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प्रदेश के ताजा हालात की सीएम ने की समीक्षा, समस्याओं को दूर करने की कही बात

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Published : Apr 20, 2020, 10:39 PM IST

सीएम रावत ने अधिकारियों संग प्रदेश के ताजा हालात की समीक्षा की है. साथ ही अधिकारियों को लोगों की समस्याओं को दूर करने का निर्देश दिया है.

reviewed the current situation in Uttarakhand
ताजा हालात की सीएम ने की समीक्षा

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना वायरस और लॉकडाउन को लेकर की गई व्यवस्थाओं की मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने समीक्षा की. साथ ही सीएम ने अधिकारियों को मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए लोगों की समस्याओं को दूर करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही सीएम ने कोविड-19 को लेकर सभी जिलाधिकारियों को अपने जिले की स्थिति के मुताबिक लोगों की समस्याओं को दूर करने को कहा है.

सीएम ने अधिकारियों से कहा कि शादी-विवाह में दूल्हा और दुल्हन दोनों के पक्षों की आवश्यकताओं को देखें. विवाह के लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग की अनिवार्यता के साथ अनुमति प्रदान की जाए. साथ ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जो लोग अपनी रिश्तेदारी या दूसरी जगहों पर फंस गए हैं उनका स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए ग्रीन कैटेगरी के जनपदों में जाने की अनुमति प्रदान की जाए. यही नहीं जिन लोगों ने 14 दिनों का क्वारंटाइन पूरा कर लिया है. उन्हें स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उनके घर भेजने की व्यवस्था की जाए.

ये भी पढ़ें: बदरी-केदार धाम के इतिहास में पहली बार 15 दिन लेट खुलेंगे कपाट, जानें बड़ी वजह

सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में अधिकारियों संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम ने कोरोना वायरस को लेकर हो रहे राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा भी की. अधिकारियों संग चर्चा में सीएम रावत ने काश्तकारों के व्यापक हित में आम और लीची के सीजन में इन्हें खरीदने आने वाले ठेकेदारी को आवश्यक चिकित्सीय जांच के बाद आने की अनुमति देने को कहा है.

साथ ही मटर की खेती करने वाले किसानों के हित में फ्रोजन मटर की प्रोसेसिंग करने वाले उद्योगों को भी प्रोत्साहित करने को कहा है. मुख्यमंत्री ने गर्मी और सर्दी के मौसम में प्रदेश के सीमांत जनपदों उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में माइग्रेट होने वाले लोगों के आवागमन, पशुओं को चारा-पानी, गर्मी के दृष्टिगत पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें: पीपीई किट के लिए कमेटी गठित करने के आदेश, ड्रग डिपार्टमेंट ने डीजी हेल्थ को सौंपी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण प्रदेश में हजारों लोगों ने रिवर्स माइग्रेशन किया है. लॉकडाउन के बाद भी इनकी संख्या और बढ़ सकती है. इसके लिए एक प्रोफॉर्मा तैयार किया गया है. जिसमें उनकी दक्षता आदि का पूरा विवरण तैयार किया जाना है. इसके लिए 30 हजार आवेदन भेजे जा चुके हैं. यह प्रक्रिया भविष्य की योजना तैयार करने में मददगार हो सकेगी.

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान देने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित करने की अपेक्षा की है. सीएम ने कहा कि लोगों द्वारा दान की गई धनराशि से जनकल्याण के कार्यों में बड़ी मदद मिल सकती है. उन्होंने जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी निर्देश राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के दृष्टिगत जारी किए जा रहे हैं. उनका पालन गंभीरता के साथ होना चाहिए.

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों से जनपद में मेडिकल स्टाफ की तैनाती के साथ ही उनके प्रशिक्षण पर ध्यान देने को कहा है. ताकि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिल सके. साथ ही उन्होंने आवश्यक सामान लेकर जाने वाले ट्रक ड्राइवरों के कुछ जनपदों में क्वारंटाइन किए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें स्क्रीनिंग के बाद जाने देने का आदेश दिया है. साथ ही मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से वन विभाग के कर्मचारियों को कार्यमुक्त करने को भी कहा है. ताकि वनाग्नि की समस्या से निपटने की तैयारी की जा सके.

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना वायरस और लॉकडाउन को लेकर की गई व्यवस्थाओं की मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने समीक्षा की. साथ ही सीएम ने अधिकारियों को मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए लोगों की समस्याओं को दूर करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही सीएम ने कोविड-19 को लेकर सभी जिलाधिकारियों को अपने जिले की स्थिति के मुताबिक लोगों की समस्याओं को दूर करने को कहा है.

सीएम ने अधिकारियों से कहा कि शादी-विवाह में दूल्हा और दुल्हन दोनों के पक्षों की आवश्यकताओं को देखें. विवाह के लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग की अनिवार्यता के साथ अनुमति प्रदान की जाए. साथ ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जो लोग अपनी रिश्तेदारी या दूसरी जगहों पर फंस गए हैं उनका स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए ग्रीन कैटेगरी के जनपदों में जाने की अनुमति प्रदान की जाए. यही नहीं जिन लोगों ने 14 दिनों का क्वारंटाइन पूरा कर लिया है. उन्हें स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उनके घर भेजने की व्यवस्था की जाए.

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सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में अधिकारियों संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम ने कोरोना वायरस को लेकर हो रहे राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा भी की. अधिकारियों संग चर्चा में सीएम रावत ने काश्तकारों के व्यापक हित में आम और लीची के सीजन में इन्हें खरीदने आने वाले ठेकेदारी को आवश्यक चिकित्सीय जांच के बाद आने की अनुमति देने को कहा है.

साथ ही मटर की खेती करने वाले किसानों के हित में फ्रोजन मटर की प्रोसेसिंग करने वाले उद्योगों को भी प्रोत्साहित करने को कहा है. मुख्यमंत्री ने गर्मी और सर्दी के मौसम में प्रदेश के सीमांत जनपदों उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में माइग्रेट होने वाले लोगों के आवागमन, पशुओं को चारा-पानी, गर्मी के दृष्टिगत पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण प्रदेश में हजारों लोगों ने रिवर्स माइग्रेशन किया है. लॉकडाउन के बाद भी इनकी संख्या और बढ़ सकती है. इसके लिए एक प्रोफॉर्मा तैयार किया गया है. जिसमें उनकी दक्षता आदि का पूरा विवरण तैयार किया जाना है. इसके लिए 30 हजार आवेदन भेजे जा चुके हैं. यह प्रक्रिया भविष्य की योजना तैयार करने में मददगार हो सकेगी.

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान देने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित करने की अपेक्षा की है. सीएम ने कहा कि लोगों द्वारा दान की गई धनराशि से जनकल्याण के कार्यों में बड़ी मदद मिल सकती है. उन्होंने जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जो भी निर्देश राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के दृष्टिगत जारी किए जा रहे हैं. उनका पालन गंभीरता के साथ होना चाहिए.

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों से जनपद में मेडिकल स्टाफ की तैनाती के साथ ही उनके प्रशिक्षण पर ध्यान देने को कहा है. ताकि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिल सके. साथ ही उन्होंने आवश्यक सामान लेकर जाने वाले ट्रक ड्राइवरों के कुछ जनपदों में क्वारंटाइन किए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें स्क्रीनिंग के बाद जाने देने का आदेश दिया है. साथ ही मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से वन विभाग के कर्मचारियों को कार्यमुक्त करने को भी कहा है. ताकि वनाग्नि की समस्या से निपटने की तैयारी की जा सके.

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