देहरादून: दिल्ली दौरे पर उत्तराखंड सदन पहुंचे सीएम धामी का उत्तराखंडियों ने भव्य स्वागत किया है. दिल्ली में सीएम धामी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे. सीएम धामी राज्य की तमाम बड़ी योजनाओं को लेकर केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत भी करेंगे और कोशिश करेंगे कि उत्तराखंड में अटके केंद्रीय प्रोजेक्ट को जल्द मंजूरी मिल जाए. इस दौरान सीएम धामी ने राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी से भी मुलाकात की.
दिल्ली में मुख्यमंत्री धामी ने मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने नया इतिहास बनाया है, कई मिथक तोड़ते हुए प्रचंड बहुमत के साथ वापसी की है. मंगलवार को राज्य के विकास के विषय में प्रधानमंत्री सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा होगी.
'यूनिफॉर्म सिविल कोड' के विषय में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने अपने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद पहली कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया कि न्यायविदों, सेवानिवृत्त जजों, समाज के प्रबुद्धजनों और अन्य स्टेकहोल्डर्स की एक कमेटी गठित करेगी, जो कि उत्तराखंड राज्य के लिए 'यूनिफॉर्म सिविल कोड' का ड्राफ्ट तैयार करेगी. इस यूनिफॉर्म सिविल कोड का दायरा सभी नागरिकों के लिए समान कानून चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों, होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये 'यूनिफॉर्म सिविल कोड' संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक अहम कदम होगा और संविधान की भावना को मूर्त रूप देगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे संकल्पों में पलायन को रोकना भी एक संकल्प है. इसके साथ ही केंद्र सरकार की योजनाओं को समाज के अंतिम छोर में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना ही हमारा उद्देश्य है.
अनिल बलूनी से भी मिले सीएम: दिल्ली दौरे पर पहुंचे सीएम धामी ने राज्यसभा सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी से उनके आवास पर भेंट की. इस दौरान मुख्यमंत्री धामी और सांसद बलूनी के बीच उत्तराखंड के मुद्दों को लेकर दो घंटे से अधिक चर्चा हुई.
इस मुलाकात में बलूनी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि लंबे समय से प्रतिक्षित सिंगटाली पुल जो कि टिहरी और पौड़ी जनपद को जोड़ता है, निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाने की आवश्यकता है. क्षेत्रीय जनता लंबे समय से इस पुल की मांग के लिए आंदोलित हैं. मुख्यमंत्री ने बलूनी को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही मामले में कोई सार्थक कदम उठाया जाएगा.
सीट खोने के बावजूद धामी पर जताया भरोसा: सीट खोने के बावजूद पुष्कर सिंह धामी को दोबारा मौका देने के कदम को वरिष्ठ नेताओं के लिए एक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है. शीर्ष नेतृत्व ने संदेश दिया है कि 21 साल के युवा राज्य को चलाने के लिए उनकी प्राथमिकता युवा नेतृत्व ही है. इसलिए चुनाव हारने के बावजूद पीएम मोदी ने पुष्कर सिंह धामी पर भरोसा जताया और उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाया है.
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हालांकि, अब धामी पर पीएम मोदी के भरोसे पर खरा उतरने का दबाव भी बढ़ गया है. सीएम पद की शपथ लेने के बाद धामी ने कहा था कि राज्य में चुनाव से पहले जो भी संकल्प लिए थे, उसे पूरा करेंगे.