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आपदा में संजीवनी साबित होगी ये वैन, ड्रोन के साथ अत्याधुनिक तकनीकों से है लैस - Nabh Netra Van in Dehradun

सीएम धामी ने आज आपदा के समय काम आने वाली 'नभ नेत्र' का उद्घाटन किया. इस दौरान सीएम ने इसके फायदे भी गिनाए.

CM Dhami inaugurated nabh nerta
सीएम धामी ने किया नभ नेत्र का उद्घाटन
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Published : Jun 17, 2022, 5:30 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से 'नभ नेत्र' का उद्घाटन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है. किसी भी आपदा की स्थिति में ड्रोन तकनीक पर आधारित यह मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन आपदा संबंधी डाटा जुटाने में कारगर साबित होगा. मुख्यमंत्री ने नभ नेत्र की सराहना करते हुए कहा DARC की टीम को प्रमाणपत्र भी दिए.

आईटीडीए निदेशक अमित सिन्हा ने जानकारी दी कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा आने या आपात स्थिति बनने के समय डेटा जुटाने, प्रोसेस करने और स्थिति पर निगरानी रखने जैसी चुनौतियां रहती हैं. अब इन तमाम मोर्चों के लिए ड्रोन तकनीक की मदद बड़े पैमाने पर ली जा सकेगी. इसके लिए ड्रोन एप्लिकेशन रिसर्च सेंटर ने मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन विकसित किया है. जिसका उद्देश्य आपदा या आपातकालीन स्थिति के दौरान ड्रोन का उपयोग करने एवं ड्रोन के माध्यम से डेटा एकत्रित करने में किया जाएगा. इसके साथ ही आपदा प्रभावित क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से आपदा पूर्व एवं आपदा पश्चात मानचित्र तैयार किया जाएगा.

पढ़ें- CM धामी ने किए भगवान बदरीविशाल के दर्शन, मास्टर प्लान का लिया जायजा

यह स्टेशन पूरी तरह एक वाहन में स्थापित किया गया है. इस ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन को डेटा प्रोसेसिंग के लिए हाई स्पीड वर्कस्टेशन, बैंडविड्थ एग्रीगेशन और बिना नेटवर्क जोन वाले क्षेत्रों के लिए वी-सेट से युक्त किया गया है. इस वाहन का उपयोग उत्तराखंड सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन और सभी संवेदनशील आपदा संभावित क्षेत्रों की 3डी मैपिंग के लिए किया जाएगा. इसमें कोई दो राय नहीं है कि अगर ये कामयाब रहा तो उत्तराखंड में आपदा के समय में इससे काफी राहत मिलेगी.

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से 'नभ नेत्र' का उद्घाटन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है. किसी भी आपदा की स्थिति में ड्रोन तकनीक पर आधारित यह मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन आपदा संबंधी डाटा जुटाने में कारगर साबित होगा. मुख्यमंत्री ने नभ नेत्र की सराहना करते हुए कहा DARC की टीम को प्रमाणपत्र भी दिए.

आईटीडीए निदेशक अमित सिन्हा ने जानकारी दी कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा आने या आपात स्थिति बनने के समय डेटा जुटाने, प्रोसेस करने और स्थिति पर निगरानी रखने जैसी चुनौतियां रहती हैं. अब इन तमाम मोर्चों के लिए ड्रोन तकनीक की मदद बड़े पैमाने पर ली जा सकेगी. इसके लिए ड्रोन एप्लिकेशन रिसर्च सेंटर ने मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन विकसित किया है. जिसका उद्देश्य आपदा या आपातकालीन स्थिति के दौरान ड्रोन का उपयोग करने एवं ड्रोन के माध्यम से डेटा एकत्रित करने में किया जाएगा. इसके साथ ही आपदा प्रभावित क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से आपदा पूर्व एवं आपदा पश्चात मानचित्र तैयार किया जाएगा.

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यह स्टेशन पूरी तरह एक वाहन में स्थापित किया गया है. इस ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन को डेटा प्रोसेसिंग के लिए हाई स्पीड वर्कस्टेशन, बैंडविड्थ एग्रीगेशन और बिना नेटवर्क जोन वाले क्षेत्रों के लिए वी-सेट से युक्त किया गया है. इस वाहन का उपयोग उत्तराखंड सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन और सभी संवेदनशील आपदा संभावित क्षेत्रों की 3डी मैपिंग के लिए किया जाएगा. इसमें कोई दो राय नहीं है कि अगर ये कामयाब रहा तो उत्तराखंड में आपदा के समय में इससे काफी राहत मिलेगी.

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