देहरादून: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा की. जिसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मनरेगा के कार्यों का निरंतर अनुश्रवण किया जाय. निर्धारित लक्ष्य समय पर पूर्ण किये जाये. बंजर भूमि को आबाद करने के लिए मनरेगा के अन्तर्गत रोजगार कार्यक्रम प्रारम्भ किया जाये. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का भी नियमित समीक्षा की जाये.
उत्तराखंड में ग्रामीण विकास से जुड़ी तमाम योजनाओं को लेकर आज मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान सीएम तीरथ सिंह रावत ने कई महत्वपूर्ण निर्देश भी अधिकारियों को दिए. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सड़कों को आरटीओ से पास कराने की कार्यवाही में तेजी लाई जाये. 10 करोड़ से अधिक के कार्यों का निरीक्षण और जांच मुख्य अभियंता स्वयं करेंगे. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कार्यों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए. कोई भी शिकायत मिलने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कारवाई की जायेगी.
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मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत उपलब्ध धनराशि का शत प्रतिशत व्यय कराते हुए उसका पूरा विवरण उपलब्ध कराया जाये. विधायक निधि समय पर रिलीज कर ली जाये. अगले वित्तीय वर्ष के लिए जल्द से जल्द धनराशि अवमुक्त की जाे. एवं टेंडर प्रक्रिया आमंत्रित की जाए. पलायन को रोकने के लिए कारगर कदम उठाये जाएं. पलायन को रोकने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के संसाधन बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जाये. पलायन के कारणों के साथ ही इसको रोकने के लिए किन-किन प्रयासों की जरूरत है, इसका भी पूरा विश्लेषण किया जाये.
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मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, दीनदयाल अन्त्योदय-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास योजना एवं ग्राम्य विकास विभाग की अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की. समीक्षा के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जन सरोकारों से जुड़ी इन योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाये. प्रत्येक योजना में निर्धारित लक्ष्य समय पर पूर्ण कर लिये जाये. ग्रामीण आर्थिकी में सुधार लाने के लिए प्रभावी कदम उठाये जाये.
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अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने जानकारी दी कि मनरेगा के तहत इस वर्ष राज्य को 02 करोड़ 75 लाख मानव दिवस का लक्ष्य मिला था, जो पूर्ण किया जा चुका है. मनरेगा के तहत स्टेट फंड से मनरेगा के तहत 50 दिन के अतिरिक्त रोजगार की व्यवस्था के कैबिनेट के निर्णय के बाद कोविड के दौरान 13 हजार परिवारों को 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार मिला. इस वर्ष राज्य में मनरेगा के तहत 1 लाख 80 हजार नये पंजीकरण हुए. जिसमें से 1 लाख 44 हजार लोगों ने मनरेगा के तहत कार्य किया.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इस वर्ष अभी तक 2847 किमी सड़के बनाई जा चुकी है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 12 हजार 421 आवास बनाने का लक्ष्य पूर्ण किया जा चुका है. ग्रामीण महिलाओं की आजीविका में वृद्धि करने के लिए दीन दयाल अन्त्योदय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत राज्य में 32 हजार महिला स्वयं सहायता समूह बनाये गये हैं. जिससे 3 लाख महिलाएं जुड़ी हैं. सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत राज्य के 5 जनपदों पिथौरागढ़, चम्पावत, चमोली, उत्तरकाशी एवं उधमसिंहनगर के 09 विकासखण्डों में मुलभूत सुविधाओं सम्पर्क मार्ग, स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा पर विशेष ध्यान दिये जाने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं.