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ई-सखी से दूर होगी पशुपालकों की समस्या, A-HELP में तीसरा राज्य बना उत्तराखंड

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Published : Apr 12, 2023, 5:38 PM IST

Updated : Apr 12, 2023, 6:23 PM IST

देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पशु सखियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया. यह योजना भारत सरकार से वित्त पोषित है. इस मौके सीएम धामी ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम मातृशक्ति को आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगा. वर्तमान में मध्य प्रदेश और जम्मू कश्मीर में यह प्रशिक्षण शुरू हुआ है. उत्तराखंड अब तीसरा प्रदेश बन गया है, जहां यह प्रशिक्षण शुरू किया गया है.

Health And Extension of Livestock Production
ई सखी कार्यक्रम
ई-सखी से दूर होगी पशुपालकों की समस्या.

देहरादूनः भारत सरकार की वित्त पोषित A-HELP योजना के क्रियान्वयन को लेकर पशुपालन विभाग की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस योजना के तहत पशुपालन और ग्रामीण विकास विभाग की ओर से महिला शक्ति को प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में पशुपालकों की संख्या काफी ज्यादा है. ऐसे में पशुपालकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सके. खासकर पशुओं के इलाज संबंधी दिक्कतें और स्वास्थ्य परीक्षण की दिक्कतें दूर हों. इसे देखते हुए इस योजना की शुरुआत की गई है.

बता दें कि वित्त पोषित A-HELP (Accredited Agent for Health And Extension of Livestock Production) योजना के तहत राज्य सरकार ने कई महिला समूह को चुना है. जिन्हें पशुपालन और ग्रामीण विकास विभाग की ओर से ट्रेनिंग दी जाएगी कि किस तरह से पशुओं का वैक्सीनेशन किया जाना है? साथ ही उनका कैसे परीक्षण करना है. इसके अलावा उनका इंश्योरेंस कैसे होता है? इन सबकी तमाम जानकारियां दी जा रही है. जिसे ई सखी का नाम दिया गया है. ऐसे में राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से न सिर्फ पशुपालकों को लाभ पहुंचेगा. बल्कि, महिला शक्ति को भी रोजगार का जरिया मिल सकेगा.

E sakhi program Uttarakhand
A-HELP में देश का तीसरा राज्य बना उत्तराखंड.

पशु सखी प्रशिक्षण के बाद सभी ए-हेल्प कार्यकत्रियां पशुपालन विभाग एवं पशुपालकों के बीच संयोजक का काम करेंगी और पशुपालकों को सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध कराएंगी. केंद्र की इस ए-हेल्प योजना के जरिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (National Rural Livelihood Mission) से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को कई योजनाओं में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित वेतन मिलेगा. क्षेत्र के समस्त पशुओं और पोल्ट्री संख्या का रिकॉर्ड भी ए-हेल्प कार्यकर्ता ब्लॉक स्तर के पशु डॉक्टरों के साथ साझा करेंगी. इससे एक तो पशुपालन गतिविधियों का अमल आसान होगा ही दुध उत्पादन पर भी सीधा असर पड़ेगा.

E sakhi program Uttarakhand
राज्य सरकार ने कई महिला समूह को चुना है.

इसके अलावा कार्यकत्रियां चारा उत्पादन के लिए पशुपालकों को प्रोत्साहित भी करेंगी, जिससे वो चारे की पूर्ति के लिए आत्मनिर्भर बनें. प्रत्येक ए-हेल्प कार्यकत्री को फर्स्ट-एड किट भी दी जाएगी, जिससे वो पशुपालकों की प्रारंभिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें.
ये भी पढ़ेंः पशुओं में बढ़ रही बांझपन की बीमारी, जानिए पशु चिकित्सक किसे बता रहे इसकी वजह

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि इसमें मातृ शक्तियों को पशुपालन विभाग और ग्राम विकास विभाग से जोड़कर ट्रेनिंग दिया जाएगा. जिसके तहत महिलाओं को वैक्सीनेशन, इंश्योरेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी. उनकी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इन्हें उन क्षेत्रों में भेजा जाएगा. जहां पर पशु प्रसाधन अधिकारी नहीं है, वहां पर भेजा जाएगा. जिससे पशुपालकों को फायदा मिलने के साथ ही मातृ शक्तियों को रोजगार भी मिलेगा.

E sakhi program Uttarakhand
प्रदेश में पशु सखियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ.

वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि ई सखी प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. यह योजना शुरू करने वाला उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बन गया है. ई सखी सरकार और पशुपालकों के बीच समन्वय बनाकर काम करेगी. जिससे स्वास्थ्य से संबंधित दिक्कतों को दूर करने के साथ ही स्वास्थ्य परीक्षण का काम भी ई सखी के माध्यम से किया जाएगा. जिससे पशुपालकों को काफी सहूलियत मिलने के साथ अन्य लाभ भी मिलेगा.

ई-सखी से दूर होगी पशुपालकों की समस्या.

देहरादूनः भारत सरकार की वित्त पोषित A-HELP योजना के क्रियान्वयन को लेकर पशुपालन विभाग की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस योजना के तहत पशुपालन और ग्रामीण विकास विभाग की ओर से महिला शक्ति को प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में पशुपालकों की संख्या काफी ज्यादा है. ऐसे में पशुपालकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सके. खासकर पशुओं के इलाज संबंधी दिक्कतें और स्वास्थ्य परीक्षण की दिक्कतें दूर हों. इसे देखते हुए इस योजना की शुरुआत की गई है.

बता दें कि वित्त पोषित A-HELP (Accredited Agent for Health And Extension of Livestock Production) योजना के तहत राज्य सरकार ने कई महिला समूह को चुना है. जिन्हें पशुपालन और ग्रामीण विकास विभाग की ओर से ट्रेनिंग दी जाएगी कि किस तरह से पशुओं का वैक्सीनेशन किया जाना है? साथ ही उनका कैसे परीक्षण करना है. इसके अलावा उनका इंश्योरेंस कैसे होता है? इन सबकी तमाम जानकारियां दी जा रही है. जिसे ई सखी का नाम दिया गया है. ऐसे में राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से न सिर्फ पशुपालकों को लाभ पहुंचेगा. बल्कि, महिला शक्ति को भी रोजगार का जरिया मिल सकेगा.

E sakhi program Uttarakhand
A-HELP में देश का तीसरा राज्य बना उत्तराखंड.

पशु सखी प्रशिक्षण के बाद सभी ए-हेल्प कार्यकत्रियां पशुपालन विभाग एवं पशुपालकों के बीच संयोजक का काम करेंगी और पशुपालकों को सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध कराएंगी. केंद्र की इस ए-हेल्प योजना के जरिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (National Rural Livelihood Mission) से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को कई योजनाओं में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित वेतन मिलेगा. क्षेत्र के समस्त पशुओं और पोल्ट्री संख्या का रिकॉर्ड भी ए-हेल्प कार्यकर्ता ब्लॉक स्तर के पशु डॉक्टरों के साथ साझा करेंगी. इससे एक तो पशुपालन गतिविधियों का अमल आसान होगा ही दुध उत्पादन पर भी सीधा असर पड़ेगा.

E sakhi program Uttarakhand
राज्य सरकार ने कई महिला समूह को चुना है.

इसके अलावा कार्यकत्रियां चारा उत्पादन के लिए पशुपालकों को प्रोत्साहित भी करेंगी, जिससे वो चारे की पूर्ति के लिए आत्मनिर्भर बनें. प्रत्येक ए-हेल्प कार्यकत्री को फर्स्ट-एड किट भी दी जाएगी, जिससे वो पशुपालकों की प्रारंभिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें.
ये भी पढ़ेंः पशुओं में बढ़ रही बांझपन की बीमारी, जानिए पशु चिकित्सक किसे बता रहे इसकी वजह

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि इसमें मातृ शक्तियों को पशुपालन विभाग और ग्राम विकास विभाग से जोड़कर ट्रेनिंग दिया जाएगा. जिसके तहत महिलाओं को वैक्सीनेशन, इंश्योरेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी. उनकी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इन्हें उन क्षेत्रों में भेजा जाएगा. जहां पर पशु प्रसाधन अधिकारी नहीं है, वहां पर भेजा जाएगा. जिससे पशुपालकों को फायदा मिलने के साथ ही मातृ शक्तियों को रोजगार भी मिलेगा.

E sakhi program Uttarakhand
प्रदेश में पशु सखियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ.

वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि ई सखी प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. यह योजना शुरू करने वाला उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बन गया है. ई सखी सरकार और पशुपालकों के बीच समन्वय बनाकर काम करेगी. जिससे स्वास्थ्य से संबंधित दिक्कतों को दूर करने के साथ ही स्वास्थ्य परीक्षण का काम भी ई सखी के माध्यम से किया जाएगा. जिससे पशुपालकों को काफी सहूलियत मिलने के साथ अन्य लाभ भी मिलेगा.

Last Updated : Apr 12, 2023, 6:23 PM IST
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