देहरादून: प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिन बच्चों के मामा हों और कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य बुआ, ऐसे बच्चों को क्या चिंता हो सकती है. जी हां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वात्सल्य योजना के शुभारंभ के मौके पर खुद को निराश्रित बच्चों का मामा कह कर संबोधित किया. वहीं, बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा वह अब इन बच्चों की बुआ हैं. वह अपने बुआ धर्म का पूरी तरह से निर्वहन करेंगी.
मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उस समय निराश्रित बच्चों और उनके साथ आए संरक्षकों की चिंता दूर हो गई जब महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने अपने संबोधन के दौरान इन बच्चों तक मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना को हर हाल में पारदर्शी रूप से पहुंचाने का भरोसा दिलाया.
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रेखा आर्य ने यह कहकर कार्यक्रम में सभी का दिल जीत लिया कि वह इन बच्चों के लालन-पालन से लेकर शिक्षा देने तक के लिए पूरी तरह से तत्पर रहेंगी. यही नहीं उन्होंने खुद को निराश्रित बच्चों की बुआ कह कर बच्चों के मन की शंकाओं को भी दूर करने की कोशिश की. खास बात यह है कि इसके ठीक बाद मुख्यमंत्री ने भी अपने संबोधन में खुद को इन बच्चों का मामा कह दिया.
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दरअसल, बात निराश्रित बच्चों को लेकर शुरू हुई इस योजना से इनके दर्द को दूर करने की हो रही थी. इस पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने बेहद भावुक शब्दों के साथ बच्चों के साथ कोई घटना पर सरकार द्वारा कुछ हद तक मरहम लगाने की बात कही. रेखा आर्य ने खुद को बच्चों की बुआ कहा तो यहां बैठे बच्चों और अभिभावकों ने तालियों से उनका स्वागत किया.
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यही नहीं मुख्यमंत्री ने इस बात को आगे बढ़ाते हुए खुद को इनका मामा कह दिया. साथ ही आश्वासन दिया कि इन निराश्रित बच्चों को सरकार उनके माता-पिता तो नहीं दिला सकती, लेकिन एक अभिभावक की तरह उनके लालन-पालन को लेकर हर संभव कोशिश जरूर की जाएगी.