देहरादूनः प्रदेश की बहुप्रतीक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके साथ ही 2025 के अंत तक ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल का संचालन शुरू हो जायेगा. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि रेल प्रोजेक्ट तय समय पर पूरा कर लिया जाएगा. लछमोली और श्रीनगर में अलकनंदा नदी पर आरओबी का काम पहले ही शुरू हो चुका है. हाल ही में श्रीनगर, गौचर और सिवाइ में रोड ब्रिज का काम भी शुरू किया गया है.
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट के तहत वीरभद्र-न्यू ऋषिकेश ब्लॉक सेक्शन का काम 2019-20, न्यू ऋषिकेश-देवप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2023-24 और देवप्रयाग-कर्णप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का काम 2024-25 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. गौरतलब है कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के तहत श्रीकोट में अस्पताल, पुल और स्टेडियम का निर्माण भी रेलवे द्वारा कराया जाना है. यही नहीं चारधाम को रेलवे से जोड़ने के लिए 327.11 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन की सिफारिश भी रेल विकास निगम लिमिटेड ने की है.
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इस कार्य में लोकेशन सर्वे के लिए रेलवे ने 121 करोड़ का बजट भी अनुमोदित कर चुका है. केंद्र सरकार के विशेष रेल प्रोजेक्ट में शुमार 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर 12 स्टेशन, 17 सुरंग और 35 पुलों का निर्माण होना है. मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का कहना है कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम चल रहा है. इस प्रोजेक्ट को 11 भागों में बांटा गया है. जिसमें 11 प्रोजेक्ट इंजीनियर बनाए गए हैं. कोशिश है कि तय समय में ये प्रोजेक्ट तैयार हो जाए. जिससे लोग ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल से यात्रा कर सकें.