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धामी तोड़ेंगे CM आवास के 'अपशकुन' का मिथक, कैंप कार्यालय में किया हवन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तमाम अपवादों को पीछे छोड़ते हुए आज मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में हवन और पूजा-अर्चना की. इस दौरान ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत, विधायक हरबंस कपूर और खजान दास भी इस पूजा-अर्चना के कार्यक्रम में शामिल हुए.

pushkar singh dhami
सीएम पुष्कर धामी
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Published : Jul 8, 2021, 1:35 PM IST

देहरादून: लंबे समय से वीरान पड़े मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में आज एक बार फिर से चहल-पहल दिखाई दी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैंप कार्यालय में हवन और पूजा-अर्चना करते हुए इस कार्यालय में फिर से काम शुरू कर दिया है. इस दौरान तमाम मंत्री और विधायक भी मौजूद रहे. जानकारी के अनुसार कुछ ही दिनों में मुख्यमंत्री आवास में भी पुष्कर सिंह धामी शिफ्ट होने जा रहे हैं.

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री आवास को लेकर प्रदेश में तमाम तरह की धारणाएं हैं. इसी कारण पिछले कुछ सीएम इस आवास में जाने से घबराते रहे हैं. लेकिन सीएम बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने इन सभी अंधविश्वास की बातों को दरकिनार कर कैंप कार्यालय में काम शुरू कर दिया है. वहीं जल्द ही वे मुख्यमंत्री आवास में भी शिफ्ट हो जाएंगे.

सीएम पुष्कर धामी ने किया हवन.

ये भी पढ़ें: हरदा की धामी को चुनौतीपूर्ण बधाई, कहा- कुछ ऐसा करो कि कांग्रेस के लिए लक्ष्य बड़ा हो

बता दें कि, उत्तराखंड की राजनीति में मुख्यमंत्री आवास को लेकर एक बड़ा मिथक 'अपशकुन' होने का जुड़ा हुआ है. यहां जो भी मुख्यमंत्री रहता है वो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है. इस मिथक को दरकिनार कर मौजूदा सीएम पुष्कर सिंह धामी जल्द ही मुख्यमंत्री आवास में शिफ्ट करेंगे. बता दें कि, मुख्यमंत्री आवास अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है जो करोड़ों की लागत से पहाड़ी शैली में बना है. लेकिन इस बंगले में रहने वाले एक भी मुख्यमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है.

ये भी पढ़ें: HNB विवि के श्रीनगर और चौरास कैंपस की बदलेगी सूरत, आय बढ़ाने की कवायद तेज

गढ़ी कैंट में राजभवन के बराबर में बने मुख्यमंत्री आवास का निर्माण कार्य तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी की सरकार में हुआ था. हालांकि, जबतक मुख्यमंत्री आवास का निर्माण कार्य पूरा होता उसके पहले ही उनका पांच साल का कार्यकाल पूरा हो गया. इसके बाद 2007 में बीजेपी की सरकार बनी और प्रदेश की कमान मुख्यमंत्री के तौर पर बीसी खंडूड़ी को मिली. खंडूड़ी ने अधूरे बंगले को दिलो जान से तैयार करवाया. मुख्यमंत्री के तौर पर खंडूड़ी ने ही इस बंगले का उद्घाटन किया. लेकिन वो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए और ढाई साल बाद ही उन्हें कुर्सी गंवानी पड़ी. उसके बाद तो जैसे मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाने का सिलसिला ही चल पड़ा.

ये भी पढ़ें: हादसे में बाल-बाल बचे महंत नरेंद्र गिरी और हरि गिरी, योगी से मुलाकात कर लौटते समय टकराई कार

बता दें कि, मुख्यमंत्री रहते हुए बीसी खंडूड़ी, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा या फिर त्रिवेंद्र सिंह रावत जो भी इस आवास में रहा है किसी का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है. इसके बावजूद एक बार फिर से सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस मिथक को चुनौती दी है और मुख्यमंत्री आवास में रहने का निर्णय लिया है. इस बार ये मिथक टूटेगा या बरकरार रहेगा ये आने वाला समय बताएगा.

देहरादून: लंबे समय से वीरान पड़े मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में आज एक बार फिर से चहल-पहल दिखाई दी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैंप कार्यालय में हवन और पूजा-अर्चना करते हुए इस कार्यालय में फिर से काम शुरू कर दिया है. इस दौरान तमाम मंत्री और विधायक भी मौजूद रहे. जानकारी के अनुसार कुछ ही दिनों में मुख्यमंत्री आवास में भी पुष्कर सिंह धामी शिफ्ट होने जा रहे हैं.

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री आवास को लेकर प्रदेश में तमाम तरह की धारणाएं हैं. इसी कारण पिछले कुछ सीएम इस आवास में जाने से घबराते रहे हैं. लेकिन सीएम बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने इन सभी अंधविश्वास की बातों को दरकिनार कर कैंप कार्यालय में काम शुरू कर दिया है. वहीं जल्द ही वे मुख्यमंत्री आवास में भी शिफ्ट हो जाएंगे.

सीएम पुष्कर धामी ने किया हवन.

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बता दें कि, उत्तराखंड की राजनीति में मुख्यमंत्री आवास को लेकर एक बड़ा मिथक 'अपशकुन' होने का जुड़ा हुआ है. यहां जो भी मुख्यमंत्री रहता है वो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है. इस मिथक को दरकिनार कर मौजूदा सीएम पुष्कर सिंह धामी जल्द ही मुख्यमंत्री आवास में शिफ्ट करेंगे. बता दें कि, मुख्यमंत्री आवास अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है जो करोड़ों की लागत से पहाड़ी शैली में बना है. लेकिन इस बंगले में रहने वाले एक भी मुख्यमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है.

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गढ़ी कैंट में राजभवन के बराबर में बने मुख्यमंत्री आवास का निर्माण कार्य तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी की सरकार में हुआ था. हालांकि, जबतक मुख्यमंत्री आवास का निर्माण कार्य पूरा होता उसके पहले ही उनका पांच साल का कार्यकाल पूरा हो गया. इसके बाद 2007 में बीजेपी की सरकार बनी और प्रदेश की कमान मुख्यमंत्री के तौर पर बीसी खंडूड़ी को मिली. खंडूड़ी ने अधूरे बंगले को दिलो जान से तैयार करवाया. मुख्यमंत्री के तौर पर खंडूड़ी ने ही इस बंगले का उद्घाटन किया. लेकिन वो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए और ढाई साल बाद ही उन्हें कुर्सी गंवानी पड़ी. उसके बाद तो जैसे मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाने का सिलसिला ही चल पड़ा.

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