देहरादून: बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में दिल्ली के छावला इलाके में एक 19 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार और हत्या (Anamika rape and murder case) के हाईकोर्ट से दोषी साबित हुए तीन आरोपियों को बरी कर दिया था. इन तीन लोगों को दिल्ली हाईकोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी. वहीं मामले में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि कोर्ट ने जो फैसला किया है, उस पर मैंने एडवोकेट चारू खन्ना से बात की है, जो केस देख रही हैं. साथ ही केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू से भी बात की है. उन्होंने कहा कि पीड़िता प्रदेश की ही हमारे देश की बेटी है और उसे न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कही ये बातः उत्तराखंड के पूर्व मुख्मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपियों की फांसी की सजा सुनाई थी. आरोपी सुप्रीम कोर्ट गए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने निराशाजनक फैसला सुनाया. इस तरह के निर्णय से लोगों के मन में यह प्रश्न खड़ा हुआ है कि आखिर हम न्याय के लिए कहां जाएं? आरोपियों को मुक्त कर दिया गया है. ऐसे में सवाल है कि बिटिया की हत्या किसने की? इसमें पुनर्विचार याचिका होने चाहिए. उनकी सरकार से अपील है कि खुद सीएम धामी इसमें पहल करें. क्योंकि पीड़ित परिवार केस में खर्च वहन करने में अक्षम है. ऐसे में सरकार को सहयोग करना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में दिल्ली के छावला गैंगरेप मामले में अपना फैसला सोमवार को सुनाया. शीर्ष अदालत ने तीनों आरोपी रवि, राहुल और विनोद को बरी कर दिया है. अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट और निचली अदालत के उस फैसले को भी पलट दिया जिसमें दोषियों के लिए फांसी की सजा सुनाई गई थी. साल 2012 में दिल्ली में उत्तराखंड की 19 वर्षीय लड़की के साथ आरोपियों पर दरिंदगी की सारी हदें पार कर उसकी हत्या करने का आरोप था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पहले अपना फैसला सुरक्षित रखा था.
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'अनामिका' के साथ उस रात क्या हुआ था: निर्भया की ही तरह इस मासूम का नाम भी बदलकर अनामिका रखा गया था. वह मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली थी. दिल्ली में छावला इलाके में रहती थी. रोजना की तरह 14 फरवरी 2012 को भी 'निर्भया' अपने काम पर जाने के लिए घर से निकली थी, लेकिन उस दिन वो देर शाम तक घर नहीं लौटी. परिजनों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा. बहुत खोजने के बाद इतनी सूचना जरूर मिली कि कुछ लोग एक लड़की को गाड़ी में डालकर दिल्ली से बाहर ले जाते हुए दिखाई दिए हैं.
पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की तो दो दिन बाद यानी 16 फरवरी को लड़की का शव हरियाणा में गन्ने के एक खेत में मिला था. उसके साथ जो क्रूरता की गई थी वो दिल्ली की निर्भया से भी भयावह थी. परिजनों की मानें तो उत्तराखंड की निर्भया को आरोपियों के किसी जानवर की तरह नोंचा गया था. उसे न सिर्फ मारा पीटा गया था, बल्कि दो दिनों तक लगातार उसके साथ गैंगरेप हुआ था. यही नहीं, उसकी आंखों में तेजाब डाल दिया गया था, उसके नाजुक अंगों से शराब की बोतल मिली थी. पानी गरम करके उसके शरीर को दाग दिया गया था.