देहरादून: प्रदेश में संवैधानिक संकट के बीच सीएम तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे सौंप दिया है. राज्यपाल को इस्तीफा देने के बाद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि चुनाव को लेकर संवैधानिक संकट के चलते उन्होंने इस्तीफा देना सही समझा. वहीं, पूरे घटनाक्रम पर कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि तीरथ सिंह रावत से पार्टी हाईकमान ने किसी भी रूप में इस्तीफा नहीं मांगा था, बल्कि तीरथ सिंह रावत ने बड़ा दिल दिखाते हुए संवैधानिक संकट को देखकर खुद पार्टी हाईकमान से इस्तीफे की पेशकश की है.
कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि यह पूरा घटनाक्रम एकाएक नहीं हुआ है, बल्कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और हाईकमान के बीच लगातार इस पर बातचीत हो रही थी और राज्य में संवैधानिक संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री ने खुद यह फैसला लिया है. इस मौके पर सुबोध उनियाल ने कहा कि विधायक दल की बैठक में यह तय हो जाएगा कि उत्तराखंड में नया मुख्यमंत्री कौन होगा?
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सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रदेश में विपक्ष की तरफ से खासतौर पर पूर्व सीएम हरीश रावत की तरफ से जो बात कही जा रही है वह हास्यास्पद है, हरीश रावत लगता है अपनी उम्र के कारण ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं और उन्हें इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी नहीं है. बता दें कि मुख्यमंत्री को 6 महीने के भीतर विधानसभा का निर्वाचित सदस्य बनना है.
कांग्रेस पार्टी का दावा है कि अब मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. कांग्रेस दलील दे रही है कि लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151(क) के तहत जिस प्रदेश में आम चुनाव होने में 1 साल से कम का समय शेष हो, वहां पर उपचुनाव नहीं हो सकता. जबकि प्रदेश में मार्च 2022 में विधानसभा चुनाव है.