देहरादून: मंगलवार को मुख्यमंत्री ने विश्व मौसम विज्ञान दिवस के अवसर पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से आयोजित बैठक में वर्चुअली शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने मौसम की पूर्व चेतावनी संबंधित परियोजनाओं को यथाशीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए. ताकि इस परियोजनाओं का लाभ जनता को मिल सके. इसके साथ ही एक अन्य वर्चुअल बैठक में वन भूमि हस्तांतरण के लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने मामलों की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने विश्व मौसम विज्ञान दिवस पर आयोजित बैठक में कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए उत्तराखंड में पूर्व चेतावनी प्रणाली सयंत्र स्थापित किए जाने चाहिए. इस सम्बंध में चल रही केन्द्र की परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाए.
आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि हमारा राज्य समय रहते हुए जन समुदाय को चेतावनी प्रदान करने पर शीघ्रता से काम कर रहा है. इसी क्रम में मुक्तेश्वर में डॉप्लर रडार संचालित हो चुका है और सुरकंडा, मसूरी एवं लैंसडाउन, पौड़ी में शीघ्र ही डॉप्लर रडार का कार्य शुरू किया जाएगा. यही नहीं, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव एसए मुरुगेशन ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन एवं मौसम विभाग उत्तराखंड के सौजन्य से राज्य के संवेदनशील इलाकों में 176 अर्ली वार्निंग वेदर स्टेशन लगाए गए हैं. जिनमें 107 ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन, 25 सफेश फील्ड ऑब्जर्वेटरी, 28 रेन गेज, 16 स्नो गेज शामिल हैं. इनके माध्यम से रियल टाइम डाटा द्वारा मौसम पूर्व सूचनाओं के माध्यम से आपदा की स्थिती में त्वरित राहत कार्यों को सफलतापूर्वक सम्पादित किए जाने में सहायता मिलेगी.
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उधर वन भूमि हस्तांतरण के लंबित प्रकरणों की समीक्षा बैठक करते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि वन भूमि हस्तांतरण के प्रकरणों के निस्तारण में अनावश्यक विलंब नहीं होना चाहिए. साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को लैंड बैंक शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद स्तर के वन भूमि हस्तांतरण के लंबित मामलों के निस्तारण हेतु सभी जिला अधिकारी नियमित बैठक आयोजित करें.
उन्होंने प्रमुख सचिव वन को भी लंबित मामलों के निस्तारण हेतु अपने स्तर पर बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं. सीएम ने अधिकारियों से कहा कि सीमांत क्षेत्रों में सड़कों निर्माण में तेजी लाने के लिए वन भूमि हस्तांतरण के मामलों को तेजी से निस्तारित किया जाए.