मसूरीः मसूरी गोलीकांड की 27वीं बरसी पर सीएम पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट समेत कई बड़े नेताओं ने मसूरी के शहीद स्थल पहुंचकर शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान शिफन कोर्ट के आवासहीन लोगों ने शहीद स्थल पहुंचकर प्रदर्शन किया.
गुरुवार को मसूरी शहीद स्थल पर शिफन कोर्ट के आवासहीन लोगों ने निर्बल मजदूर वर्ग एवं अनुसूचित जाति संघर्ष समिति के सदस्यों के साथ प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस से उनकी हल्की-फुल्की नोकझोंक भी हुई. इस दौरान पुलिस द्वारा समिति के सदस्यों को शहीद स्थल से हटाने की पुरजोर कोशिश की गई, लेकिन सदस्य डटे रहे.
इस दौरान सीएम के संबोधन के बाद समिति के लोगों ने सीएम को एक ज्ञापन भी सौंपा. इस पर सीएम ने सभी बेघर पीड़ितों के विस्थापन की बात कही. सीएम धामी के चले जाने के बाद समिति के सदस्यों द्वारा भाजपा के नेताओं को काले झंडे दिखाए गए.
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शिफन कोर्ट पर सीएम का बयानः शिफन कोर्ट मामले पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बेघर लोगों का पुनर्वास किया जाएगा. वहीं, रोपवे परियोजना का शुभारंभ शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों के विस्थापन के बाद होगा.
ये है पूरा मामलाः मसूरी शहर के लाइब्रेरी स्थित शिफन कोर्ट में नगर पालिका (पर्यटन विभाग) की भूमि पर अवैध रूप से निवासरत 84 परिवारों को शासन-प्रशासन द्वारा 24 अगस्त 2020 को सरकार की महत्वाकांक्षी योजना (देहरादून-मसूरी रोपवे) के तहत बल पूर्वक हटाया गया था. अवैध रूप से बने मकानों को ध्वस्त किया गया.
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इसके बाद विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों का समर्थन किया और उनके साथ उनके आवास की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी है. हालांकि, स्थानीय विधायक व वर्तमान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी द्वारा शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों को आवास की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया गया.
साथ ही 2020 अक्टूबर महीने में शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों को मसूरी विधायक गणेश जोशी व राज्यसभा सांसद नरेश बंसल द्वारा 21-21 हजार के चेक आर्थिक सहायता के रूप में भी वितरित किए गए. लेकिन विभिन्न संगठनों का समर्थन मिलने के बाद शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों का आंदोलन और तेज हो गया है.