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मणिपुर हिंसा में फंसी उत्तराखंड की इशिता सक्सेना, धामी सरकार करेगी वापसी में मदद

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Published : May 6, 2023, 10:56 PM IST

उत्तराखंड की इशिता सक्सेना भी मणिपुर हिंसा में फंसी हुई है. इशिता मणिपुर के केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय इंफाल में पढ़ाई करती है. अब इशिता की गुहार पर धामी सरकार उसे वापस लाने की कवायद में जुट गई है. उसे वापस लाने में जो भी खर्चा होगा, उसे सरकार वहन करेगी.

CM Pushkar Dhami
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

देहरादूनः मणिपुर में सुलग रही हिंसा के बीच उत्तराखंड की छात्रा इशिता सक्सेना भी फंसी है. ऐसे में इशिता ने मेल के जरिए सरकार से मदद की गुहार लगाई और मणिपुर से वापस लाने की मांग की है. जिस पर सीएम धामी ने अधिकारियों को इशिता को वापस लाने के निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं इशिता को मणिपुर से उत्तराखंड लाने का खर्चा सरकार वहन करेगी.

जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड की इशिता सक्सेना मणिपुर के केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय इंफाल में पढ़ाई करती है, जो मणिपुर हिंसा की वजह से फंसी हुई है. इशिता सक्सेना ने ईमेल भेजकर सरकार से मदद मांगी है. जिसका संज्ञान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिया है. सीएम धामी ने संबंधित अधिकारियों को मणिपुर में फंसी छात्रा इशिता सक्सेना को वापस लाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इसका खर्चा राज्य सरकार द्वारा वहन करने की बात कही है.

  • Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami has given instructions to bring back Ishita Saxena, a student of the state studying at the Central Agricultural University, Imphal in Manipur. He has given these instructions on the request letter sent by email by Ishita. The expenditure in this…

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
ये भी पढ़ेंः मणिपुर में फंसे यूपी-बिहार के छात्रों का दर्द, कहा- चारों तरफ हो रही बमबारी, खाने के भी लाले, सुनिए ऑडियो

बता दें कि मणिपुर में मेइती, कुकी और नागा समुदाय में जातीय विवाद चल रहा है. मेइती समुदाय बहुसंख्यक में है. ऐसे में कुकी और नागा समुदाय लगातार मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का विरोध कर रहे हैं. गौर हो कि नागा और कुकी समुदाय को आदिवासी का दर्जा मिला हुआ है. इसके अलावा रिजर्व फॉरेस्ट एरिया से ग्रामीणों को निकालने के अभियान पर भी नाराजगी जताई है.

वहीं, जातीय विवाद के चलते मणिपुर में बीते कई दिनों से हिंसा भड़की हुई है. हिंसा की वजह से लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं. इतना ही नहीं आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट और हत्या की घटनाएं भी हुई. जिसके चलते कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है और पड़ोसी राज्यों असम, उड़ीसा में शरण लेना पड़ा है. इसके अलावा नॉर्थ ईस्ट के दूसरे राज्यों में भी फंसे लोग लगातार बाहर आ रहे हैं. उधर, हिंसा के मद्देनजर मणिपुर में आर्मी और असम राइफल्स के जवान तैनात किए गए हैं.

देहरादूनः मणिपुर में सुलग रही हिंसा के बीच उत्तराखंड की छात्रा इशिता सक्सेना भी फंसी है. ऐसे में इशिता ने मेल के जरिए सरकार से मदद की गुहार लगाई और मणिपुर से वापस लाने की मांग की है. जिस पर सीएम धामी ने अधिकारियों को इशिता को वापस लाने के निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं इशिता को मणिपुर से उत्तराखंड लाने का खर्चा सरकार वहन करेगी.

जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड की इशिता सक्सेना मणिपुर के केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय इंफाल में पढ़ाई करती है, जो मणिपुर हिंसा की वजह से फंसी हुई है. इशिता सक्सेना ने ईमेल भेजकर सरकार से मदद मांगी है. जिसका संज्ञान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिया है. सीएम धामी ने संबंधित अधिकारियों को मणिपुर में फंसी छात्रा इशिता सक्सेना को वापस लाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इसका खर्चा राज्य सरकार द्वारा वहन करने की बात कही है.

  • Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami has given instructions to bring back Ishita Saxena, a student of the state studying at the Central Agricultural University, Imphal in Manipur. He has given these instructions on the request letter sent by email by Ishita. The expenditure in this…

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
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बता दें कि मणिपुर में मेइती, कुकी और नागा समुदाय में जातीय विवाद चल रहा है. मेइती समुदाय बहुसंख्यक में है. ऐसे में कुकी और नागा समुदाय लगातार मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का विरोध कर रहे हैं. गौर हो कि नागा और कुकी समुदाय को आदिवासी का दर्जा मिला हुआ है. इसके अलावा रिजर्व फॉरेस्ट एरिया से ग्रामीणों को निकालने के अभियान पर भी नाराजगी जताई है.

वहीं, जातीय विवाद के चलते मणिपुर में बीते कई दिनों से हिंसा भड़की हुई है. हिंसा की वजह से लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं. इतना ही नहीं आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट और हत्या की घटनाएं भी हुई. जिसके चलते कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है और पड़ोसी राज्यों असम, उड़ीसा में शरण लेना पड़ा है. इसके अलावा नॉर्थ ईस्ट के दूसरे राज्यों में भी फंसे लोग लगातार बाहर आ रहे हैं. उधर, हिंसा के मद्देनजर मणिपुर में आर्मी और असम राइफल्स के जवान तैनात किए गए हैं.

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