देहरादून: बीते रोज क्वारंटाइन सेंटर में युवक द्वारा आत्महत्या मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नोडल अधिकारी और संबंधित डॉक्टर को निलंबित करने के आदेश दिए हैं. यही, नहीं बीते दिनों गर्भवती महिला की इलाज न मिलने से मौत के मामले में भी सीएम ने जांच के आदेश दिये हैं. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोविड-19 पर अधिकारियों की समीक्षा बैठक करते हुए ये तमाम निर्णय लिए. सीएम ने सभी नियमों और आदेशों का सख्ती से पालन करने के निर्देश भी जारी किये.
प्रदेश में क्वारंटाइन सेंटर्स को लेकर आ रही शिकायतों के बाद अब सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत एक्शन में आ गये हैं. आज सीएम ने देहरादून क्वारंटाइन सेंटर में आत्महत्या मामले में नोडल अधिकारी और संबंधित डॉक्टर को निलंबित करने के आदेश दिये हैं. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोविड-19 की समीक्षा बैठक करते हुए अधिकारियों को संक्रमण से बचाव के लिए निर्देशित किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा आशा व आंगनबाड़ी वर्कस की सहायता से सर्विलांस बढ़ाया जाये.
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सीएम ने कहा कि कोविड-19 से संबंधित हर मृत्यु की ऑडिट करवाई जाए. शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए जिलाधिकारियों के साथ प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की.
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कोविड-19 से संबंधित लक्षण पर सैंपलिंग अनिवार्य
सीएम ने कहा सर्विलांस में जिन लोगों में कोरोना के लक्षण दिखाई दे हेल्थ टीम के माध्यम से उनका सैंपल अनिवार्य रूप से लिया जाये. फ्रंटलाइन वर्कर्स को आवश्यकता अनुसार थर्मल स्कैनर, फेस शील्ड, पीपीई किट, मास्क आदि जरूर उपलब्ध कराए जाएं. इससे उनका कार्य के प्रति उत्साह बढ़ता है. ओपीडी में ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों को भी फेस शील्ड उपलब्ध हो.
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सम्मानजनक तरीके से हो कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु पर उसके अंतिम संस्कार में विवाद न हो. इसके लिए जरूरी दिशा निर्देशों के अनुसार ही कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार किया जाये. ताकि मृत्यु के बाद भी व्यक्ति का सम्मान बरकरार रहे. मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी व हरिद्वार में विद्युत शव-दाह गृह का कार्य शुरू करने के निर्देश देते हुए देहरादून में भी शव-दाह गृह बनाने की घोषणा की.
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धन की नहीं है कमी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है. आवश्यकता अनुसार कार्मिकों की नियुक्ति के लिए जिलाधिकारियों को अधिकार दिए गए हैं. इसी प्रकार आवश्यक चिकित्सा संबंधित उपकरणों के क्रय के लिए भी अधिकार दिए गए हैं.
होम क्वारंटाइन में प्रोटोकॉल का पालन
वहीं, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि हर केस को पूरी गम्भीरता से लिया जाना है. होम क्वारंटाइन के लिए डिस्चार्ज करने से पूर्व यह आश्वस्त किया जाये कि घर में मानकों के अनुरूप सारी व्यवस्थाएं हो. सचिव अमित नेगी ने कहा कि अगले 15-20 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. हमारी रिकवरी रेट और डबलिंग रेट में सुधार हो रहा है. एक्टिव केस लगभग स्थिरता की ओर जा रहे हैं. पेशेंट केयर मैनेजमेंट पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है.
प्रदेश में आने वालों का ऑनलाइन पंजीकरण जरूरी
सचिव शैलेश बगोली ने कहा कि बाहर से प्रदेश में आने वालों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य है. इससे भविष्य में उन्हें ट्रैक करने में आसानी होगी.