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CM धामी ने की इन्वेस्टर्स समिट पर हुए MoU पर समीक्षा बैठक, 15 फरवरी तक प्रस्तावों के ग्राउंडिंग के निर्देश

Uttarakhand Global Investors Summit सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इन्वेस्टर्स समिट में हुए एमओयू को धरातल पर उतारने को लेकर समीक्षा बैठक की. सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए 15 फरवरी 2024 तक अधिक से अधिक प्रस्तावों की ग्राउंडिंग पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है.

CM Dhami meeting
सीएम धामी बैठक
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 19, 2023, 10:56 PM IST

देहरादूनः डेस्टिनेशन उत्तराखंड, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान 3 लाख 56 हजार करोड़ रुपए के प्रस्तावों पर एमओयू साइन हुए थे. ऐसे में अब इन्वेस्टर्स समिट का दो दिवसीय मुख्य कार्यक्रम 9 दिसंबर को संपन्न होने के बाद सरकार एमओयू की ग्राउंडिंग पर जोर दे रही है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान सीएम धामी ने कहा कि निवेश के लिए हुए एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है. लिहाजा, 15 फरवरी 2024 तक अधिक से अधिक प्रस्तावों की ग्राउंडिंग हो, इस पर विशेष ध्यान दें.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन के उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान उनसे सुझाव भी लिए. साथ ही कहा कि हर हफ्ते मुख्य सचिव और हर महीने खुद मुख्यमंत्री ग्राउंडिंग की स्थिति का गहनता से समीक्षा करेंगे. हालांकि, राज्य सरकार का प्रयास और लक्ष्य है कि निवेश प्रस्तावों में इकोलॉजी और इकोनॉमी के बीच समन्वय बनाकर युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराए. इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान करीब 3 लाख 56 हजार करोड़ रुपए के 1779 एमओयू साइन हुए हैं. सबसे अधिक ऊर्जा के क्षेत्र में 1 लाख 3 हजार करोड़ रुपए के 157 एमओयू और उद्योग विभाग में 78 हजार करोड़ रुपए के 658 एमओयू साइन हुए हैं.

राज्य में निवेश के लिए निवेशकों को सुविधा दिए जाने को लेकर उत्तराखंड सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ इन्वेस्टमेंट, स्टार्टअप एंड एंटरप्रेन्योरशिप (UK-SPISE) का गठन किया जा रहा है. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इन्वेस्टर्स समिट के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से दिए गए दिशा निर्देशों का भी अनुपालन करें. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए सरकार के प्रयासों को हर क्षेत्र में सराहा गया है. ऐसे में अब सबका दायित्व है कि इन्हें राज्य हित में जमीनी हकीकत में बदला जाए. साथ ही राज्य हित से जुड़े हुए जो महत्वपूर्ण प्रस्ताव हैं उन प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाए.
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बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पहाड़ों के विकास के लिए जो निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उन प्रस्ताव से क्या बेहतर किया जा सकता है ? ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सके. इसके लिए रोजगार सृजन पर भी फोकस किया जाए. लोकल उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए बेहतर कार्य योजना बनाएं. सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश प्रस्ताव पर विशेष ध्यान दें. साथ ही सौर ऊर्जा नीति के तहत अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार से भी जोड़ने पर जोर दें.

मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंड राज्य के लिए छोटे निवेशक भी महत्वपूर्ण हैं. ऐसे में उद्यमियों से मानवीयता और शिष्टता के साथ देवभूमि के आचरण के अनुकूल व्यवहार पर भी ध्यान दें. तभी अधिक से अधिक उद्यमी राज्य में निवेश को आकर्षित होंगे. साथ ही सीएम धामी ने कहा कि हरिद्वार और उधमसिंह नगर में आयोजित निवेशकों की बैठक में जो एमओयू साइन हुए हैं, उसके ग्राउंडिंग पर भी ध्यान दें. साथ ही एमओयू की ग्राउंडिंग को लेकर आगे होने वाली बैठकों में जिलाधिकारी को भी वर्चुअल शामिल किया जाए. सीएम ने कहा कि देहरादून की स्थिति में काफी बेहतर सुधार हुआ है. जिसे आगे भी बरकरार रखा जाए. साथ ही शहर के विकास के कार्य लगातार चलते रहें, यह सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है.
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देहरादूनः डेस्टिनेशन उत्तराखंड, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान 3 लाख 56 हजार करोड़ रुपए के प्रस्तावों पर एमओयू साइन हुए थे. ऐसे में अब इन्वेस्टर्स समिट का दो दिवसीय मुख्य कार्यक्रम 9 दिसंबर को संपन्न होने के बाद सरकार एमओयू की ग्राउंडिंग पर जोर दे रही है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान सीएम धामी ने कहा कि निवेश के लिए हुए एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है. लिहाजा, 15 फरवरी 2024 तक अधिक से अधिक प्रस्तावों की ग्राउंडिंग हो, इस पर विशेष ध्यान दें.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन के उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान उनसे सुझाव भी लिए. साथ ही कहा कि हर हफ्ते मुख्य सचिव और हर महीने खुद मुख्यमंत्री ग्राउंडिंग की स्थिति का गहनता से समीक्षा करेंगे. हालांकि, राज्य सरकार का प्रयास और लक्ष्य है कि निवेश प्रस्तावों में इकोलॉजी और इकोनॉमी के बीच समन्वय बनाकर युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराए. इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान करीब 3 लाख 56 हजार करोड़ रुपए के 1779 एमओयू साइन हुए हैं. सबसे अधिक ऊर्जा के क्षेत्र में 1 लाख 3 हजार करोड़ रुपए के 157 एमओयू और उद्योग विभाग में 78 हजार करोड़ रुपए के 658 एमओयू साइन हुए हैं.

राज्य में निवेश के लिए निवेशकों को सुविधा दिए जाने को लेकर उत्तराखंड सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ इन्वेस्टमेंट, स्टार्टअप एंड एंटरप्रेन्योरशिप (UK-SPISE) का गठन किया जा रहा है. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इन्वेस्टर्स समिट के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से दिए गए दिशा निर्देशों का भी अनुपालन करें. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए सरकार के प्रयासों को हर क्षेत्र में सराहा गया है. ऐसे में अब सबका दायित्व है कि इन्हें राज्य हित में जमीनी हकीकत में बदला जाए. साथ ही राज्य हित से जुड़े हुए जो महत्वपूर्ण प्रस्ताव हैं उन प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाए.
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बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पहाड़ों के विकास के लिए जो निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उन प्रस्ताव से क्या बेहतर किया जा सकता है ? ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सके. इसके लिए रोजगार सृजन पर भी फोकस किया जाए. लोकल उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए बेहतर कार्य योजना बनाएं. सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश प्रस्ताव पर विशेष ध्यान दें. साथ ही सौर ऊर्जा नीति के तहत अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार से भी जोड़ने पर जोर दें.

मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंड राज्य के लिए छोटे निवेशक भी महत्वपूर्ण हैं. ऐसे में उद्यमियों से मानवीयता और शिष्टता के साथ देवभूमि के आचरण के अनुकूल व्यवहार पर भी ध्यान दें. तभी अधिक से अधिक उद्यमी राज्य में निवेश को आकर्षित होंगे. साथ ही सीएम धामी ने कहा कि हरिद्वार और उधमसिंह नगर में आयोजित निवेशकों की बैठक में जो एमओयू साइन हुए हैं, उसके ग्राउंडिंग पर भी ध्यान दें. साथ ही एमओयू की ग्राउंडिंग को लेकर आगे होने वाली बैठकों में जिलाधिकारी को भी वर्चुअल शामिल किया जाए. सीएम ने कहा कि देहरादून की स्थिति में काफी बेहतर सुधार हुआ है. जिसे आगे भी बरकरार रखा जाए. साथ ही शहर के विकास के कार्य लगातार चलते रहें, यह सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है.
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