देहरादून: उत्तराखंड BJP प्रभारी दुष्यंत गौतम की अध्यक्षता में दिल्ली में उत्तराखंड के सभी सांसदों की महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक में शामिल होने के बाद सीएम धामी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात में सीएम धामी ने प्रधानमंत्री से उत्तराखंड की 44 जलविद्युत परियोजनाओं को फिर से शुरू करने के संबंध में चर्चा की. इसके साथ ही दोनों नेताओं के बीच प्रदेश के विकास कार्यों को लेकर भी चर्चा हुई.
सीएम धामी ने कहा कि जलविद्युत परियोजनाएं उत्तराखंड की आर्थिकी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. राज्य गठन के समय भी जलविद्युत परियोजनाएं केंद्र बिंदु में थीं. लेकिन बीते कुछ सालों में इस क्षेत्र में प्रगति इसलिए नहीं हो पाई कि कहीं पर उच्चतम न्यायालय का और कई मंत्रालयों के आपसी निपटारे में समन्वय ना हो पाने की वजह से यहां परेशानी आई. सीएम धामी ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी से अनुरोध किया है कि इन जल विद्युत परियोजनाओं को फिर से चालू के लिए जल्द से जल्द पीएमओ के स्तर पर विचार करने का आग्रह किया है.
उन्होंने कहा कि इसमें भारत सरकार का जल शक्ति मंत्रालय, वन पर्यावरण मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय और राज्य सरकार की सहभागिता होती है. ऐसे में इन 44 परियोजनाओं पर जैसे ही काम करने की सहमति मिलती है, जो राज्य के लिए आगे का जल विद्युत के क्षेत्र में उत्पादन होगा. इसके साथ ही 'भारत नेट' के दूसरे चरण पर भी बात हुई. भारत के शुरू होने से 600 गांवों को इंटरनेट सेवाएं मिल सकेंगी.
पीएम को उत्तराखंड आने का दिया न्यौता: इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोहाघाट स्थित मायावती आश्रम आने के लिये भी आमंत्रित किया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि सशक्त उत्तराखंड @25 थीम पर नवंबर माह में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी में चिंतन शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य के सभी वरिष्ठ अधिकारियों सहित मंत्रीगणों द्वारा प्रतिभाग किया गया.
चिंतन शिविर में राज्य के विकास हेतु अल्पकालिक, मध्यकालिक तथा दीर्घकालिक रोडमैप तैयार करने पर विचार-विमर्श किया गया. राज्य सरकार द्वारा भी आगामी पांच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु राज्य में रोजगार सृजन एवं उद्यमिता प्रोत्साहन के दृष्टिगत आर्थिकी को बढ़ाने वाले सेक्टर चिन्हित किए गये हैं. कार्यों की द्रुतगति से बढ़ाने और व्यावहारिक रोडमैप तैयार करने व निवेश को बढ़ाने सम्बन्धी रणनीति, कार्ययोजना आदि हेतु Mckinsey जैसी प्रतिष्ठित एजेन्सी को नियोजित किया गया है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि नीति आयोग की भांति State Institute for Empowering & Transforming Uttarakhand (SETU) के गठन का कार्य आरम्भ कर दिया गया है. चमोली के माणा गांव को प्रदेश का प्रथम गांव मानते हुए वहां कैबिनेट की बैठक आयोजित करना प्रस्तावित है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ग्रीन फील्ड सिटी विकसित करने के लिए पर्वतीय एवं मैदानी जनपदों में 15 स्थलों को चिन्हित किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कुपोषण को समाप्त करने तथा पारम्परिक तौर पर उत्पादित मोटे अनाज उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु State Millet Mission लाया जा रहा है. अधिक मूल्य वाली कृषि/बागवानी को क्लस्टर फार्मिंग एप्रोच के रूप में प्रोत्साहित किया जा रहा है, वर्तमान में 6624 कलस्टर चिन्हित किये गये है. मिशन प्राकृतिक खेती का क्रियान्वयन 11 जनपदों में आरम्भ किया जाना प्रस्तावित है. यह मिशन क्ल्सटर फार्मिंग एपरोच के आधार पर प्रस्तावित है, जिसमें प्रत्येक जनपद में 500-500 हेक्टेयर के दो क्ल्सटर का गठन किया जाएगा.
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35 रोपवे चिन्हित: मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतमाला योजना के अन्तर्गत 35 रोपवे चिन्हित किये गये है, जिन पर निर्धारित अवधि में कार्य आरम्भ तथा उसे पूर्ण करने हेतु रणनीति तैयार की जा रही है. आरसीएस के अन्तर्गत 13 हेलीपोर्टस क्रियाशील है, जबकि राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों हेतु 19 हेलीपैड प्रस्तावित किये गये हैं.
राज्य में स्थानीय नागरिकों को पर्यटन गतिविधि से जोड़ने हेतु होम स्टे विकास किया जा रहा है. पर्यटकों के लिए सिंगल विंडो के अन्तर्गत ऑनलाइन एग्रीगेटर की व्यवस्था की जा रही है, जिससे होमस्टे में देश-विदेश के पर्यटकों को आसानी से आने-जाने में सुविधा हो सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में चारधाम जैसे धार्मिक पर्यटन की तरह मानसखण्ड माला तैयार करने का कार्य आरम्भ किया गया है, जिसके अन्तर्गत वे सभी पौराणिक धार्मिक क्षेत्र पर्यटन सर्किट से जुडगें, जो अभी तक मुख्य धारा में शामिल नहीं थे। इस कोरिडोर को तैयार करने से स्थानीय स्तर पर पर्याप्त रोजगार की सम्भावना है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए स्वदेश दर्शन 2.0 के अन्तर्गत वित्तीय सहयोग का अनुरोध किया.
नई शिक्षा नीति पर चर्चा: मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति (2020 के अन्तर्गत प्रस्तावित बाल वाटिका कार्यक्रम आरम्भ कर दिया गया है, पीपीपी मॉडल के अन्तर्गत सैनिक स्कूल के गठन हेतु चार जनपदों में स्थल चयनित कर दिये गये है. पीएम गतिशक्ति के अन्तर्गत राज्य गतिशक्ति मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन हेतु जहां विभिन्न उद्योगों के साथ नये एमओयू कराये जाने का प्रस्ताव है, वहीं औद्योगिक पार्कों की स्थापना तथा नये औद्योगिक कलस्टर एवं ग्रोथ सेन्टर का विकास करते हुए एक जिला- दो उत्पाद के अन्तर्गत स्वरोजगार को बढ़ावा देने की रणनीति तैयार की जा रही है.
नदियों को जोड़ने पर चर्चा: मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में यदि वर्षा पर निर्भर नदियों को ग्लेशियर आधारित नदियों से जोड़ दिया जाए तो इस अभिनव प्रयोग का लाभ राज्य ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत को प्राप्त हो सकता है. हिमालयी राज्यों में ग्लोबल वार्मिंग के कारण जल स्रोत का तेजी से हास हो रहा है. इन जलधाराओं के पुर्नजीविकरण हेतु एक वृहत कार्यक्रम मिशन मोड में करने की प्रबल आवश्यकता है. बहुप्रदेशीय महत्व का यह कार्यक्रम भारत सरकार के तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग के बिना सम्भव नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा तथा हरिद्वार में कांवड़ यात्रा सहित अन्य धार्मिक यात्राओं के कारण राज्य में फ्लोटिंग जनसंख्या, जो लगभग प्रतिवर्ष 4-5 करोड़ होती है, के लिए न्यूनतम अवस्थापना सुविधाओं आवश्यक है. सामान्यतः तीर्थ यात्रियों के माध्यम से राज्य के राजस्व में बढ़ोत्तरी नहीं के बराबर है. मुख्यमंत्री ने वित्तीय संसाधनों के आवंटन में इस महत्वपूर्ण तथ्य को ध्यान में रखे जाने का अनुरोध किया.
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर चर्चा: मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि ऑलवेदर रोड का कार्य राज्य में द्रुतगति से चल रहा है, परन्तु सामरिक दृष्टिकोण से इसे सीमान्त क्षेत्र तक बढ़ाने की आवश्यकता है. ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की तरह टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का निर्माण सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा. मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि सामरिक दृष्टि से संवेदनशील राज्य तथा सीमित संसाधनों के कारण तथा राज्य को रेल परियोजनाओं की लागत में 50 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी वहन करने की शर्त पर छूट आवश्यक है. जिन रेल परियोजनाओं का रेट ऑफ रिर्टन निगेटिव है उनकी भी स्वीकृति इस राज्य हेतु आवश्यक है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामरिक दृष्टिकोण तथा पर्यटन एवं पर्वतीय क्षेत्र की आर्थिकी को बढ़ावा देने नैनी-सैनी, गौचर तथा चिन्यालीसैंण हवाई पट्टियों का विस्तारीकरण एयरपोर्ट के रूप में आवश्यक है. सामरिक दृष्टिकोण तथा पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु जौलीग्रांट तथा पंतनगर एयरपोर्ट का भी विस्तारीकरण आवश्यक है.
गैरसैंण में एयरपोर्ट: मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के निकट स्थित चौखुटिया क्षेत्र में नये एयरपोर्ट/हवाई पट्टी की स्थापना करना आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से आवश्यक होगा. आपदा भूस्खलन, अतिवृष्टि वनाग्नि ग्लेशियर खिसकना आदि के दृष्टिगत एक सशक्त वेदर फॉरकास्टिंग सिस्टम, डॉप्लर रडार से युक्त अवस्थापना की अत्यन्त आवश्यकता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा एवं लघु जल विद्युत परियोजनाओं में निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु नवीकरणीय ऊर्जा/ लघु जलविद्युत नीति बनायी जा रही है. मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में परिवार पहचान पत्र तैयार करने का कार्य आरम्भ किया जा रहा है, जिसमें सभी प्रकार की लाभार्थीपरक योजनाओं को इस प्रकार से लिंक किये जाने का प्रस्ताव है कि किसी भी परिवार से लाभार्थी का चयन निर्धारित मानकों एवं योग्यता के आधार पर ऑटोमेटिक हो जाए. ईज ऑफ लिविंग के अन्तर्गत नागरिकों की आसानी के लिए अपुणी सरकार पोर्टल में 475 से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है.
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर पलटवार: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM chief Asaduddin Owaisi) के बयान पर कहा कि कुछ लोग हमारी सेना और उनकी क्षमताओं पर सवाल उठाते रहते हैं. उनके लिए राजनीति देश से पहले आती है. इसलिए वो पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. दरअसल, तवांग मामले पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री राजनीतिक नेतृत्व के मामले में नाकाम साबित हो रहे हैं.
9 तारीख को ये झड़प होती है और आप संसद में आज बताते हैं. अगर मीडिया इस पर बात नहीं करती तो फिर आप तो खामोश बैठ जाते. ये सब इनकी नाकामी है. देश के प्रधानमंत्री चीन का नाम लेने से डरते हैं. वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को संसद हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनकी सेवा, बहादुरी और बलिदान को देश कभी नहीं भूल सकता.