देहरादून: एक बार फिर शहीद सैनिकों की यादों से जुड़े शौर्य स्थल के निर्माण को लेकर कवायद तेज हो गई है. इस बार मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को शौर्य स्थल के निर्माण की धीमी रफ्तार पर रिपोर्ट तलब की है. इसके साथ ही रुकावट का समाधान कर जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इसको लेकर मंगलवार को एक बैठक भी हुई.
बैठक में लैंड यूज चेंज न होने के चलते सरकार नए स्थान पर कार्य शौर्य स्थल का निर्माण कराने का निर्णय लिया है. इसके लिए भूमि चयन की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी गई है. अब तक मुख्यमंत्री आवास मार्ग में शौर्य स्थल का निर्माण किया जा रहा था. तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर खुद शौर्य स्थल का शिलान्यास करने पहुंचे थे, लेकिन अब सरकार किसी नए स्थान पर शौर्य स्थल का निर्माण कराएगी.
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बैठक के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि शौर्य स्थल के लिए जो स्थान चयन किया गया था, उसमें कुछ तकनीकी अड़चन आ गयी है. लिहाजा इस संबंध में अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया, तो उन्होंने बताया बताया कि 15 साल तक किसी भी ट्रंचिंग ग्राउंड का लैंड यूज चयन नहीं किया जा सकता है. ऐसी दिक्कतें आ रही है. हालांकि, राज्य सरकार के पास और भी विकल्प हैं. लिहाजा वन विभाग, राजस्व विभाग और सैनिक कल्याण बोर्ड को निर्देश दिया है कि संयुक्त दौरा कर एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपे. ताकि सैन्य धाम बनाने का काम जल्द ही शुरू किया जा सके.