देहरादून: ज्ञानवापी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण को हरी झंडी दे दी हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वागत किया है. उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि जनभावनाओं के अनुरूप ज्ञानवापी पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय स्वागत योग्य है.
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जनभावनाओं के अनुरूप ज्ञानवापी पर माननीय उच्च न्यायालय का निर्णय स्वागत योग्य है, निश्चित तौर पर ASI के सर्वे में सत्य सभी के समक्ष होगा। मुग़ल आक्रांताओं के भारतवर्ष पर सैकड़ों वर्षो के शासनकाल में हमारी संस्कृति, सभ्यता और परंपराओं को नष्ट करने का कुत्सित प्रयास किया गया परन्तु…
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— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 4, 2023
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि निश्चित तौर पर ASI यानी Archaeological Survey of India सर्वे में सत्य सभी के समक्ष होगा. मुगल आक्रांताओं ने भारत में सैकड़ों सालों तक राज कर हमारी संस्कृति, सभ्यता और परंपराओं की नष्ट करने का प्रयास किया है. लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सम्पूर्ण देश में धार्मिक स्थलों को पुनरुद्धार हो रहा है.
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बता दें कि यूपी के वाराणसी जिला कोर्ट ने ज्ञानवाणी परिसर के वैज्ञानिक सर्वे का आदेश दिया था, जिसे मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी वाराणसी जिला कोर्ट का आदेश को बरकरार रखा था, जिसके बाद मुस्लिम पक्ष ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी, लेकिन आज 4 अगस्त की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के वैज्ञानिक सर्वे पर रोक लगाने से इकार कर दिया.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की तरफ से स्पष्ट किया है कि पूरा सर्वे बिना किसी खुदाई और निर्माण को नुकसान पहुंचाए बिना किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि सर्वे के दौरान मुस्जिद या ढ़ाचे को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए.