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सीएम हाउस में भी लॉकडाउन का असर, सीमित हुआ मुख्यमंत्री से मुलाकात का दौर

देशभर में लॉकडाउन को लेकर जहां आम लोगों से इसका पालन करवाया जा रहा है तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के आवास पर भी लॉकडाउन का पूरा असर दिखाई दे रहा है. हालांकि सीएम आवास पर अब आवाजाही को और भी सीमित किये जाने की तैयारी है.

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Published : Apr 5, 2020, 6:01 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने आवास पर आवाजाही को और भी सीमित किए जाने का फैसला लिया है. हालांकि लॉकडाउन के चलते सीएम आवास पर पहले ही लोगों की आवाजाही को बेहद कम कर दिया गया है. यहां तक कि मुख्यमंत्री के आवास पर नियुक्त तमाम कर्मचारियों की संख्या को भी घटाया गया है.

मुख्यमंत्री के निजी सचिवों से लेकर उनके तमाम कर्मचारियों को जरूरी काम के लिहाज से बेहद कम संख्या में बुलाया जा रहा है. जबकि बाकी लोगों को घर से ही निर्देश के अनुसार काम करने के लिए कहा गया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी लॉकडाउन होने के बाद अपने आवास से बाहर नहीं निकले हैं.

पढ़े: रामनगर में कोरोना पॉजिटिव मिलने से हड़कंप, प्रदेश में 23 पहुंची संक्रमितों की संख्या

कोरोना वायरस को लेकर होने वाली तमाम बैठकों के लिए अब तक उनके आवास पर ही चिंतन हुआ है. लेकिन अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसको और भी सीमित करने के लिए कोशिशें शुरू की है. जिसमें तमाम जरूरी बैठकों को भी अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या ऑनलाइन करने पर ही विचार कर लिया गया है. यानी कोरोना वायरस से जुड़े तमाम फैसलों को अब अधिकारियों से मदद के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जाएगा.

उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 8 अप्रैल को होने वाली कैबिनेट बैठक को भी ऑनलाइन करने की बात कह चुके हैं. दरअसल तमाम मंत्रियों को विभिन्न जिलों के प्रभारी के तौर पर कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है. ऐसे में मंत्रियों को पास के ही एनआईसी से कैबिनेट में ऑनलाइन हिस्सा लेने की भी सलाह दी गई है.

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने आवास पर आवाजाही को और भी सीमित किए जाने का फैसला लिया है. हालांकि लॉकडाउन के चलते सीएम आवास पर पहले ही लोगों की आवाजाही को बेहद कम कर दिया गया है. यहां तक कि मुख्यमंत्री के आवास पर नियुक्त तमाम कर्मचारियों की संख्या को भी घटाया गया है.

मुख्यमंत्री के निजी सचिवों से लेकर उनके तमाम कर्मचारियों को जरूरी काम के लिहाज से बेहद कम संख्या में बुलाया जा रहा है. जबकि बाकी लोगों को घर से ही निर्देश के अनुसार काम करने के लिए कहा गया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी लॉकडाउन होने के बाद अपने आवास से बाहर नहीं निकले हैं.

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कोरोना वायरस को लेकर होने वाली तमाम बैठकों के लिए अब तक उनके आवास पर ही चिंतन हुआ है. लेकिन अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसको और भी सीमित करने के लिए कोशिशें शुरू की है. जिसमें तमाम जरूरी बैठकों को भी अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या ऑनलाइन करने पर ही विचार कर लिया गया है. यानी कोरोना वायरस से जुड़े तमाम फैसलों को अब अधिकारियों से मदद के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जाएगा.

उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 8 अप्रैल को होने वाली कैबिनेट बैठक को भी ऑनलाइन करने की बात कह चुके हैं. दरअसल तमाम मंत्रियों को विभिन्न जिलों के प्रभारी के तौर पर कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है. ऐसे में मंत्रियों को पास के ही एनआईसी से कैबिनेट में ऑनलाइन हिस्सा लेने की भी सलाह दी गई है.

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