देहरादून: राज्यसभा प्रत्याशी की घोषणा के बाद नरेश बंसल के साथ शहीद स्मारक पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को आंदोलनकारी प्रमिला रावत के विरोध का सामना करना पड़ा. आंदोलनकारियों का आरोप है कि सरकार देहरादून कचहरी स्थित शहीद स्मारक को तोड़ने जा रही है.
उत्तराखंड से खाली हो रही राज्यसभा सीट के लिए भाजपा ने नरेश बंसल को प्रत्याशी चुना है, जिसके बाद वह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के साथ शहीद स्मारक पर शहीदों को सम्मान देने और पुष्पांजलि अर्पित करने देहरादून कचहरी स्थित शहीद स्मारक पर पहुंचे थे. सीएम के आने की खबर से पहले आंदोलनकारी प्रमिला रावत शहीद स्मारक पहुंची और स्मार्ट सिटी के कार्यों के तहत शहीद स्मारक के ध्वस्तीकरण की आशंका जताते हुए अपना विरोध व्यक्त किया.
आंदोलनकारी प्रमिला रावत के विरोध के दौरान ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत वहां पर पहुंचे. इस दौरान प्रमिला रावत शहीद स्मारक के अंदर बैठ गईं. काफी देर तक मुख्यमंत्री और नरेश बंसल शहीदों को पुष्पांजलि देने के लिए खड़े रहे. इस दौरान वहां मौजूद पुलिस बल ने जबरन प्रमिला रावत को शहीद स्मारक मंदिर से बाहर निकाला.
इसी खींचतान और विरोध के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, बीजेपी राज्यसभा प्रत्याशी नरेश बंसल और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत शहीदों को पुष्पांजलि देकर रवाना हो गए. हालांकि, इस दौरान प्रमिला रावत चिल्लाती रहीं कि उन्हें मुख्यमंत्री से दो मिनट बात करनी है लेकिन सीएम ने उसकी बात नहीं सुनी और चलते बने.
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वहीं, इस पूरे मामले पर जब हमने देहरादून के जिलाधिकारी और स्मार्ट सिटी के सीईओ आईएएस आशीष श्रीवास्तव से सवाल किया तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि ऋषिकेश का कोई मामला है, जिस पर विरोध दर्ज किया जा रहा है. जहां तक बात देहरादून कचहरी स्थित शहीद स्मारक की है तो अभी ऐसा कोई काम नहीं किया जा रहा है. अगर भविष्य में शहीद स्मारक को स्थानांतरित या फिर रीडेवलप करने की बात होती है तो बातचीत करके ही कार्रवाई की जाएगी.