देहरादून: उत्तराखंड में आजीविका की नई संभावनाओं पर मुख्यमंत्री ने आज अधिकारियों के साथ गहन मंथन किया. इस दौरान विभागों को 15 दिन के भीतर आजीविका की नई संभावनओं का प्लान और रिफॉर्म प्लान मुख्य सचिव को भेजने को कहा गया. साथ ही 10 दिनों में राजस्व बढ़ाने का भी प्लान तैयार करने के भी अधिकारियों को निर्देश दिये गये.
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सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि 15 दिनों के अंदर अधिकारी लाइवलीहुड यानी कि आजीविका की संभावनाएं बढ़ाने वाले प्लान और रिफॉर्म बनाकर मुख्य सचिव को भेजें. ताकि राज्य सरकार न केवल आर्थिकी को मजबूत करे बल्कि युवाओं को रोजगार देने और आजीविका की संभावनाओं को बढ़ाने पर भी काम कर सके.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी ब्रांडिंग पर भी ध्यान देना होगा. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे योजना पर विशेष ध्यान दिया जाये. होम स्टे के साथ ही मेडिसनल एवं न्यूट्रिशनल वैल्यू के आहारों को प्रमोट करने की जरूरत है. कृषि के क्षेत्र में क्लस्टर एप्रोच को बढ़ावा दिया जाय.
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कोरोना काल में जो प्रवासी आये हैं उनको रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने के लिए किन-किन क्षेत्रों में लोगों ने कार्य करने की अधिक इच्छा जाहिर की है, उन सेक्टरों को चिन्हित की जाय. उनकी योग्यता के अनुसार उद्योगों से भी रोजगार स्थापित करने के लिए समन्वय स्थापित किया जाये. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा जाये. विभिन्न योजनाओं के तहत जो लोग स्वरोजगार करना चाहते हैं, उनको लोन लेने में समस्या न हो, इसके लिए बैंकों से निरन्तर समन्वय स्थापित किया जाये.
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इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लोगों की आजीविका के संसाधन बढ़ाने के लिए कृषि के साथ ही अन्य एक्टिविटी के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित किया जाये. फार्मर सेन्ट्रिक एप्रोच पर और कार्य करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कार्यों में तेजी लाने के लिए विभागों को विभिन्न प्रकार के क्लीयरेंस की प्रक्रियाओं को आसान करना होगा. उन्होंने कहा कि कृषि एवं पर्यटन ऐसे क्षेत्र हैं, जो लोगों को त्वरित लाभ पहुंचा सकते हैं.
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इस दौरान मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि राज्य में अगले तीन महीने में हम लोगों को आजीविका से कैसे जोड़ सकते हैं. इस पर काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को आजीविका से जोड़ने के लिए अनेक योजनाएं लाई गई हैं. हमें इसके सफल क्रियान्वयन के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे. उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत रजिस्टर्ड प्रत्येक गांव के लोगों की सूची को टारगेट किया जाये. उनकी आजीविका को बढ़ाने के लिए और भी प्रयासों की जरूरत है. लोगों को आत्मनिर्भर बनाने एवं आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे.