देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर से हुई भर्तियों (Uttarakhand assembly backdoor recruitment) के मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने साफ कहा है कि जो भी भर्तियां नियम विरुद्ध हुई हैं, उनको निरस्त किया जाना चाहिए. साथ ही दोषियों पर भी कार्रवाई होनी (Dhami in favor of action on culprits) चाहिए. जैसे ही उन्हें उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती के बारे में पता चला था, उन्होंने तत्काल विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने इस मामले की जांच के लिए कहा था और दिशा में काम हो भी रहा है.
बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले में धामी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. हालांकि इस मामले में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने बीते दिनों विशेषज्ञ जांच समिति का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट जल्द ही आने वाली है. लेकिन रिपोर्ट आने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा बयान दिया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि उनकी शुरू से ये ही मंशा रही है कि जो भी भर्तियां नियम विरुद्ध हुई है, उन सभी को निरस्त किया जाना चाहिए. इसके अलावा जो दोषी है, उनक पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा कि वो अपनी मंशा पहले ही उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को बता चुके हैं.
क्या है मामला: दरअसल, आरोप है कि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर से भाई-भतीजा वाद के जरिए भर्ती की गई थी, जिसको लेकर सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई थी.
इस मामले में जब काफी हंगाम हुआ तो उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने इन भर्तियों को लेकर विशेषज्ञ जांच समिति का गठन किया. इसके साथ ही एक और आरोप समाने आया है, जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर से भर्तीयां की थी.