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आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस: CM धामी बोले- पुनर्वासित परिवारों को मिलें मूलभूत सुविधाएं

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Published : Oct 13, 2021, 1:04 PM IST

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पुनर्वासित परिवारों को मूलभूत आवश्यकताओं की पर्याप्त व्यवस्था हो.

cm pushkar dhami
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देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने मुख्यमंत्री आवास में अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि पुनर्वासित परिवारों को पुनर्वास क्षेत्र में बिजली, पानी एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की पर्याप्त व्यवस्था हो.

कार्यक्रम में सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन पुनर्वासित गांवों को सड़क से जोड़ा जाना है, उनकी सूची जल्द शासन को उपलब्ध कराई जाए. पुनर्वासित गांवों में मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए व्यवस्था मनरेगा से कन्वर्जेंस एवं जिलाधिकारी के नियंत्रणाधीन विभिन्न फंडों से की जाए. इसके बाद भी कोई परेशानी हो तो मामला शासन स्तर पर लाया जाए. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से आठ जनपदों के पुनर्वासित गांवों के लोगों से बात कर उनकी समस्याएं सुनीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी समस्याओं का उचित हल निकालने का प्रयास किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों का लगातार सर्वे किया जाए. सर्वे के बाद जिन गांवों एवं परिवारों को तत्काल पुनर्वासित करने की आवश्यकता है, उसकी सूची भी जल्द उपलब्ध कराई जाए. पुनर्वासित परिवारों के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार धनराशि दी गई है. पुनर्वासित क्षेत्र में अवस्थापना विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों का कोविड से निधन हुआ उन्हें आपदा मद से 50 हजार रुपये की धनराशि देने की व्यवस्था की जा रही है.

पढे़ं: CM धामी ने किच्छा के लोगों को दी सौगात, 15 योजनाओं का किया शिलान्यास

बता दें कि, प्राकृतिक आपदा उपरांत प्रभावित गांवों, परिवारों के पुनर्वास नीति 2011 के प्राविधानुसार राज्य में कुल 83 गांव एवं 1447 परिवारों को पुनर्वासित किया गया. जिसके लिए 61 करोड़ 2 लाख 35 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की गई. जिसमें से वर्ष 2017 से पहले 2 गांवों के 11 परिवारों को जबकि वर्ष 2017 के बाद से 81 गांवों के 1436 परिवारों को पुनर्वासित किया गया. गढ़वाल मंडल के अन्तर्गत चमोली जनपद के 15 गांवों के 279 परिवर, उत्तरकाशी जनपद के 5 गावों के 205 परिवार, टिहरी जनपद के 10 गांवों के 429 परिवार एवं रुद्रप्रयाग जनपद के 10 गांवों के 136 परिवार पुनर्वासित किए गए. जबकि कुमाऊं मंडल के अन्तर्गत पिथौरागढ़ के 31 गांवों के 321 परिवार, बागेश्वर जनपद के 9 गांवों के 68 परिवार, नैनीताल जनपद के 1 गांव के 1 परिवार एवं अल्मोड़ा जनपद के 2 गांवों के 8 परिवार विस्थापित किए गए.

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने मुख्यमंत्री आवास में अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि पुनर्वासित परिवारों को पुनर्वास क्षेत्र में बिजली, पानी एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की पर्याप्त व्यवस्था हो.

कार्यक्रम में सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन पुनर्वासित गांवों को सड़क से जोड़ा जाना है, उनकी सूची जल्द शासन को उपलब्ध कराई जाए. पुनर्वासित गांवों में मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए व्यवस्था मनरेगा से कन्वर्जेंस एवं जिलाधिकारी के नियंत्रणाधीन विभिन्न फंडों से की जाए. इसके बाद भी कोई परेशानी हो तो मामला शासन स्तर पर लाया जाए. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से आठ जनपदों के पुनर्वासित गांवों के लोगों से बात कर उनकी समस्याएं सुनीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी समस्याओं का उचित हल निकालने का प्रयास किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों का लगातार सर्वे किया जाए. सर्वे के बाद जिन गांवों एवं परिवारों को तत्काल पुनर्वासित करने की आवश्यकता है, उसकी सूची भी जल्द उपलब्ध कराई जाए. पुनर्वासित परिवारों के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार धनराशि दी गई है. पुनर्वासित क्षेत्र में अवस्थापना विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों का कोविड से निधन हुआ उन्हें आपदा मद से 50 हजार रुपये की धनराशि देने की व्यवस्था की जा रही है.

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बता दें कि, प्राकृतिक आपदा उपरांत प्रभावित गांवों, परिवारों के पुनर्वास नीति 2011 के प्राविधानुसार राज्य में कुल 83 गांव एवं 1447 परिवारों को पुनर्वासित किया गया. जिसके लिए 61 करोड़ 2 लाख 35 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की गई. जिसमें से वर्ष 2017 से पहले 2 गांवों के 11 परिवारों को जबकि वर्ष 2017 के बाद से 81 गांवों के 1436 परिवारों को पुनर्वासित किया गया. गढ़वाल मंडल के अन्तर्गत चमोली जनपद के 15 गांवों के 279 परिवर, उत्तरकाशी जनपद के 5 गावों के 205 परिवार, टिहरी जनपद के 10 गांवों के 429 परिवार एवं रुद्रप्रयाग जनपद के 10 गांवों के 136 परिवार पुनर्वासित किए गए. जबकि कुमाऊं मंडल के अन्तर्गत पिथौरागढ़ के 31 गांवों के 321 परिवार, बागेश्वर जनपद के 9 गांवों के 68 परिवार, नैनीताल जनपद के 1 गांव के 1 परिवार एवं अल्मोड़ा जनपद के 2 गांवों के 8 परिवार विस्थापित किए गए.

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