी गई है, यानि जो मुनाफा किसान से बिचैलिये उठाते थे, वो पैसा अब सीधा किसान की जेब में जाएगा. इन कृषि विधेयकों से एक राष्ट्र एक बाजार की संकल्पना को मजबूती मिल रही है. किसान अब सीधे बाजार से जुड़ सकेंगे.

एक राष्ट्र एक बाजार की संकल्पना होगी मजबूत- CM.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग किसानों को बरगलाने और उकसाने का काम कर रहे हैं. उनसे झूठ बोला जा रहा है. परंतु किसानों को स्वयं इन कृषि सुधारों को समझना चाहिए. उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि प्रधानमंत्री जी की सोच सदैव किसानों के कल्याण के लिए रही है. इसी सोच के साथ ये सुधार किए गए हैं.

मोदी सरकार ने किसानों को सीधे तौर पर फायदा पहुंचाया- सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी हमेशा से किसानों के हितैषी रहे हैं. वे जब गुजारत के सीएम थे तो उन्होंने वहां किसानों के लिए 7 घंटे नियमित और निश्चित बिजली की व्यवस्था की. उन्होंने कृषि महोत्सवों की शुरूआत की. प्रधानमंत्री बनने के बाद भी किसान हमेशा उनकी प्राथमिकताओं में रहे. उनकी सरकार में गांव, गरीब और किसानों का सबसे पहले ख्याल रखा गया है. साल 2009 में यूपीए की सरकार में कृषि मंत्रालय का बजट केवल 12 हजार करोड़ रुपए था जो आज कई गुना बढ़ाकर 1 लाख 34 हजार करोड़ किया गया है. पहले कभी भी केंद्र सरकार एक साल में 75 हजार करोड़ रुपए किसानों के हित में खर्च नहीं कर पाई थी, लेकिन मोदी सरकार ने यह मुमकिन कर दिया. पीएम किसान योजना से अब तक 92 हजार करोड़ रुपए सीधे डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं.

मोदी सरकार ने स्वामीनाथन रिपोर्ट के सुझावों को लागू किया- सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि अवसंरचना के लिए 1 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की है. इसमें मत्स्य पालन के लिए 20 हजार करोड़, पशुपालन के लिए 15 हजार करोड़, हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 1 हजार करोड़ रुपए का पैकेज स्वीकृत किया है. यूपीए के समय किसानों को 8 लाख करोड़ का कर्ज मिलता था. आज 15 लाख करोड़ का ऋण सालाना दिया जा रहा है. यूपीए के समय स्वामीनाथन आयोग ने कृषि कल्याण के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे, लेकिन उस समय इन्हें लागू नहीं किया गया. आज मोदी सरकार ने न सिर्फ स्वामीनाथन रिपोर्ट के सुझावों को लागू किया बल्कि उसमें और अधिक प्रावधान जोड़कर किसानों का हित तलाशा है.

पढ़ें- नेगेटिव रिपोर्ट के बाद विष्णु धाम पहुंचीं उमा भारती, बदरी विशाल से की ये कामना

इसी प्रकार मोदी सरकार में विभिन्न फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य काफी बढ़ाया गया है. साल 2015-16 में धान का एमएसपी ₹1410 प्रति कुंतल था, जो आज ₹1925 प्रति कुंतल हो गया है. गेहूं की एमएसपी में ₹50 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई है. पहले ₹1925 प्रति कुंतल थी, अब ₹1975 प्रति कुंतल हो गई. चने की एमसएसपी में ₹225 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई. पहले ₹4875 प्रति कुंतल थी. अब ₹5100 प्रति कुंतल हो गई. जौं की एमएसपी में ₹75 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई है. पहले ₹1525 प्रति कुंतल थी. अब ₹1600 प्रति कुंतल हो गई है. मसूर की एमएसपी में ₹300 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई है. पहले ₹4800 प्रति कुंतल थी, अब ₹5100 प्रति कुंतल हो गई. सरसों की एमएसपी में ₹225 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई है. पहले ₹4425 प्रति कुंतल थी, अब ₹4650 प्रति कुंतल हो गई.

Last Updated : Sep 24, 2020, 8:03 PM IST
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