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पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती, CM त्रिवेंद्र ने किया याद

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती इस बार सुशासन दिवस के रूप में मनाई गई. ऐसे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने सुशासन की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी.

CM Trivendra
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत
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Published : Dec 24, 2020, 6:15 PM IST

Updated : Dec 24, 2020, 7:38 PM IST

देहरादून: पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर याद किया है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी उन्हें याद किया. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती इस बार सुशासन दिवस के रूप में मनाई गई. ऐसे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने सुशासन की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी.

इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ही दशकों से चले आ रहे उत्तराखंड राज्य निर्माण के संघर्ष का सम्मान करते हुए अलग राज्य का सपना साकार किया था. उन्होंने उत्तराखंड राज्य की स्थापना के सपने को समझा और उसे पूरा करने में अपना योगदान दिया.

पढ़ें- 6 विधेयक और अनुपूरक बजट पास होने के साथ विधानसभा का शीतकालीन सत्र समाप्त, जानिए और क्या हुआ

सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि उनकी सरकारी भी जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करते हुए पूर्व पीएम अटल बिहारी के सुशासन के सपने को पूरा कर रही है. भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी सुशासन के लिए ईमानदारी से किये गये प्रयासों से शासन-प्रशासन की कार्य संस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है. सीएम डैशबोर्ड उत्कर्ष के माध्यम से 205 Key Performance Indicators के आधार पर लगभग सभी विभागों की महत्वपूर्ण योजनाओं की मुख्यमंत्री स्तर पर Real time monitoring की जा रही है.

सीएम हेल्पलाइन 1905 में अभी तक 35 हजार से अधिक शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का 24 घंटे लेकर एक सप्ताह के भीतर समाधान किया जा चुका है. विभागाध्यक्ष और जिलाधिकारी की सीधी जिम्मेवारी तय की गई है. शिकायतकर्ता के संतुष्ट न होने तक शिकायत का निस्तारण नहीं माना जाता है. सेवा का अधिकार के अंतर्गत साल 2017 तक केवल 10 विभागों की 94 सेवाएं आती थी. जिन्हें बढ़ाकर बढ़ाकर 27 विभागों की 243 सेवाएं किया है.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर के पंचायत प्रतिनिधियों का दूसरा दल पहुंचा उत्तराखंड

मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रांसफर एक्ट बनाते हुए इसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया है. ई-कैबिनेट का उद्देश्य समयबद्ध ढंग से कार्रवाई करना, पेपर लेस व्यवस्था को प्रोत्साहित करना और सभी रिकॉर्ड व्यवस्थित तरीके से रखना है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-ऑफिस के जरिए फाइलों के निस्तारण में भी तेजी आएगी. ई-ऑफिस हेतु सचिवालय के अंतर्गत 54 विभागों के 828 कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है और 140 अनुभागों में ई-ऑफिस शुरू किया जा चुका है. 3773 फाइलें ई-आफिस के माध्यम से बना दी गई है.

मुख्यमंत्री के मुताबिक, सचिवालय के साथ ही 27 विभाग ई-आफिस प्रणाली के अन्तर्गत आ चुके हैं. देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर व ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी कार्यालयों में ई-आफिस प्रणाली शुरू हो चुकी है. राज्य के हर न्याय पंचायत से ई-पंचायत सेवा उपलब्ध कराने वाला उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य है.

देहरादून: पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर याद किया है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी उन्हें याद किया. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती इस बार सुशासन दिवस के रूप में मनाई गई. ऐसे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने सुशासन की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी.

इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ही दशकों से चले आ रहे उत्तराखंड राज्य निर्माण के संघर्ष का सम्मान करते हुए अलग राज्य का सपना साकार किया था. उन्होंने उत्तराखंड राज्य की स्थापना के सपने को समझा और उसे पूरा करने में अपना योगदान दिया.

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सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि उनकी सरकारी भी जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करते हुए पूर्व पीएम अटल बिहारी के सुशासन के सपने को पूरा कर रही है. भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी सुशासन के लिए ईमानदारी से किये गये प्रयासों से शासन-प्रशासन की कार्य संस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है. सीएम डैशबोर्ड उत्कर्ष के माध्यम से 205 Key Performance Indicators के आधार पर लगभग सभी विभागों की महत्वपूर्ण योजनाओं की मुख्यमंत्री स्तर पर Real time monitoring की जा रही है.

सीएम हेल्पलाइन 1905 में अभी तक 35 हजार से अधिक शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का 24 घंटे लेकर एक सप्ताह के भीतर समाधान किया जा चुका है. विभागाध्यक्ष और जिलाधिकारी की सीधी जिम्मेवारी तय की गई है. शिकायतकर्ता के संतुष्ट न होने तक शिकायत का निस्तारण नहीं माना जाता है. सेवा का अधिकार के अंतर्गत साल 2017 तक केवल 10 विभागों की 94 सेवाएं आती थी. जिन्हें बढ़ाकर बढ़ाकर 27 विभागों की 243 सेवाएं किया है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रांसफर एक्ट बनाते हुए इसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया है. ई-कैबिनेट का उद्देश्य समयबद्ध ढंग से कार्रवाई करना, पेपर लेस व्यवस्था को प्रोत्साहित करना और सभी रिकॉर्ड व्यवस्थित तरीके से रखना है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-ऑफिस के जरिए फाइलों के निस्तारण में भी तेजी आएगी. ई-ऑफिस हेतु सचिवालय के अंतर्गत 54 विभागों के 828 कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है और 140 अनुभागों में ई-ऑफिस शुरू किया जा चुका है. 3773 फाइलें ई-आफिस के माध्यम से बना दी गई है.

मुख्यमंत्री के मुताबिक, सचिवालय के साथ ही 27 विभाग ई-आफिस प्रणाली के अन्तर्गत आ चुके हैं. देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर व ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी कार्यालयों में ई-आफिस प्रणाली शुरू हो चुकी है. राज्य के हर न्याय पंचायत से ई-पंचायत सेवा उपलब्ध कराने वाला उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य है.

Last Updated : Dec 24, 2020, 7:38 PM IST
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