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शौर्य स्थल के निर्माण में हो रही देरी पर नाराज हुए सीएम, अधिकारियों को नई जमीन तलाशने के दिए निर्देश

बैठक में लैंड यूज चेंज न होने के चलते सरकार नए स्थान पर कार्य शौर्य स्थल का निर्माण कराने का निर्णय लिया है. इसके लिए भूमि चयन की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी गई है.

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Published : Jan 14, 2020, 5:22 PM IST

Updated : Jan 15, 2020, 6:15 PM IST

cm trivendra
देहरादून

देहरादून: एक बार फिर शहीद सैनिकों की यादों से जुड़े शौर्य स्थल के निर्माण को लेकर कवायद तेज हो गई है. इस बार मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को शौर्य स्थल के निर्माण की धीमी रफ्तार पर रिपोर्ट तलब की है. इसके साथ ही रुकावट का समाधान कर जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इसको लेकर मंगलवार को एक बैठक भी हुई.

शौर्य स्थल के निर्माण में हो रही देरी से नाराज हुए सीएम

बैठक में लैंड यूज चेंज न होने के चलते सरकार नए स्थान पर कार्य शौर्य स्थल का निर्माण कराने का निर्णय लिया है. इसके लिए भूमि चयन की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी गई है. अब तक मुख्यमंत्री आवास मार्ग में शौर्य स्थल का निर्माण किया जा रहा था. तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर खुद शौर्य स्थल का शिलान्यास करने पहुंचे थे, लेकिन अब सरकार किसी नए स्थान पर शौर्य स्थल का निर्माण कराएगी.

पढ़ें- उत्तराखंड के सभी अस्पताल IPHS मानकों के तहत होंगे संचालित, मिलेगी बेहतर सुविधाएं

बैठक के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि शौर्य स्थल के लिए जो स्थान चयन किया गया था, उसमें कुछ तकनीकी अड़चन आ गयी है. लिहाजा इस संबंध में अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया, तो उन्होंने बताया बताया कि 15 साल तक किसी भी ट्रंचिंग ग्राउंड का लैंड यूज चयन नहीं किया जा सकता है. ऐसी दिक्कतें आ रही है. हालांकि, राज्य सरकार के पास और भी विकल्प हैं. लिहाजा वन विभाग, राजस्व विभाग और सैनिक कल्याण बोर्ड को निर्देश दिया है कि संयुक्त दौरा कर एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपे. ताकि सैन्य धाम बनाने का काम जल्द ही शुरू किया जा सके.

देहरादून: एक बार फिर शहीद सैनिकों की यादों से जुड़े शौर्य स्थल के निर्माण को लेकर कवायद तेज हो गई है. इस बार मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को शौर्य स्थल के निर्माण की धीमी रफ्तार पर रिपोर्ट तलब की है. इसके साथ ही रुकावट का समाधान कर जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इसको लेकर मंगलवार को एक बैठक भी हुई.

शौर्य स्थल के निर्माण में हो रही देरी से नाराज हुए सीएम

बैठक में लैंड यूज चेंज न होने के चलते सरकार नए स्थान पर कार्य शौर्य स्थल का निर्माण कराने का निर्णय लिया है. इसके लिए भूमि चयन की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी गई है. अब तक मुख्यमंत्री आवास मार्ग में शौर्य स्थल का निर्माण किया जा रहा था. तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर खुद शौर्य स्थल का शिलान्यास करने पहुंचे थे, लेकिन अब सरकार किसी नए स्थान पर शौर्य स्थल का निर्माण कराएगी.

पढ़ें- उत्तराखंड के सभी अस्पताल IPHS मानकों के तहत होंगे संचालित, मिलेगी बेहतर सुविधाएं

बैठक के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि शौर्य स्थल के लिए जो स्थान चयन किया गया था, उसमें कुछ तकनीकी अड़चन आ गयी है. लिहाजा इस संबंध में अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया, तो उन्होंने बताया बताया कि 15 साल तक किसी भी ट्रंचिंग ग्राउंड का लैंड यूज चयन नहीं किया जा सकता है. ऐसी दिक्कतें आ रही है. हालांकि, राज्य सरकार के पास और भी विकल्प हैं. लिहाजा वन विभाग, राजस्व विभाग और सैनिक कल्याण बोर्ड को निर्देश दिया है कि संयुक्त दौरा कर एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपे. ताकि सैन्य धाम बनाने का काम जल्द ही शुरू किया जा सके.

Intro:एक बार फिर जाबाज सैनिकों की यादों से जुड़े शौर्य स्थल निर्माण का कार्य शुरू होने की कवायद तेज कर दी गई हैं। इस बार मुख्यमंत्री ने सम्बंधित अधिकारियों से शौर्य स्थल के निर्माण की धीमी रफ्तार पर रिपोर्ट तलब की है। इसके साथ ही रुकावट का समाधान कर जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू करने के निर्देश दिए है। हालांकि सैन्य बाहुल्य प्रदेश में शौर्य स्थल जैसी सैनिकों की यादों से जुड़े स्थल के निर्माण समय से नही हो पाया इसका जिम्मेदार कौन है। 


Body:बैठक में लैंड यूज चेंज ना होने के चलते सरकार नए स्थान पर कार्य स्थल का निर्माण कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए भूमि चयन की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी गई है। अब तक मुख्यमंत्री आवास मार्ग में शौर्य स्थल का निर्माण किया जा रहा था। तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पारिकर खुद शौर्य स्थल का शिलान्यास करने पहुंचे थे। लेकिन अब सरकार किसी नए स्थान पर शौर्य स्थल का निर्माण कराएगी। 


वही बैठक के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि शौर्य स्थल के लिए जो स्थान चयन किया गया था, उसमें कुछ तकनीकी अड़चन आ गयी है। लिहाजा इस संबंध में अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया। जिसमे बताया बताया कि 15 साल तक किसी भी टचिंग ग्राउंड का लैंड यूज़ चयन नहीं किया जा सकता है। ऐसी दिक्कतें आ रही है। हालांकि राज्य सरकार के पास और भी विकल्प हैं। लिहाजा वन विभाग राजस्व विभाग और सैनिक कल्याण बोर्ड को निर्देश दिया है कि संयुक्त दौरा कर एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट सौपे। सैन्य धाम बनाने का काम जल्द ही शुरू किया जा सके।

बाइट - त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री




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Last Updated : Jan 15, 2020, 6:15 PM IST
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