देहरादून: उत्तराखंड में राजशाही और नौकरशाही के बीच विवाद कई बार देखा जा चुका है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश के बाद मुख्य सचिव भी अधिकारियों को जनहित के कार्यों में कोई लापरवाही न बरतने के निर्देश दे चुके हैं. ऐसे में अब राज्य सरकार जनहित के कार्यों में कोई लापरवाही ना हो इसको लेकर अब सख्त रुख अपनाने लगी है. इसी क्रम में एक बार फिर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनहित के कार्यों में लापरवाही दिखाने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही है.
आगामी विधानसभा चुनाव में मात्र एक साल का ही वक्त बचा है. ऐसे में राज्य सरकार तमाम योजनाओं को धरातल पर उतारने में जुटी हुई है, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में भी सफलता हासिल कर सके. लिहाजा, वर्तमान समय में तमाम कार्य तो धरातल पर उतर चुके हैं. तो वहीं, जो कार्य पाइपलाइन में है. उन कार्यों को भी जल्द से जल्द धरातल पर उतारने के साथ ही जो योजनाएं जनहित के लिए शुरू की जाती हैं, उन योजनाओं का लाभ लोगों को मिल सके. इसके निर्देश बैठक के दौरान अधिकारियों को देते रहे हैं.
वहीं, एक बार फिर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गुड गवर्नेंस के तहत अधिकारियों को सुधार का मौका दिया गया है. इसके बावजूद भी कोई नहीं सुधरता है तो, उन पर कारवाई की जाएगी. आगे भी कुछ खामियां पाई जाती हैं और जनहित के कार्यों में लापरवाही दिखाने वाले अधिकारियों पर सख्त कारवाई की जायेगी.
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गैरसैंण में सत्र होने से लोगों को अपनी बात रखने का मिलता है मौका
यही नहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि गैरसैंण ग्रीष्माकालीन राजधानी खूबसूरत और आकर्षक हो, उस दृष्टि से उसको विकसित किया जा रहा है. गैरसैंण में जब विधानसभा होती है तो दूरस्थ क्षेत्रों की समस्याएं सामने आती हैं. दूरस्थ क्षेत्रों के लोग देहरादून कम आ पाते हैं, ऐसे में गैरसैंण में उन्हें अपनी बात रखने का मौका मिल जाता है. इससे धरातलीय सच्चाई भी सामने आती हैं.