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सीएम धामी ने ली पलायन आयोग की बैठक, वैज्ञानिक तरीके से कार्य योजना बनाने के दिए निर्देश - ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की बैठक

उत्तराखंड में पलायन एक गंभीर समस्या बनती जा रही है. हालांकि, पलायन रोकने और रिवर्स पलायन को लेकर राज्य सरकार कोशिश तो कर रही है, लेकिन उसका असर होता नहीं दिखाई दे रहा है. ऐसे में अब सीएम धामी ने अधिकारियों को उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए वैज्ञानिक तरीके से कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं.

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Published : Jan 6, 2023, 7:20 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की बैठक हुई. बैठक में सीएम धामी ने अधिकारियों को पलायन रोकने के लिए वैज्ञानिक तरीके से व्यापक कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका में तेजी से वृद्धि हो, उसके लिए भी व्यापक स्तर पर कार्य योजनाएं बनानी होंगी. सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है.

सीएम धामी ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका वृद्धि के साथ ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. उद्योग, पर्यटन, कृषि और बागवानी को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. जो लोग रिवर्स पलायन कर राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में लौटे हैं, उनके साथ ही अन्य लोगों को भी स्वरोजगार से जोड़ रहे हैं. साथ ही ऐसे लोगों को प्रोत्साहित किया जाए.

धामी ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए गांवों पर केंद्रित योजनाओं पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है. यह सुनिश्चित किया जाए कि ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के संसाधन बढ़ाने एवं अवस्थापना विकास से संबंधित केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का आमजन को पूरा लाभ मिले.
पढ़ें- जोशीमठ में भू धंसाव पर CM धामी की हाई लेवल मीटिंग, पीड़ित परिवारों को मिलेंगे 4 हजार रुपए प्रतिमाह

ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ एसएस नेगी ने कहा आयोग ने अब तक 19 रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप चुकी हैं. उधमसिंह नगर जनपद की रिपोर्ट भी जल्द सौंपी जायेगी. लोगों का रूझान रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में बढ़ रहा है. ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के सदस्य दिनेश रावत ने सुझाव दिया कि राज्य में कृषि एवं बागवानी को बढ़ावा देने के लिए फसलों को जंगली जानवरों से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपाय करने होंगे. सीएम सौर स्वरोजगार योजना को राज्य में और बढ़ावा देना होगा.

वही, बैठक के दौरान पलायन आयोग सदस्य सुरेश सुयाल ने सुझाव दिया कि गांवों में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को बढ़ावा देना होगा. पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं एवं महिलाओं को अधिक से अधिक स्वरोजगार से जोड़ना होगा. राम प्रकाश पैन्यूली ने सुझाव दिया कि चारधाम यात्रा मार्गों पर प्रचीन मंदिरों को भी जोड़ने की जरूरत है, इससे धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी. स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में नोडल अधिकारी बनाने होंगे.
ये भी पढ़ें: CBI जांच में 'सुप्रीम' राहत के बाद बोले त्रिवेंद्र, 'झूठे आरोप लगाने वालों पर करूंगा कानूनी कार्रवाई'

पलायन आयोग की सदस्य रंजना रावत ने सुझाव दिया कि पर्वतीय क्षेत्रों में एमएसएमई को और बढ़ावा देना होगा. कृषकों को समय पर उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध हों, यदि वे कहीं बाहर से भी उच्च गुणवत्ता युक्त बीज ले रहे हो, तो उन्हें इसके लिए सब्सिडी समय पर मिल जाए. अनिल शाही ने कहा कि गांवों को केन्द्र मानकर विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में प्रयास करने होंगे. सीमांत क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए सीमान्त दर्शन योजना शुरू करने की दिशा में विचार करना होगा.

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की बैठक हुई. बैठक में सीएम धामी ने अधिकारियों को पलायन रोकने के लिए वैज्ञानिक तरीके से व्यापक कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका में तेजी से वृद्धि हो, उसके लिए भी व्यापक स्तर पर कार्य योजनाएं बनानी होंगी. सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है.

सीएम धामी ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका वृद्धि के साथ ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. उद्योग, पर्यटन, कृषि और बागवानी को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. जो लोग रिवर्स पलायन कर राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में लौटे हैं, उनके साथ ही अन्य लोगों को भी स्वरोजगार से जोड़ रहे हैं. साथ ही ऐसे लोगों को प्रोत्साहित किया जाए.

धामी ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए गांवों पर केंद्रित योजनाओं पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है. यह सुनिश्चित किया जाए कि ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के संसाधन बढ़ाने एवं अवस्थापना विकास से संबंधित केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का आमजन को पूरा लाभ मिले.
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ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ एसएस नेगी ने कहा आयोग ने अब तक 19 रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप चुकी हैं. उधमसिंह नगर जनपद की रिपोर्ट भी जल्द सौंपी जायेगी. लोगों का रूझान रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में बढ़ रहा है. ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के सदस्य दिनेश रावत ने सुझाव दिया कि राज्य में कृषि एवं बागवानी को बढ़ावा देने के लिए फसलों को जंगली जानवरों से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपाय करने होंगे. सीएम सौर स्वरोजगार योजना को राज्य में और बढ़ावा देना होगा.

वही, बैठक के दौरान पलायन आयोग सदस्य सुरेश सुयाल ने सुझाव दिया कि गांवों में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को बढ़ावा देना होगा. पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं एवं महिलाओं को अधिक से अधिक स्वरोजगार से जोड़ना होगा. राम प्रकाश पैन्यूली ने सुझाव दिया कि चारधाम यात्रा मार्गों पर प्रचीन मंदिरों को भी जोड़ने की जरूरत है, इससे धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी. स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में नोडल अधिकारी बनाने होंगे.
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पलायन आयोग की सदस्य रंजना रावत ने सुझाव दिया कि पर्वतीय क्षेत्रों में एमएसएमई को और बढ़ावा देना होगा. कृषकों को समय पर उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध हों, यदि वे कहीं बाहर से भी उच्च गुणवत्ता युक्त बीज ले रहे हो, तो उन्हें इसके लिए सब्सिडी समय पर मिल जाए. अनिल शाही ने कहा कि गांवों को केन्द्र मानकर विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में प्रयास करने होंगे. सीमांत क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए सीमान्त दर्शन योजना शुरू करने की दिशा में विचार करना होगा.

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