देहरादून: साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियां दमखम से जुटी हुई हैं. इसी क्रम में उत्तराखंड में भी राजनीतिक पार्टियां अपनी- अपनी रणनीतियां तैयार कर रही हैं. राज्य सरकार भी अपनी पार्टी को आगामी चुनाव के मद्देनजर मजबूत करने की कवायद में जुट गई है. जिसके मद्देनजर साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान किये गये वादों को लेकर सरकार ने संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगनी शुरू कर दी है. जिससे लोकसभा चुनाव से पहले सरकार और संगठन उपलब्धियों की एक लंबी लिस्ट तैयार कर सकें.
धामी सरकार और भाजपा संगठन, पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर आगामी लोकसभा चुनावों को गंभीरता से लेते हुए रणनीतियां तैयार करने में जुटे हैं. जिसकी बानगी शासन में उच्च अधिकारियों की हुई बैठक से पता चलती है. जिसमें मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को निर्देश जारी हुए हैं. इस निर्देश में सरकार ने सभी उच्च अधिकारियों से दृष्टि पत्र 2025 और संकल्प 2022 की विस्तृत कार्य योजना की डिटेल मांगी है. साथ ही इस कार्ययोजना का प्रस्ताव प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं.
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इसका मकसद समय रहते हुए उन वादों को पूरा करना है जो 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने जनता से किये थे. इसके आधार पर ही 2014 लोकसभा चुनाव की जमीन तैयार की जाएगी. इसी कारण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 2022 के दृष्टि पत्र के वायदों को लेकर गंभीर हैं. जल्द ही सीएम दृष्टि पत्र पर हुई कार्रवाई की समीक्षा भी करने जा रहे है. इसके साथ ही सत्ता पर काबिज होने के बाद से की गई घोषणाओं का एजेंडा भी तैयार किया जाएगा. सीएम धामी ने कहा कि दृष्टि पत्र को लेकर लगातार काम किये जा रहे हैं. इस एक साल में तमाम विषयों पर निर्णय लिया जा चुका है.
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बता दें राज्य सरकार ने दृष्टि पत्र को अपना नीति दस्तावेज भी बनाया है. इसके तहत एक साल में तीन सिलेंडर मुफ्त रिफिल, महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण, समान नागरिक संहिता, जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई समेत बड़े मुद्दों पर प्रदेश सरकार ने एक्शन लिया है. इसके अलावा नई खेल नीति के तहत खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी समेत अन्य चुनावी घोषणाओं पर भी सरकार ने एक साल में बड़े निर्णय लिए हैं. भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कहा 'किया है, करती है, करेगी सिर्फ भाजपा' के नारे पर सरकार काम कर रही है. सीएम धामी खुद घोषणा पत्र की मॉनिटिरिंग कर रहे हैं.
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वहीं, इस पूरे मामले पर कांग्रेस हमलावर है. कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता, गरिमा दसौनी ने कहा कि राज्य सरकार ने जो वायदे किए थे, उन वायदों को पूरा नहीं किया बल्कि जनता को अपने जादुई आंकड़े की बाजीगरी से उलझाने का काम किया है. उन्होंने कहा भाजपा के पिछले कार्यकाल के दौरान करीब 80 फीसदी संकल्प पत्र पर काम ही नहीं हुआ. यही नहीं, भाजपा नेताओं को उनके संकल्प पत्र की जानकारी तक नहीं है. जिसके चलते सरकार खुद अपने दल के दृष्टि पत्र को अपनी योजनाओं में समाहित कर रही है.