ETV Bharat / state

महार रेजीमेंट में पिता को याद कर भावुक हुए CM धामी, राठौर बंगला में बचपन की यादें ताजा की

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने मध्य प्रदेश के सागर में आज महार रेजीमेंट सैनिक सम्मेलन (Mahar Regiment Center Sagar) में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने महार रेजीमेंट सेंटर में पौधरोपण कर अपने स्वर्गीय पिता को किया याद. इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी भावुक हो गए (Pushkar Singh Dhami gets emotional) थे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पिता शेर सिंह धामी महार रेजीमेंट में ही थे.

CM Pushkar Singh Dhami
CM Pushkar Singh Dhami
author img

By

Published : Oct 17, 2022, 7:49 PM IST

Updated : Oct 17, 2022, 10:30 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं. मध्य प्रदेश के सागर में महार रेजीमेंट सैनिक सम्मेलन (Mahar Regiment Center Sagar) में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया. इस दौरान उन्होंने महार रेजिमेंट के अधिकारियों और जवानों को संबोधित भी किया और अपने पिता से जुड़ी कुछ यादों को उनके साथ शेयर की.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बाल्यकाल में जब वे अपने (स्वर्गीय) पिताजी से महार रेजीमेंट के वीर सैनिकों की शौर्यगाथाओं के बारे में सुनते थे तो मन में उत्साह और उमंग की भावना हिलोरे लेने लगती थी. यह उनका सौभाग्य है कि आज उन्हें वीर सैनिकों के बीच आने का सुअवसर प्राप्त हुआ है. इससे पूर्व वह यहां एक बालक के रूप में आये थे, जिसके लिए ये पूरा परिवेश किसी स्वप्नलोक से कम नहीं था. बाल्यकाल में जिस दिन वह सागर आये वो उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक दिन था.

महार रेजीमेंट में पिता को याद कर भावुक हुए CM धामी.
पढ़ें- हत्या की वारदातों से दहल रहा था काशीपुर, पुलिसवाले पैर छूकर मना रहे थे बीजेपी नेता का जन्मदि

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां एक ओर हमारी यह रेजीमेंट विविधता में एकता की भावना का बोध कराती है, वहीं इसका प्रत्येक सैनिक भारत की महान संस्कृति एवं गौरवशाली सैन्य परंपरा का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेना के मान और सम्मान बढ़ा है.

CM Pushkar Singh Dhami
जवानों से मिलते सीएम धामी.

उन्होंने कहा कि आज हमारे वीर सैनिक दुश्मन को उसके घर में घुस कर जवाब दे रहे हैं. जब भी दुश्मन ने ललकारा है, भारत ने उसे मुंह तोड़ जवाब देते हुए दिखा दिया है कि उसके पास ताकत भी है और उचित जवाब देने की राजनीतिक इच्छाशक्ति भी है. भारत वैश्विक मंचों पर पूरी दृढ़ता और अपने हितों को सर्वोपरि रखते हुए अपनी बात रख रहा है. आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि यह देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करने वाला है.
पढ़ें- राज्यपाल गुरमीत सिंह का हर्षिल दौरा, ITBP जवानों से की मुलाकत

मुख्यमंत्री ने महार रेजीमेंट के वॉर मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी, उन्होंने वार मेमोरियल का अवलोकन किया. मुख्यमंत्री ने महार रेजीमेंट सेंटर में वृक्षारोपण कर स्वर्गीय पिता को याद कर किया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पिता स्वर्गीय शेर सिंह धामी महार रेजीमेंट में सेवाएं चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज वह सेना में तो नही हैं, परन्तु वीर सैनिकों को अपना आदर्श मानकर राष्ट्र सेवा में अपना यथासंभव योगदान देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

पढ़ें- हरिद्वार हेट स्पीच केस: जितेंद्र नारायण त्यागी की याचिका पर SC 4 हफ्ते बाद करेगा सुनवाई

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के सैन्य कौशल और पराक्रम का इतिहास महार रेजिमेंट के बिना पूर्ण नहीं हो सकता. देश की पहली मशीनगन रेजीमेंट होने के साथ साथ देश को दो सेना प्रमुख देने का गौरव भी इस रेजीमेंट के साथ जुड़ा हुआ है. सीमाओं की सुरक्षा करने से लेकर युद्ध के मैदान तक महार रेजिमेंट का एक-एक सैनिक अपना सर्वोच्च बलिदान देने के लिए हमेशा तत्पर रहा है. 1962 का युद्ध हो या 1971 का... हमारे वीर जवानों ने हमेशा अपनी वीरता का परिचय देते हुए दुश्मन को मात दी है.

मुख्यमंत्री ने ''ऑपरेशन पवन'' के नायक रहे महार रेजीमेंट के अमर शहीद मेजर रामास्वामी परमेश्वरन और देश के भीतर आतंकियों से लोहा लेते हुए अमर बलिदान देने वाले सूबेदार मेजर सुरेश चंद यादव को नमन करते हुए कहा कि महार रेजिमेंट में ऐसे वीरों की लंबी श्रृंखला है, जिन्होंने मां भारती के यश को अक्षुण्ण रखने हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया और तिरंगे की आन-बान और शान को फीका नहीं पड़ने दिया. उन्होंने कहा कि हमारे प्रत्येक सैनिक की वीरता, साहस और बलिदान पर हर एक नागरिक को गर्व है. आप सभी हमारे आदर्श हैं और आपकी वीरता, साहस पर इस राष्ट्र को अभिमान है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक आप सभी हैं, आपका ये हौसला है, आपका ये त्याग और तपस्या है. कोई मां भारती के गौरव को हानि नहीं पहुंचा सकता. आप वीरों की कीर्ति गाथा के बारे में जितना भी बोलूं वो कम होगा. उन्होंने कहा कि आज के इस अवसर पर सभी वीर शहीदों के माता पिताओं को भी वह प्रणाम करते हैं, जिन्होंने ऐसे वीर योद्धाओं को जन्म दिया और उनका पालन पोषण किया. साथ ही वह उन सभी सैन्य परिवारों को भी नमन करते हैं, जिन्होंने स्वयं से पहले राष्ट्र सेवा को स्थान दिया.

राठौर बंगला पहुंचे सीएम धामी: धाना हवाई पट्टी से उतरकर सीएम धामी कार से सीधे राठौर बंगला पहुंचे. जहां उन्होंने भोजन किया। साथ ही बचपन की यादें ताजा की. दरअसल, मुख्यमंत्री जब सागर में रहते थे. उस समय वे राठौर बंगला जाया करते थे. राठौर परिवार से उनके पारिवारिक संबंध हैं.

महार रेजीमेंट में सूबेदार थे सीएम के पिता: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सागर कैंट की डीएनसीबी स्कूल के विद्यार्थी रहे हैं. उन्होंने यहां तीन साल तक पढ़ाई की. दरअसल, उनके पिता शेरसिंह सागर की महार रेजीमेंट में सूबेदार थे. उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक आरएन त्रिपाठी अब इसी स्कूल के प्राचार्य हैं.

8वीं से 10वीं कक्षा तक सागर में की पढ़ाई: स्कूल के प्राचार्य आरएन त्रिपाठी ने बताया कि साल 1988-89 की बात है. 14 साल के एक लड़के ने डीएनसीबी स्कूल में कक्षा 8 में प्रवेश लिया था. वे 10वीं तक इसी स्कूल में पढ़े. उनके पिता महार रेजीमेंट में सूबेदार थे.

उस बच्चे का नाम पुष्कर राजपूत था. उस समय धामी सरनेम नहीं लिखते थे. पुष्कर पढ़ने में होशियार और काफी अनुशाशित छात्र थे. मैं अक्सर उनके उज्जवल भविष्य के बारे में सोचता था. एक शिक्षक और इस संस्था के लिए इससे अधिक गौरव की बात क्या होगी कि उनकी स्कूल का छात्र आज इतने ऊंचे पद को सुशोभित कर रहा है.

पूर्व मंत्री हरनाम सिंह राठौर को किया याद: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व मंत्री स्व. हरनाम सिंह राठौर को याद करते हुए कहा कि निश्चित रूप से यहां पर भाजपा की विचारधारा को बढ़ाने में हरनाम सिंह राठौर का बहुत बड़ा योगदान रहा है. हम जब छोटे थे, तो वह बंडा से विधायक हुआ करते थे. उनके लगातार संपर्क में रहा हूं. मन में एक इच्छा थी कि देश के लिए समाज के लिए कुछ करना है, उस प्रेरणा मे यहां की भूमि और लोगों स्थान है.

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं. मध्य प्रदेश के सागर में महार रेजीमेंट सैनिक सम्मेलन (Mahar Regiment Center Sagar) में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया. इस दौरान उन्होंने महार रेजिमेंट के अधिकारियों और जवानों को संबोधित भी किया और अपने पिता से जुड़ी कुछ यादों को उनके साथ शेयर की.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बाल्यकाल में जब वे अपने (स्वर्गीय) पिताजी से महार रेजीमेंट के वीर सैनिकों की शौर्यगाथाओं के बारे में सुनते थे तो मन में उत्साह और उमंग की भावना हिलोरे लेने लगती थी. यह उनका सौभाग्य है कि आज उन्हें वीर सैनिकों के बीच आने का सुअवसर प्राप्त हुआ है. इससे पूर्व वह यहां एक बालक के रूप में आये थे, जिसके लिए ये पूरा परिवेश किसी स्वप्नलोक से कम नहीं था. बाल्यकाल में जिस दिन वह सागर आये वो उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक दिन था.

महार रेजीमेंट में पिता को याद कर भावुक हुए CM धामी.
पढ़ें- हत्या की वारदातों से दहल रहा था काशीपुर, पुलिसवाले पैर छूकर मना रहे थे बीजेपी नेता का जन्मदि

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां एक ओर हमारी यह रेजीमेंट विविधता में एकता की भावना का बोध कराती है, वहीं इसका प्रत्येक सैनिक भारत की महान संस्कृति एवं गौरवशाली सैन्य परंपरा का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेना के मान और सम्मान बढ़ा है.

CM Pushkar Singh Dhami
जवानों से मिलते सीएम धामी.

उन्होंने कहा कि आज हमारे वीर सैनिक दुश्मन को उसके घर में घुस कर जवाब दे रहे हैं. जब भी दुश्मन ने ललकारा है, भारत ने उसे मुंह तोड़ जवाब देते हुए दिखा दिया है कि उसके पास ताकत भी है और उचित जवाब देने की राजनीतिक इच्छाशक्ति भी है. भारत वैश्विक मंचों पर पूरी दृढ़ता और अपने हितों को सर्वोपरि रखते हुए अपनी बात रख रहा है. आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि यह देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करने वाला है.
पढ़ें- राज्यपाल गुरमीत सिंह का हर्षिल दौरा, ITBP जवानों से की मुलाकत

मुख्यमंत्री ने महार रेजीमेंट के वॉर मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी, उन्होंने वार मेमोरियल का अवलोकन किया. मुख्यमंत्री ने महार रेजीमेंट सेंटर में वृक्षारोपण कर स्वर्गीय पिता को याद कर किया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पिता स्वर्गीय शेर सिंह धामी महार रेजीमेंट में सेवाएं चुके हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज वह सेना में तो नही हैं, परन्तु वीर सैनिकों को अपना आदर्श मानकर राष्ट्र सेवा में अपना यथासंभव योगदान देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

पढ़ें- हरिद्वार हेट स्पीच केस: जितेंद्र नारायण त्यागी की याचिका पर SC 4 हफ्ते बाद करेगा सुनवाई

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के सैन्य कौशल और पराक्रम का इतिहास महार रेजिमेंट के बिना पूर्ण नहीं हो सकता. देश की पहली मशीनगन रेजीमेंट होने के साथ साथ देश को दो सेना प्रमुख देने का गौरव भी इस रेजीमेंट के साथ जुड़ा हुआ है. सीमाओं की सुरक्षा करने से लेकर युद्ध के मैदान तक महार रेजिमेंट का एक-एक सैनिक अपना सर्वोच्च बलिदान देने के लिए हमेशा तत्पर रहा है. 1962 का युद्ध हो या 1971 का... हमारे वीर जवानों ने हमेशा अपनी वीरता का परिचय देते हुए दुश्मन को मात दी है.

मुख्यमंत्री ने ''ऑपरेशन पवन'' के नायक रहे महार रेजीमेंट के अमर शहीद मेजर रामास्वामी परमेश्वरन और देश के भीतर आतंकियों से लोहा लेते हुए अमर बलिदान देने वाले सूबेदार मेजर सुरेश चंद यादव को नमन करते हुए कहा कि महार रेजिमेंट में ऐसे वीरों की लंबी श्रृंखला है, जिन्होंने मां भारती के यश को अक्षुण्ण रखने हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया और तिरंगे की आन-बान और शान को फीका नहीं पड़ने दिया. उन्होंने कहा कि हमारे प्रत्येक सैनिक की वीरता, साहस और बलिदान पर हर एक नागरिक को गर्व है. आप सभी हमारे आदर्श हैं और आपकी वीरता, साहस पर इस राष्ट्र को अभिमान है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक आप सभी हैं, आपका ये हौसला है, आपका ये त्याग और तपस्या है. कोई मां भारती के गौरव को हानि नहीं पहुंचा सकता. आप वीरों की कीर्ति गाथा के बारे में जितना भी बोलूं वो कम होगा. उन्होंने कहा कि आज के इस अवसर पर सभी वीर शहीदों के माता पिताओं को भी वह प्रणाम करते हैं, जिन्होंने ऐसे वीर योद्धाओं को जन्म दिया और उनका पालन पोषण किया. साथ ही वह उन सभी सैन्य परिवारों को भी नमन करते हैं, जिन्होंने स्वयं से पहले राष्ट्र सेवा को स्थान दिया.

राठौर बंगला पहुंचे सीएम धामी: धाना हवाई पट्टी से उतरकर सीएम धामी कार से सीधे राठौर बंगला पहुंचे. जहां उन्होंने भोजन किया। साथ ही बचपन की यादें ताजा की. दरअसल, मुख्यमंत्री जब सागर में रहते थे. उस समय वे राठौर बंगला जाया करते थे. राठौर परिवार से उनके पारिवारिक संबंध हैं.

महार रेजीमेंट में सूबेदार थे सीएम के पिता: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सागर कैंट की डीएनसीबी स्कूल के विद्यार्थी रहे हैं. उन्होंने यहां तीन साल तक पढ़ाई की. दरअसल, उनके पिता शेरसिंह सागर की महार रेजीमेंट में सूबेदार थे. उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक आरएन त्रिपाठी अब इसी स्कूल के प्राचार्य हैं.

8वीं से 10वीं कक्षा तक सागर में की पढ़ाई: स्कूल के प्राचार्य आरएन त्रिपाठी ने बताया कि साल 1988-89 की बात है. 14 साल के एक लड़के ने डीएनसीबी स्कूल में कक्षा 8 में प्रवेश लिया था. वे 10वीं तक इसी स्कूल में पढ़े. उनके पिता महार रेजीमेंट में सूबेदार थे.

उस बच्चे का नाम पुष्कर राजपूत था. उस समय धामी सरनेम नहीं लिखते थे. पुष्कर पढ़ने में होशियार और काफी अनुशाशित छात्र थे. मैं अक्सर उनके उज्जवल भविष्य के बारे में सोचता था. एक शिक्षक और इस संस्था के लिए इससे अधिक गौरव की बात क्या होगी कि उनकी स्कूल का छात्र आज इतने ऊंचे पद को सुशोभित कर रहा है.

पूर्व मंत्री हरनाम सिंह राठौर को किया याद: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व मंत्री स्व. हरनाम सिंह राठौर को याद करते हुए कहा कि निश्चित रूप से यहां पर भाजपा की विचारधारा को बढ़ाने में हरनाम सिंह राठौर का बहुत बड़ा योगदान रहा है. हम जब छोटे थे, तो वह बंडा से विधायक हुआ करते थे. उनके लगातार संपर्क में रहा हूं. मन में एक इच्छा थी कि देश के लिए समाज के लिए कुछ करना है, उस प्रेरणा मे यहां की भूमि और लोगों स्थान है.

Last Updated : Oct 17, 2022, 10:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.