देहरादून: हिमालय की गोद में बसे उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से ही प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यही नहीं प्रदेश में आपदा जैसी स्थिति बनना भी आम बात है. जिसे देखते हुए राज्य सरकार एक बड़ी पहल करने जा रही है. जिसके तहत उत्तराखंड के अति संवेदनशील आपदा प्रभावित क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां रहने वाले स्थानीय लोगों को आपदा से सम्बंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि राज्य का कुछ हिस्सा आपदा के दृष्टिगत अतिसंवेदनशील है. लिहाजा अधिकारियों को प्रदेश के अतिसंवेदनशील क्षेत्रों को शत-प्रतिशत चिन्हित करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में जहां स्कूल चलते है. उन स्कूलों में वहां के लोगों को आपदा से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाए. मुख्यमंत्री ने बताया कि जो ट्रॉमा के विशेषज्ञ डॉक्टर हैं, उनसे भी बातचीत हुई है. ट्रॉमा के विशेषज्ञ डॉक्टर एसडीआरएफ के जवानों को भी ट्रेनिग देंगे ताकि ट्रॉमा में कैसे थोड़ी सी सावधानी बरतने से मरीज को बचा सके, इसके लिए निर्देश दिए गए हैं.
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सीएम रावत ने कहा कि कुछ सालों से देखा जा रहा है कि प्रदेश के भीतर आपदा रिपीट हो रही है. पहले 10-12 साल का सर्किल था, लेकिन आज जो बारिश 20 जून के आसपास शुरू हो जाती थी, वो अब जुलाई में हो रही है. यही नहीं इको सिस्टम बदल रहा है. उसी के अनुरुप तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं.