देहरादून: सल्ट उपचुनाव प्रचार के आखिरी दिन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने महेश जीना के समर्थन में जनसभा की, जिसमें तीरथ सिंह रावत भावनाओं में बहते हुए कुछ ऐसा कह गये कि वो एक बार फिर से चर्चाओं में आ गये हैं.
दरअसल, जनसभा को संबोधित करते हुए तीरथ सिंह रावत ने कहा कि-
'सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद महेश जीना को उनके कामों को आगे बढ़ाने के लिए आना पड़ा. महेश जीना जब उनके पास आये तो उन्होंने कहा कि ये सौभाग्य कहें या दुर्भाग्य कि उन्हें चुनाव लड़ना पड़ रहा है'.
सल्ट उपचुनाव में प्रचार के आखिरी दिन सुरेंद्र सिंह जीना को याद करते हुए सीएम ने उनके कामों को याद दिलाते हुए महेश जीना के पक्ष में वोट करने की अपील की. हालांकि इस दौरान वे भावनाओं में बहते हुए एक वाकये का जिक्र करते हुए सौभाग्य और दुर्भाग्य के फेर में फंस गये.
उन्होंने कहा-
ये मजबूरी का चुनाव है. अगर सुरेंद्र जीना होते तो यहां पांच साल बाद चुनाव होता, मगर उनके जाने के बाद उनके भाई महेश जीना को उनके अधूरे कामों को पूरा करने के लिए आपके बीच में आना पड़ा.
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इस दौरान सीएम ने कहा कि,
ये सौभाग्य कहें या दुर्भाग्य कहें कि वे चुनाव लड़ रहे हैं, मगर ये दुर्भाग्य है कि भाई के जाने, परिवार के खोने के बाद वे चुनाव मैदान में हैं. जिसमें सभी लोग उनके साथ हैं.